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माही वॉशरूम में थी लेकिन उसका फोन वाइब्रेशन मोड पर बज रहा था। कोई अननोन नंबर था इसलिए कुमुद ने भी कॉल रिसीव नहीं किया।
“माही ओ माही…बेटा बाहर आकर डिनर कर लें।”
“हां मम्मी बस पांच मिनट!”
काफी देर तक जब माही बाहर नहीं आई तो कुमुद ने खुद बेटी के कमरे में जाकर देखा। माही वॉशरूम में थी लेकिन उसका फोन वाइब्रेशन मोड पर बज रहा था। कोई अननोन नंबर था इसलिए कुमुद ने भी कॉल रिसीव नहीं किया। लेकिन ये क्या तेरह मिस कॉल बाईस मेसेज? सब अलग-अलग नंबर थे। अब कुमुद का माथा ठनका। कुछ तो जरूर गड़बड़ है जो माही मुझे बता नहीं रही है या फिर बता नहीं पा रही है।
कुमुद चुपचाप माही के कमरे से बाहर निकल आई और सोफे पर आकर बैठ गई।
‘हे भगवान! क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है, इतने सारे कॉल और एसएमएस वो भी सब अलग-अलग नंबर से? सीधा जाकर पूछूँगी तो कहीं वो गुस्सा ना हो जाए। क्या करें ये उम्र ही ऐसी है। लेकिन पूछना तो पड़ेगा ही। उसकी उम्र केवल 15 साल है इस उम्र में तो मैं उसे मोबाइल देना ही नहीं चाहती थी, ना ही राजेश इसके लिए सहमत थे। लेकिन ये ऑनलाइन क्लासेज के चक्कर में उसे मोबाइल और नेट कनेक्शन दोनों ही देने पड़े। वैसे भी साल भर से वो जिद कर रही थी लेकिन किसी तरह उसे समझा-बुझाकर मना कर दिया था।
राजेश भी बहुत गुस्सा हुए थे जब मैंने माही के लिए मोबाइल लेने को कहा था लेकिन जब पता चला कि ऑनलाइन क्लासेस की वजह से अब यह ज़रूरी हो गया है तो वह भी मान गए पर इस समय समस्या मोबाइल नहीं बल्कि वह मिस कॉल हैं, मैसेजेस हैं। शायद इसीलिए माही मुझे दो दिन से उदास लग रही है, कुछ तो बात है जो वह मुझसे छुपा रही है, लेकिन अभी नहीं डिनर के बाद उसके कमरे में जाकर बात करूंगी।’
डिनर के समय भी कुमुद ने माही से कुछ भी नहीं कहा और वैसे भी सबके सामने बात करना सही नहीं था। इसीलिए जब माही अपने कमरे में सोने के लिए गई तब उसका फेवरेट चॉकलेट मिल्क शेक लेकर कुमुद भी आ गई अपनी बेटी के पास। लेकिन यह क्या माही फिर से अपने बेड पर नहीं थी शायद बालकनी में थी और फोन फिर से बज रहा था फिर एक नया नंबर अब कुमुद ने फोन उठा लिया।
“हेलो! कौन?”
“अरे मेरी जान! तेरा यार बोल रहा हूं। बता क्या दाम है? कहां मिलेगी?”
“क्या बकवास है ये? पागल हो गये हो क्या? हो कौन तुम? नंबर कहां से मिला?”
“फोटो जो डाल रखा है नंबर के साथ फेसबुक पर? तो फोन तो आयेगा ना।” और फोन कट गया। कुमुद ने झट से मैसेज बॉक्स और व्हाट्सएप खोल कर देखा यह क्या इसी तरीके के मैसेज की भरमार थी।
‘हे भगवान यह क्या हो गया? मतलब इसीलिए माही उदास है अब क्या करूं?’ फोन वापस बेड पर रखकर कुमुद पलटी तो देखा माही दरवाजे पर अपना सिर टिकाए खड़ी थी और मां कुमुद को देखकर अपनी भावना रोक नहीं पाई। झट से आकर अपनी मां को लिपट गई और फूट-फूट कर रोने लगी।
“मम्मी! मम्मी, मुझसे गलती हो गई। न जाने कैसे मेरा फोटो और नंबर लीक हो गया और अब देखो ना ये क्या हो रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। प्लीज मुझे बचा लो।”
“माही बेटा हिम्मत रखो! मैं हूं ना…बस…चुप।”
“मुझे समझ में नहीं आ रहा है क्या करूं? वो लोग बहुत गंदी-गंदी बातें करते हैं। मम्मी मैं क्या करूं मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है?” डर के मारे कांपती और सिसकियां भरर्त हुई माही ने अपनी मां को गले लगा कर कहा। मानो अपनी मां के आंचल में फिर से छुप जाना चाहती हो।
कुमुद ने बेटी माही को अपने आंचल में समेट लिया और प्यार से उसकी पीठ सहलाकर उसे चुप कराया फिर टेबल पर रखा पानी का गिलास हाथ में देते हुए प्यार से उसके सर पर हाथ फेरा और कहा, “माही सबसे पहली बात तो ये की मुश्किल चाहे जितनी भी बड़ी हो मैंने तुम्हें हमेशा लड़ना सिखाया है इसलिए अपना मन शांत करो और फिर इस समस्या का समाधान निकालो।”
“मम्मी मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। मुझे नहीं पता कैसे मेरा फोटो और फोन नंबर लीक हो गया है और सोशल मीडिया पर पहुंच गया अब न जाने कौन कौन फोन कर रहा है गंदी गंदी बातें…” इतना कहते कहते माही फिर से रोने लगी।
“बेटा रोना बंद करो और सबसे पहले तो यह सिम अपने फोन से निकालकर डिस्ट्रॉय कर दो क्योंकि हम नहीं जानते कि तुम्हारा यह नंबर किस-किस तक पहुंच चुका है इसीलिए पहले यह सिम बंद करो उसके बाद सोशल मीडिया पर जहां भी तुमने अपने फोटो डाले हैं उन पर लॉक लगा दो ताकि तुम्हारी और तुम्हारी फ्रेंड्स के अलावा कोई भी तुम्हारे फोटोस ना देख सके, ना ही किसी के साथ शेयर कर सके।”
“ठीक है मम्मी अभी करती हुं। लेकिन पापा?”
“माही बेटा कल मैं तुम्हें नई सिम लाकर दे दूंगी। अब तुम्हें समझ आया ना कि क्यों तुम्हारे पापा तुम्हें मोबाइल देने की लिए सहमत नहीं थे? खैर कोई बात नहीं जो हो गया सो हो गया। इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है लेकिन अब यह बात याद रखना कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना फोन नंबर किसी भी अनजान से शेयर नहीं करना है या ना ही अपडेट करना है और अगर जरूरी है तो उसे हमेशा हाइड करके रखो। और फोटो शेयर करते समय भी उसकी प्राइवेसी पब्लिक ना करके फ्रेंड्स तक रखो ताकि केवल तुम्हारी फ्रेंडस ही उस फोटो को देख सके ना कि पूरी दुनिया। समझी?”
“”हां मम्मा मैं समझ गई और प्लीज आप ये सब कुछ पापा को मत बताना।”
“ठीक है, कुछ नहीं बताऊंगी। लेकिन वादा करो कि आज के बाद तुम सोशल मीडिया का यूज़ करते समय मेरी बताई हुई बातों को हमेशा दिमाग में रखोगी और दूसरी बात अगर कोई भी दिक्कत हो तो चुपचाप आंसू ना बहा कर अपनी मां को अपने दिल की हर बात बताओगी।”
“वादा करती हूं मम्मी की आज के बाद अपने दिल की हर बात आपको बताऊंगी कुछ भी नहीं छुपाऊँगी और मोबाइल का यूज बहुत ही ध्यान से करूंगी।”
“ये हुई ना बात! बेटा इस पूरी दुनिया में केवल आपके माता-पिता ही होते हैं जो आपका भला चाहते हैं, आपकी खुशियों के लिए अपना जीवन न्योछावर करते हैं। समस्या चाहे कितनी भी बड़ी हो माता पिता हमेशा अपने बच्चों के साथ खड़े नजर आते हैं, समझी? इसीलिए कहती हूं कि मेरी दोस्त बन जाओ और अपने दिल की हर बात मुझे बताओ। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। कभी भी खुद को अकेला मत समझना….आई लव यू बच्चा।”
“आई लव यू टू मम्मा!” बस इतना कह कर माही ने मां कुमुद को गले लगा लिया।
दोस्तो, आजकल सोशल मीडिया का वर्चस्व बहुत ही बढ़ गया है लाइक और कमेंट के इस खेल में हम अपने निजी जानकारियां फोटोस आदि मुफ्त में पूरी दुनिया को परोस रहे हैं और इसी वजह से कई असामाजिक तत्व इसका गलत उपयोग भी कर रहे हैं। मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि अपने और अपने परिवार की कोई भी निजी जानकारी या फोटोस इस तरीके से शेयर ना करें कि कोई भी उसका गलत उपयोग कर पाए। आपकी राय जरूर साझा कीजिएगा।
मूल चित्र : Sujay_Govindraj from Getty Images Signature via CanvaPro
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