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पुरुषों में भी इनफर्टिलिटी या बांझपन की समस्या देखी जाती है इसलिए केवल महिलाओं को बच्चा न होने के लिए ज़िम्मेदार ठहराना गलत है।
आज भी समाज में एक विवाहित दंपति को सफल तब ही माना जाता है, जब शादी के एक-दो साल के बाद ही उन्होंने बच्चों को जन्म दे दिया हो। मगर जब ऐसे दंपति मां-बाप नहीं बन पाते हैं, तब समाज उन्हें असफल मान लेता है।
आमतौर पर देखा जाता है कि मां-बाप नहीं बनने के कारणों में महिला और पुरुष के अंदर हार्मोन या अन्य किसी तरह की कमी का होना होता है, मगर समाज के पितृसत्तात्मक ढाँचे के कारण कठघरे में हमेशा एक महिला ही खड़ी मिलती है क्योंकि समाज एक औरत को बच्चा पैदा करने की मशीन समझता है। यह समाज में सालों से चलता आ रहा है इसलिए इसपर ज्यादा बातें नहीं हो पातीं।
बांझपन या इनफर्टिलिटी का कारण सिर्फ महिला तक सीमित नहीं रह सकता है क्योंकि जितना एक महिला बच्चों के जन्म के लिए ज़िम्मेदार होती है, उतना ही एक पुरुष भी होता है। बच्चों के होने के लिए महिला और पुरुष को 50-50 प्रतिशत की ज़िम्मेदारी होती है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि केवल महिलाएं ही बच्चा पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार हैं।
अगर कोई दंपति बिना सुरक्षा के शारिरीक संबंध बनाती हैं, मगर महिला प्रेंगनेट नहीं हो पाती तो इसे इनफर्टिलिटी कहा जाता है और ऐसे कपल्स को इनर्फटाइल कपल माना जाता है। आम भाषा में इसे बाँझपन भी कहा जाता है। भारत में अनेक दंपति माता-पिता बनने के सुख से वंचित रह जाते हैं। वहीं आंकड़ों की माने तो भारत में साल 2020 में वर्तमान प्रजनन दर 2.200 जन्म प्रति महिला है, इसमें साल 2019 से 0.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की भारत में इनफर्टिलिटी पर आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में इन्फर्टिलिटी से जुड़े अधिकांश केसों में से करीब 50 प्रतिशत केस पुरुष इनफर्टिलिटी से जुड़े थे। दुनियाभर में करीब 5 करोड़ से भी ज्यादा कपल्स इन्फर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं और चाहकर भी बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे हैं।
पुरुषों में ये चीज़ें आमतौर पर देखी जाती हैं इसलिए केवल महिलाओं को जिम्मेदार ठहराना सरासर गलत हैं। हालांकि महिलाओं में भी इनफर्टिलिटी की समस्या देखी जाती है।
पटना की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कल्पना सिंह बताती हैं कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन या इनफर्टिलिटी की समस्या होती है। आजकल हालांकि उपचार के जरिए दंपति संतान पा सकते हैं मगर केवल महिलाओं को जिम्मेदार ठहराना सरासर गलत हैं। बच्चा होने में परेशानी आने पर हर कपल को अपनी जांच करवानी चाहिए।
डिस्क्लेमर : लेख में मौजूद बातें इंटरनेट से लिए गए हैं। परामर्श के लिए डॉक्टर से मिलना जरुरी है क्योंकि सबकी समस्या भिन्न हो सकती है।
मूल चित्र : cheekudigital from Getty Images via Canva Pro
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