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सब औरतें संडे को बहुत बिजी रहती हैं लेकिन एक तुम हो दुनिया से निराली। तुम आराम से बिना टेंशन के संडे का इन्तज़ार करती हो। आखिर कैसे?
“पिया, ओ पिया उठो बेटा, स्कूल जाना है।”
“क्या है मम्मी आपको? रोज सुबह 6 बजे उठा देते हो। उठाने के बाद, नहलाने के बाद से स्कूल की वैन में बैठने तक आप मेरे ही पीछे लगे रहते हो।” छोटी सी पिया ने अपनी मम्मी से कहा।
“बेटा, आज शनिवार है। बस आज स्कूल जाना है। फिर कल तो छुटी है आपकी, आराम से सोना, कोई नही उठायेगा आपको। चलो भागो, आपकी वैन आ गयी।”
“ओके बाय मम्मी।”
पिया के जाते ही वीना ने घर को साफ करना शुरू कर दिया। तभी सूरज भी उठ गए, “आप फ्रेश हो जाओ, मैं आपके लिए चाय लेकर आती हूँ।”
दोनो पति-पत्नी साथ मे चाय पी रहे हैं और बात कर रहे हैं…
“कल संडे है। क्या प्रोग्राम है आपका सूरज?”
“तुम बताओ वीना, सब औरतें संडे को बहुत बिजी रहती हैं, उन्हें सांस लेने की भी फुर्सत नही होती। सब कहती हैं, ‘काहे का संडे, कितना काम करना होता है’, लेकिन एक तुम हो दुनिया से निराली। तुम आराम से बिना टेंशन के संडे का इन्तज़ार करती हो। तुम संडे को हमेशा तैयार रहती हो कहीं घूमने जाने को। ऐसा कैसे करती हो तुम बताओ? आज तुम बता ही दो इसके पीछे तुम क्या करती हो कैसे सब प्रोग्राम तैयार कर लेती हो।”
“शुक्रिया, आज आपके मुख से अपनी तारीफ सुनकर मैं तो धन्य हो गयी हूँ। तो बता दूं, आपको मेरे संडे के फन-डे का राज…
सबसे पहले यदि हम औरतें अपने काम का दैनिक रुटीन बना कर चले तो काम आसान हो जाते हैं। जैसे कि सब्जियां रात को काट कर रखे, बच्चों का बैग, उनके यूनिफॉर्म, जूते पॉलिश भी रात में ही तैयार कर लें। जितना हो सके आप कपड़े धोने के काम को 1 दिन पहले ही कर ले ताकि संडे को ज्यादा काम न बढ़े।
अपने बच्चों को भी थोड़ा थोड़ा काम जरूर सीखा देना चाहिए। उनकी मदद भी लेनी चाहिए। जैसे अपनी पिया को ही देखो अभी 5 साल की है लेकिन अपने जूते पॉलिश कर लेती है। मेरे साथ मिलकर पालक, मटर, बिन्स आदि सब्जियां भी साफ करवा देती है। पौधों को पानी दे देती है, अपने खिलौनों को भी उनकी नियत जगह पर ही रखती है।
पतिदेव, आप भी शामिल हो मेरे संडे के राज में यदि आप अपने सारे काम खुद न करो तो मुसीबत हो जाती। लेकिन आप अपने सारे काम खुद करते हो जैसे अपने कपड़े को प्रेस करना, बाज़ार से सामान लाकर देना। जब आपके पास टाइम होता है, आप मेरे साथ मिलकर रसोई में जो थोड़ा बहुत काम करवा देते हो न इसी से मुझे सहयोग मिल जाता है। और सबके साथ मिलकर काम करने से मेरा काम आसान हो जाता है।
और एक बात संडे के दिन सबकी फरमाईश को भी पूरा करना होता है। सब लेट तक सोते हैं फिर नाश्ते की जगह मैं तो स्पेशल डिश ही बना लेती हूं जैसे पाव भाजी, डोसा, राजमा चावल, पुलाव, छोले भटूरे।”
“सही कहा बीबी, तुम ग्रेट हो। अब मैं चलता हूँ ऑफिस… तुम करो कल की तैयारी। कल हम पिया के साथ मूवी चलेंगे वो भी खुश हो जायेगी।” सूरज ने कहा।
“सही कहा आपने, फिर हमेशा की तरह मेरी लाड़ो कहेगी वाह, मम्मी का संडे आ गया।” वीना ने मुस्कुराते हुए सूरज से कहा।
दोस्तो, सच है सबके लिए संडे आता है लेकिन हम औरतों का रविवार कब आयेगा ये हम सब सोचते हैं। यदि आप थोड़ी सी प्लानिंग कर के चलें तो आप भी अपने परिवार के साथ रविवार का आनंद ले सकते हैं।
मूल चित्र : Screenshot of Chhalaang Movie
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