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काजल की सास बोलीं, "तुम दोनों बहुत वर्षों बाद मिले हो, बहुत सारी बातें होंगी जो एक दूसरे से कहनी होंगी। मैं अपने कमरे में जाती हूँ।"
काजल की सास बोलीं, “तुम दोनों बहुत वर्षों बाद मिले हो, बहुत सारी बातें होंगी जो एक दूसरे से कहनी होंगी। मैं अपने कमरे में जाती हूँ।”
आज काजल की सहेली प्रिया आने वाली है। उसका जॉब इंटर्व्यू जो है दिल्ली में। काजल और प्रिया कॉलेज से अच्छे दोस्त रहे हैं। काजल की शादी के बाद भी लगभग सप्ताह में १-२ बार दोनो की फ़ोन पर बात हो ही जाती है।
आज सुबह से ही प्रिया के स्वागत की तैयारियों में काजल लगी हुई है। उसकी सास ने बोला भी, “काजल बेटा थोड़ा आराम कर ले! शीला तेरी मदद कर देगी। सब समय से हो जाएगा। तू चिंता मत कर!”
लेकिन उत्साह! बस काजल तैयारियों में लगी हुई थी। दरवाज़े की बेल बजते ही काजल भाग कर दरवाज़े पर पहुँची सामने प्रिया को देखकर अपनी ख़ुशी का इज़हार उसने प्रिया को गले लगाते हुए किया।
“आओ प्रिया, अंदर आओ।”
प्रिया घर में अंदर आते ही देखती है की काजल की सास सामने ही बैठी है। प्रिया ने आते ही काजल की सास को नमस्ते किया। फिर सब आपस में बात करने लगे और शीला, जिसे घर के काम के लिए रखा है वो सबके लिए चाय बनाने चली गयी।
काजल की सास बोलीं, “तुम दोनों अब बात करो। बहुत वर्षों बाद मिले हो बहुत सारी बातें होंगी जो एक दूसरे से कहनी होंगी। मैं अपने कमरे में आराम करने जाती हूँ।” ये कहते हुए वो अपने कमरे में चली गयीं।
काजल ने प्रिया की ख़ूब ख़ातिर की। प्रिया भी ख़ुश लग रही थी कि काजल उसका ख़ूब ध्यान रख रही है। तभी प्रिया ने बातों-बातों में काजल को बोला, “सुन काजल एक बात बोलूँ? तेरी सास तो बड़ी मॉडर्न है! ये ही इतना सज लेती है, तुझे बस काम में ही लगायी रहती होंगी।” ताना मारते हुए प्रिया ने कहा।
“एक दम नयी डिज़ाइन का सूट लग रहा था। बाल भी एकदम कलर किए हुए। इन्हें अपनी उम्र का ख़याल नहीं है जो इतना बन ठन के रहती हैं, जैसे अभी बड़ी जवान हो? ख़ूब खर्चीली है तेरी सास। बच के रहना”, कहते हुए प्रिया ने काजल को हिदायत दी।
प्रिया की बात सुनकर काजल को बड़ा अजीब लगा और कुछ हद तक बुरा भी, क्योंकि काजल की सास काजल का बहुत ख़याल रखती थीं। कभी कोई रोक टोक नहीं, जो काजल की मर्ज़ी वही घर में होता और पूरा परिवार हंसी ख़ुशी रहता।
तभी काजल ने प्रिया को हंसकर कहा, “माँ जी अच्छे से रहें, तभी तो मेरी भी शान है। इसमें ग़लत क्या है? जो भी माँ जी को देखता है वो यही कहता है काजल जैसी बहु मुझे भी मिलनी चाहिए। वर्षा बहन जी कितनी भाग्य शाली है जो उन्हें काजल जैसी बहु मिली जो उनका इतना ख़याल रखती है! अब तू ही बता प्रिया इसमें क्या ग़लत है?” मुस्कुराते हुए काजल ने प्रिया से पूछा।
प्रिया निरुत्तर हुई काजल की तरफ़ देखती रह गयी।
प्रिय पाठकों इस कहानी के माध्यम से मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहती हूँ कि हर सिक्के के दो पहलू होते है। हमेशा सास ग़लत हो ये ज़रूरी नहीं। इंसान ग़लत होते हैं, कोई रिश्ता नहीं। अगर कोई इंसान ग़लत है, तो वो किसी भी रिश्ते में हो सकता है!
मूल चित्र : KIJO77 from Getty Images via CanvaPro
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