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घर वालों के रोशनी को इतना सपोर्ट करने से रिया के दिल में अपनी भाभी के लिए नफरत बढ़ती जा रही थी। लेकिन उसकी सब बातें गलत साबित होतीं।
रोशनी जब रोहन के साथ शादी करके ससुराल आई, तो कुछ ही दिनों में उसने अपने गुणों और खुश मिज़ाज स्वभाव से सब के दिलों में अपने लिए जगह बना ली थी। रोशनी अपने पति रोहन, सास-ससुर और ननद रिया का बहुत ख्याल रखती थी। उनके कुछ बोलने और पूछने पर हमेशा खुश होकर ही जवाब देती थी। जहां रोहन अपनी पत्नी के रूप में रोशनी को पाकर अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझता था। वहीं रोशनी के सास ससुर रोशनी जैसी बहू पाकर फूले नहीं समाते थे। वह दोनों उसे आशीर्वाद देते थकते नहीं थे।
पर रोशनी की छोटी ननंद रिया को घर में सबका रोशनी की इतनी तारीफ करना अच्छा नहीं लगता था। सब के मुंह से रोशनी की तारीफ सुनकर वो जल भुन जाती थी। उसे लगता था, आज के जमाने में कोई बहू इतनी अच्छी नहीं हो सकती है। भाभी बस सबके सामने अपने आपको अच्छा साबित करने के लिए ढोंग और दिखावा कर रही हैं। यह सब बस भाभी का नाटक है।
रिया रोशनी को नीचा दिखाने और ताना मारने का कोई मौका नहीं छोड़ती थी। कई बार वह अपनी मां को भी भाभी के खिलाफ भड़काने की कोशिश करती थी, जिससे भाभी की इज्जत घर में कम हो जाए। रिया के इन गलत हरकतों पर उसकी मां उसे अक्सर बहुत डांट देती थी। पर रोशनी अपनी सास को यह समझाते हुए रिया को डांटने से मना करती थी, “मां, अभी रिया छोटी है इसलिए बचपने में यह सब करती है। रहने दीजिए बड़ी हो जाएगी तो अपने आप समझ जाएगी।” रिया को भाभी का मां को इस तरह समझाना भी नाटक लगता था।
बल्कि रोशनी अपने परिवार से ही सब को सम्मान देना और घर गृहस्थी संभालना सीख कर आई थी। वह हर काम दिल से करती थी। सास ससुर की सेवा करना अपना फर्ज समझती थी और रिया को भी अपनी छोटी बहन की तरह मानती थी। पर रिया जो अपने आप को बहुत अकलमंद मानती थी। वह सब के समझाने पर भी रोशनी को गलत ही समझती थी।
एक बार रोहन शहर में ही एक फ्लैट रोशनी के नाम बुक किये थे। बुक करने के पहले उसने अपने मम्मी-पापा से इसके बारे में बात की थी कि वह फ्लैट मम्मी-पापा के नाम खरीद रहा था। पर रोहन की मां ने कहा, “बेटा जिस घर में हम रह रहे हैं, यह घर भी मेरे नाम है और तुम्हारे पापा ने कई और जमीनें अपने और मेरे नाम खरीदी हैं, इसलिए यह फ्लैट तुम रोशनी के नाम ले लो। तुम्हारी एनिवर्सरी भी आने वाली है। यह फ्लैट रोशनी को गिफ्ट में दे देना।” पहले तो रोहन मम्मी-पापा की बात नहीं मान रहा था, मगर उनके बार-बार समझाने पर फ्लैट उसने रोशनी के नाम ले लिया था।पर उसने मम्मी-पापा से यह बात अभी किसी को बताने से मना किया था।
जब रोहन ने एनिवर्सरी पार्टी में रोशनी को फ्लैट के पेपर गिफ्ट में दिए। तब रोशनी ने पेपर देखने के बाद रोहन से कहा, “यह फ्लैट तुम्हें मम्मी-पापा के नाम लेना चाहिए था।” पर रोहन के बताने पर कि मम्मी पापा ने ही कहा है कि यह फ्लैट तुम्हें एनिवर्सरी पर गिफ्ट देने के लिए तो वह खुश हो गई थी। पर रिया को यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी। उसे लग रहा था कि अगर मम्मी-पापा ने मना कर दिया था, तो मेरे नाम ले लेते, मैं इस घर की बेटी हूं। भाभी के नाम लेने की क्या जरूरत थी? भाभी तो अभी एक साल पहले ही इस घर में आई हैं।
दूसरे ही दिन रिया ने मौका पाते ही अपनी मां को भाभी के खिलाफ भड़काने लगी, “मां कल आपने देखा? भाभी को पहले से ही पता था कि भैया ने उनके नाम फ्लैट लिया हैं। फिर भी ऐसे नाटक कर रही थीं कि उन्हें कुछ पता ही नहीं है। खुद ही भैया से कही होंगी कि फ्लैट मेरे और अपने नाम लो। और भैया से दिखावे के लिए यह बोली होंगी कि आप और पापा से पूछ लें। क्योंकि उन्हें तो पता है,आप दोनों बहुत सीधे हो भैया की बात पर तुरंत हां कर दोगे।”
रिया की बात सुनकर मां ने उसे डांटते हुए कहा, “तुम्हें थोड़ी सी शर्म है भी कि नहीं? बड़ी भाभी के बारे मेें ऐसी बात करने में तुम्हें बिल्कुल शर्म नहीं आई? एक साल हो गया, उसे यहां रहते हुए फिर भी तुम उसे समझ नहीं पाई। अरे कोई दिखावा और नाटक कितने दिन करेगा?”
रिया को मां का भाभी को इतना सपोर्ट करना बहुत बुरा लगा। मां से बोली, “आपको अपनी बेटी से ज्यादा दूसरे घर से आई लड़की पर विश्वास है?” और यह कह कर गुस्से में वहां से चली गई। घर वालों के रोशनी को इतना सपोर्ट करने से रिया के दिल में अपनी भाभी के लिए नफरत बढ़ती जा रही थी।
एक दिन रिया के मोबाइल पर रॉन्ग नंबर से फोन आया। रिया ने कॉल रिसीव की किसी लड़के की कॉल थी। उस समय रिया ने रॉन्ग नंबर बोल कर कॉल कट कर दिया था। पर फिर उसी नंबर से उसे कॉल आने लगी, रिसीव न करने पर मैसेज आने लगे। मैसेज में रिया की बहुत तारीफ लिखी होती थी। रिया जिसे लगता था कि घर में उसे ना कोई प्यार करता है, ना ही कोई उसकी तारीफ करता है। इसलिए उसे तारीफ भरा मैसेज पढ़कर बहुत अच्छा लगने लगा था। इसलिए कुछ दिन बाद रिया उस लड़के से फोन पर बात भी करने लगी। धीरे-धीरे रिया का लगाव उस लड़के से बहुत ज्यादा हो गया था।
एक दिन रिया कॉलेज से अपनी सहेली के साथ उस लड़के से मिलने चली गई, पर लड़के से मिलकर वह समझ गई कि लड़का गुंडा और लफंगा टाइप है। इसलिए घर पहुंचते ही रिया ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया था। नंबर बंद आने पर लड़के ने नए नंबर से रिया को मैसेज किया, “जब तुम मिलने आई थी, तब मैंने तुम्हारी फोटो ले ली थी। मैंने तुम्हारी फोटो अपनी फोटो के साथ मिक्स करके नई फोटो बना ली है। अगर तुम मुझसे मिलने नहीं आई तो मैं इस फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दूंगा।” लड़के का मैसेज पढ़ कर रिया बहुत डर गई और बहुत परेशान हो गई। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि किससे यह बात बता कर मदद ले।
अब रिया ना ढंग से खाती थी और ना सो पाती थी। उसे दिन रात यही चिंता रहती थी कि वह क्या करे और अगर यह बात घर वालों को पता चल गयी तो क्या होगा। रोशनी रिया को कई दिनों से दुखी और परेशान देख रही थी। उसने कई बार रिया से पूछा भी पर रिया ने बात टाल दी, कुछ बताया नहीं।
एक दिन शाम को रोशनी चाय लेकर अचानक से रिया के कमरे में चली गई। उस समय रिया बैठी रो रही थी। रोशनी को अचानक अपने कमरे में देखकर हड़बड़ा गई। जब रोशनी ने रिया से रोने का कारण कई बार पूछा, तब रिया पहले तो मना करती रही, फिर रोशनी के समझाने पर रोशनी को पकड़ कर रोने लगी और उसने सारी बात बता दी। रिया की पूरी बात सुनकर रोशनी भी घबरा गई थी। मामला गंभीर था। रोशनी ने रिया को समझा-बुझाकर शांत किया कि वह रोहन से बात करके इस मामले को किसी तरह निपटाने के लिए कहेगी।
जब रोशनी ने रोहन को सारी बात बताई, तो रोहन रिया के ऊपर बहुत गुस्सा हो गया। रोशनी ने रोहन से कहा, “तुम रिया से अभी कुछ ना कहो, वह बहुत डरी हुई है। कहीं डर में कोई गलत कदम ना उठा ले। मम्मी पापा को भी यह बात पता ना चले। नहीं वह भी बहुत दुखी और परेशान हो जाएंगे। मामला बहुत गंभीर है, इसलिए इस मामले को हमें सावधानी से हल करना पड़ेगा।”
आखिर रोहन ने बहुत सोच समझकर अपनी पहचान वाले सब इंस्पेक्टर से सारी बात बता कर उनसे मदद ली। रोहन ने सब इंस्पेक्टर से विनती की थी कि उसकी बहन और परिवार का नाम ना आए इस केस में। फिर इस्पेक्टर के कहने पर रिया से लड़के को फोन करा के, यह कहलाया गया कि वह मिलने आएगी, ‘किस जगह आना है, तुम यह बता दो।’
लड़के के मिलने की जगह और समय बताने पर पुलिस सादी वर्दी में वहां पहले से ही पहुंच गई थी। वहां से थोड़ी दूर पर रोहन और रोशनी रिया को लेकर अपनी कार में बैठे थे। जब लड़का आकर रोशनी को इधर-उधर खोजने की कोशिश कर रहा था। तभी कार से ही रिया ने लड़के को पहचान कर उसकी तरफ इशारा करते हुए, लड़के का हुलिया और कपड़े का रंग पुलिस को फोन पर बता दी। पुलिस ने तुरंत लड़के को गिरफ्तार कर लिया था।
जब पुलिस लड़के को गिरफ्तार कर ली, तब रोहन ने अपनी कार वहां से घर की तरफ बढ़ा दी थी। तभी रिया रोशनी को पकड़ कर रोने लगी और माफी मांगने लगी, “भाभी मुझे माफ कर दें। मैं हमेशा आपके प्यार को ढोंग और नाटक समझकर आपकी बेइज्जती करती रही और आज आपने ही मेरी इज्जत बचाई। आपकी वजह से मैं और पूरा परिवार बदनाम होने से बच गया। मां सही कहती है, कि बड़ी भाभी मां के समान होती हैं। पर मैं मां की बात कभी नहीं मानी। काश, भाभी मैं आपको गलत ना समझती।”
रोशनी रिया के आंसू पूछते हुए बोली, “जो होना था, वह हो गया। अब सब सही है, तुम मत रोओ। मैंने कभी तुम्हारी बातों का बुरा नहीं माना। हमेशा अपनी छोटी बहन माना। और सबसे अच्छी बात यह है कि आज तुम्हें अपनी गलती का एहसास हो गया। कहते हैं, जब जागो तभी सवेरा।”
मूल चित्र : Bhoopal M from Pexels
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