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भारत सरकार की पद्म अवॉर्ड 2021 की लिस्ट में हैं इन प्रभावशाली महिलाओं के नाम

देश के सर्वोच्च नागरिक के लिए पद्म अवॉर्ड 2021 का ऐलान किया जा चुका है। तो आइये जानते हैं इस लिस्ट में शामिल सभी महिलाओं के बारे में...

देश के सर्वोच्च नागरिक के लिए पद्म अवॉर्ड 2021 का ऐलान किया जा चुका है। तो आइये जानते हैं इस लिस्ट में शामिल सभी महिलाओं के बारे में…

केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर साल 2021 में देश के सर्वोच्च नागरिक के लिए पद्म अवॉर्ड 2021 का ऐलान किया है। पद्म पुरस्कारों की तीन श्रेणियों में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री सम्मान शामिल होते हैं और इनसे ही सम्मानित किया जाता है।

इसमें 119 पद्म पुरस्कार दिए जाने को मंजूरी दी है, जिनमें सात पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्मश्री हैं। इनमें 10 लोग विदेशी, प्रवासी भारतीय, पीआईओ और ओसीआई तथा एक व्यक्ति ट्रांसजेंडर श्रेणी से हैं। इनमें 16 लोगों को पद्म पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए हैं। पद्म पुरस्कार विजेताओं में 29 महिलाएं हैं।

आइये जानते हैं पद्म अवॉर्ड 2021 की लिस्ट में शामिल इन सभी महिलाओं के बारे में…

पद्म भूषण से 2 महिलाओं को नवाज़ा जाएगा

कृष्णन नायर शांताकुमारी चित्रा – आर्ट

केरल की कृष्णन नायर शांताकुमारी चित्रा भारतीय प्लेबैक सिंगर और कर्नाटक म्यूजिशियन हैं। इन्होने ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में 25,000 से अधिक गीत रिकार्ड किये हैं। चित्रा को छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों, आठ फिल्मफेयर पुरस्कार, 36 विभिन्न राज्य फिल्म पुरस्कार, चार दक्षिण भारतीय राज्य फिल्म पुरस्कार और 2005 में भारत के नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।

सुमित्रा महाजन – पब्लिक अफेयर्स

मीरा कुमार के बाद सुमित्रा महाजन दूसरी महिला लोकसभा स्पीकर हैं। ताई के नाम से मशहूर सुमित्रा महाजन देश की एकमात्र महिला सांसद हैं, जो एक ही लोकसभा क्षेत्र से, एक ही पार्टी से लगातार 8 लोकसभा चुनाव जीतीं हैं। वे इंदौर से चुनी जाती हैं।

पद्म श्री से सम्मानित होने वाली महिलाएं

अनीता पौलदुरई – स्पोर्ट्स

तमिलनाडु की भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी अनीता 19 साल की उम्र में  सीनियर नेशनल टीम की कप्तानी करने वाली अब तक की सबसे कम उम्र की खिलाडी हैं और उन्होंने 8 साल तक नेशनल टीम की कप्तानी की। अनीता के पास नेशनल चैम्पियनशिप में 30 पदक का रिकॉर्ड है। वे पहली ऐसी भारतीय महिला हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्क्वॉड का प्रतिनिधित्व करते हुए लगातार नौ एशियाई बास्केटबॉल परिसंघ (एबीसी) चैंपियनशिप खेली हैं। 

भूरी बाई – आर्ट

एक दिहाड़ी मजदूर से अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार बनने वाली भूरी बाई
चित्र साभार : YourStory

मध्य प्रदेश की भूरी बाई एक भारतीय भील कलाकार हैं। भूरी बाई भारत के सबसे बड़े आदिवासी समूह भीलों के समुदाय से हैं। उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए सर्वोच्च राजकीय सम्मान, शिखर सम्मान सहित कई पुरस्कार मिले हैं। 

लखीमी बरुआ – सोशल वर्क

असम की लखीमी बरुआ ने एक सौ से अधिक अंडरप्रिविलेज्ड महिलाओं को गरीबी से बचाया है और उन्हें अपने माइक्रोफाइनेंस संस्था, कोंकोलोटा महिला शहरी सहकारी बैंक के साथ आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद की है।

रजनी बेक्टर – ट्रेड एंड इंडस्ट्री

लुधियाना की व्यवसायी, रजनी बेक्टर अपने पिछड़े हुए व्यवसाय में 300 रु के निवेश के साथ बाजार से सफलतापूर्वक 541 करोड़ रुपये जुटाकर एक निर्विवाद बिजनेस टाइकून बन गई हैं। उनकी कंपनी Mrs Bector’s Food Specialities तेजी से व्यवसाय के लिए दुनिया में चर्चा का विषय बन रही है। 

सांगखुमी बॉलछौक – सोशल वर्क

पद्मश्री अवार्ड 2021 में अगला नाम है सांगखुमी बालछौक का। इन्हें सोशल वर्क के लिए पद्म अवॉर्ड 2021 में पद्मश्री से नवाजा गया है। ये मिजोरम से हैं और मिज़ोरम के लिए कई वर्षों से काम कर रही हैं।

बिजॉय चक्रवर्ती – पब्लिक अफेयर्स

असम की बिजॉय चक्रवर्ती भारतीय पॉलिटिशियन हैं। इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन जनता पार्टी में शुरू किया था और बाद में क्षेत्रीय असोम गण परिषद में शामिल हो गईं और 1986 से 1992 तक राज्यसभा में अपनी सेवाएं दीं। राज्यसभा में उनके कार्यकाल के बाद, वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं।

मौमा दास – स्पोर्ट्स

TT player Mouma Das, five other sportspersons awarded Padma Shri - Sportstar

भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास कोलकाता, पश्चिम बंगाल हैं। उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। दास ने 2018 में महिला टीम प्रतियोगिता में स्वर्ण सहित राष्ट्रमंडल खेलों में कई पदक जीते हैं। उन्हें खेल में उनके योगदान के लिए 2013 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

छुटनी देवी – सोशल वर्क

झारखण्ड की छुटनी देवी को एक समय पर डायन कह कर घर-गांव से निकाल दिया गया था। आज वे हर सामाजिक बुराई से लड़कर गांव में ही एसोसिएशन फॉर सोशल एंड ह्यूमन अवेयरनेस (आशा) के सौजन्य से संचालित पुनर्वास केंद्र चलाती है और अपनी जैसी असंख्य महिलाओं की ताकत बन गई है।

दुलारी देवी – आर्ट

बिहार की मिथिला पेंटिंग कलाकार दुलारी देवी पढ़ी-लिखी नहीं हैं। मगर, इनके कला-कौशल की चर्चा कला जगत की नामचीन पत्र-पत्रिकाओं तक में होती है। दुलारी देवी अभी तक अलग-अलग विषयों पर 7 हजार मिथिला पेंटिंग बना चुकी हैं। साल 2012-13 में इन्हें राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

राधे देवी – आर्ट

मणिपुर की 88 वर्षीय राधे देवी पद्म अवॉर्ड 2021 से सम्मानित की जाएँगी। ये अब तक 1000 से अधिक दुल्हनों के लिए विवाह परिधान तैयार कर चुकी हैं। राधे देवी मणिपुर में दुल्हन को परंपरागत पोशाक पोटलोई को नया जीवन देने के लिए जानी जाती हैं।

चित्र साभार : Twitter

शांता देवी – सोशल वर्क

उड़ीसा की शांता देवी अनाथों और निराश्रित बच्चों का पुनर्वास करने के लिए जानी जाती हैं। इन्होंने उड़ीसा के एक बहुत पिछड़े आदिवासी इलाके कोरापुट में एक छोटा सा आश्रम शुरू किया। बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए रायगढ़ में सेवा समाज की स्थापना की।

अंशु जमसेंपा – स्पोर्ट्स

अरुणाचल प्रदेश की अंशु जमसेंपा एक भारतीय पर्वतारोही और दुनिया की पहली महिला है, जिन्होंने सीज़न में माउंट एवरेस्ट के शिखर पर दो बार चढ़ाई की हैं। साथ ही ये पहली महिला और पहली मां जो दो बार दोहरे चढ़ाई पूरी कर चुकी हैं।

पूर्णमासी जानी – आर्ट

ओडिशा की के पास कोई औपचारिक शिक्षा नहीं है। लेकिन उन्होंने कई भाषाओं में 50000 से अधिक भक्ति गीतों की रचना करी है। इन्हें आदिवासी आध्यात्मिक लीडर कहा जाता है।

मंजम्मा जोगती – आर्ट

एक भिखारी से लेकर लोक कलाओं के लिए राज्य की शीर्ष संस्था तक, मंजम्मा जोगती की असाधारण जीवन कहानी आज स्कूल सिलेबस का एक हिस्सा है। मंजम्मा कर्नाटक में एक सरकारी अकादमी की प्रमुख बनने वाली पहली ट्रांसपर्सन हैं। ये इस बार के पद्म अवॉर्ड 2021 की लिस्ट में शामिल होने वाली इकलौती ट्रांसपर्सन भी हैं।

Manjamma Jogati first transwoman to head an academy in Karnataka - The Hindu
चित्र साभार : The Hindu

प्रकाश कौर – सोशल वर्क

पंजाब की प्रकाश कौर एक “यूनिक होम” चला रही हैं, जिसमें नौ दिन से लेकर 20s तक की उन लड़कियों को रख रही हैं जिन्हें छोड़ दिया गया है। इन्होंने जालंधर में नारी निकेतन में अपने जीवन के कई साल बिताने के बाद इसकी शुरुवात 1993 में आठ लड़कियों के साथ की थी। इनका मकसद लड़कियों को सुरक्षात्मक जीवन देना है।

संजीदा खातून – आर्ट

संजीदा खातून एक बांग्लादेशी संगीतज्ञ हैं। पद्म अवॉर्ड 2021 में इन्हें आर्ट केटेगरी में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। ये वर्ष 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम शिल्पी संगठन के संस्थापकों में से एक हैं।

नीरू कुमार – सोशल वर्क

देश की राजधानी दिल्ली से नीरू कुमार ने पद्म अवॉर्ड 2021 में अपनी जगह बनाई है। इन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। ये लंबे समय से अपने सोशल वर्क के लिए जानी जाती हैं।

लाजवंती देवी – आर्ट

त्रिपुरी की निवासी लाजवंती देवी को पंजाब के पटियाला में फुलकारी की परंपरा को जीवित रखने के लिए जाना जाता है। इन्हें आर्ट केटेगरी में पद्म श्री से नवाज़ा जाएगा।

पाप्पम्माल – एग्रीकल्चर

कोयंबुत्तूर, तमिलनाडु की पाप्पम्माल का अपना आर्गेनिक फार्म है जहां वे स्वयं काम करती हैं। इनका मानना है कि उम्र किसी भी चीज के लिए बाधा नहीं बन सकती है और हमेशा याद रखें कि कड़ी मेहनत का विकल्प कभी नहीं हो सकता है।

जसवन्तीबेन जमनादास पोपट – ट्रेड इंडस्ट्री

व्यापार और उद्योग की केटेगरी में महाराष्ट्र की जसवन्तीबेन जमनादास पोपट गुजराती गृहिणियों के अर्ध-साक्षर समूह की एकमात्र जीवित व्यक्ति हैं जिन्होंने 50 साल पहले लिज्जत पापड़ की स्थापना की थी। 80 रूपये के लोन से शुरू हुए इस बिज़नेस से आज 800 करोड़ का टर्नओवर है। साथ ही हज़ारों महिलाओं को ये रोज़गार दे रही हैं।

बिरुबाला राभा – सोशल वर्क

Silencing the whispers - Rediff.com Get Ahead
चित्र साभार : rediff.com

बिरुबाला राभा एक भारतीय कार्यकर्ता हैं जो भारत में असम में जादू टोना और चुड़ैल के शिकार के खिलाफ अभियान चलाती हैं। ये ‘मिशन बिरुबाला’ नामक एक संस्था चलाती हैं जो डायन के शिकार के खिलाफ जागरूकता फैलाती है।

बॉम्बे जयश्री – आर्ट

बॉम्बे जयश्री एक भारतीय संगीतकार हैं, जिन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी सहित कई भाषाओं में गाया है। ये अपने परिवार में संगीत चिकित्सकों की चौथी पीढ़ी हैं। इन्होंने कई अवॉर्ड्स अपने नाम किये हैं।

सिंधुताई सपकाल – सोशल वर्क

महाराष्ट्र की सिंधुताई सपकाल, को प्यार से “अनाथों की माँ” के रूप में जाना जाता है। ये एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्हें विशेष रूप से भारत में अनाथ बच्चों को पालने में उनके काम के लिए जाना जाता है। 2016 में डीवाई पाटिल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च द्वारा साहित्य और 2017 में नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

मृदुला सिन्हा – लिटरेचर एंड एजुकेशन

मृदुला सिन्हा एक भारतीय लेखिका और राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने अगस्त 2014 से अक्टूबर 2019 तक गोवा के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। वे गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं। मृदुला सिन्हा भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष भी थीं। इन्हें मरणोपरांत इस पुरुस्कार से नवाज़ा गया है।

सुधा सिंह – स्पोर्ट्स

2012 में अर्जुन से सम्मानित सुधा सिंह भारत के सबसे प्रसिद्ध एथलीट में से एक हैं। ये 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में एक भारतीय ओलंपिक एथलीट हैं। इन्होंने एशियाई खेलों और महाद्वीपीय चैंपियनशिप के विभिन्न संस्करणों में दो स्वर्ण और चार रजत पदक जीते हैं। साथ ही 2012 और 2016 में लगातार दो ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

गुरु माँ कमली सोरेन – सोशल वर्क

वेस्ट बंगाल से सोशल वर्क की केटेगरी में गुरु माँ कमली सोरेन पद्म अवॉर्ड 2021 में पद्म श्री से नवाज़ी जाएंगी। इन्हें प्यार से ‘गुरु माँ’ कहा जाता है। कमली सोरेन ने कड़ी मेहनत कर लोगो की सेवा करी है।

निदुमोलु सुमति – आर्ट

निदुमोलु सुमति एक प्रसिद्ध मृदंगम वादक हैं। इन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के साथ भी काम किया है। सुमति ने भारत और कई दूसरे देशों के म्यूजिक फेस्टिवल में भी पार्टिसिपेट किया है।

उषा यादव – लिटरेचर एंड एजुकेशन

Writer Professor Usha Yadav Of Agra To Get Padma Shri Award For Hindi  Literature ANN | साहित्यकार उषा यादव को मिलेगा पद्म श्री पुरस्कार, बोलीं-  साहित्य को घुट्टी में पीया है
चित्र साभार : abplive.com

उत्तर प्रदेश से उषा यादव को लिटरेचर और एजुकेशन के केटेगरी में पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। उषा ने अपनी यात्रा के माध्यम से 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। इन्हें अपने काम के लिए 10 से अधिक प्रमुख प्रशंसा मिली हैं। इनकी कुछ लोकप्रिय किताबों ‘सपने के इंद्रधनुष’, ‘प्रकाश की ओर’, ‘उसके हिस्से की धूप’ हैं।

आप सभी महिलाएँ हमारे लिए इंस्पिरेशन हैं। आप सभी को पद्म अवॉर्ड 2021 की ढ़ेरों शुभकामनाएं!

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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