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सुकून जैसा ख़जाना

अपने लिए तो करता है हर कोई यहाँ, निस्वार्थ किसी के लिए कभी कुछ करके तो देखो, जो सुकून दिल में महसूस करोगे फिर, कोई और खजाना मिले या नहीं।

अपने लिए तो करता है हर कोई यहाँ, निस्वार्थ किसी के लिए कभी कुछ करके तो देखो, जो सुकून दिल में महसूस करोगे फिर, कोई और खजाना मिले या नहीं।

सवाल ये नहीं है कि मृत्यु के बाद जीवन है या नहीं,
सवाल ये है कि मरने से पहले हम जिए या नहीं।

अपने लिए तो करता है हर कोई यहाँ,
सवाल ये है कि हम औरों के लिए कुछ किए या नहीं।

किसी की फटी चादर में टाँग अड़ाता है हर कोई,
सवाल ये है कि किसी की फटी चादर में पैबन्द सिए या नहीं।

खुशी के जाम पीना तो आसान है सबके लिए,
सवाल ये है कि गैरों की खातिर कभी खुद आँसू पिए या नहीं।

निस्वार्थ किसी के लिए कभी कुछ करके तो देखो,
जो सुकून दिल में महसूस करोगे फिर,
कोई और खजाना मिले या नहीं।

मूल चित्र : Sharath Kumar via Pexels

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Samidha Naveen Varma

Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...

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