कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

अबके तिल के लड्डू बनाते हुए इन बातों का ख्याल रखें

हमारे यहाँ कुछ लड्डुओं में सिक्के छिपा कर रखे जाते हैं। फिर जिसके तिल के लड्डू में सिक्के निकलते हैं उसके लिए ये वर्ष शुभ माना जाता है।

हमारे यहाँ कुछ लड्डुओं में सिक्के छिपा कर रखे जाते हैं। फिर जिसके तिल के लड्डू में सिक्के निकलते हैं उसके लिए ये वर्ष शुभ माना जाता है।

मकर संक्रान्ति भारत का प्रमुख पर्व है। पौष मास में जब सूर्य देव मकर राशि पर आते हैं, तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करते है। ये भी मान्यता है कि संक्रांति के दिन ही गंगा मैया भगीरथ जी के पीछे कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थी। पितामह भीष्म ने भी संक्रांति के दिन ही अपनी इच्छा से मृत्यु को प्राप्त किया था।

संक्रांति पर तिल और गुड़ के लड्डू बनाये जाते हैं। ये खाने में बहुत स्वादिष्ट लगते हैं। हमारे यहाँ कुछ लड्डुओं में सिक्के छिपा कर रखे जाते हैं। फिर जिसके टिल के लड्डू में सिक्के निकलते हैं उसके लिए ये वर्ष शुभ माना जाता है।

तिल के लड्डू की सामग्री

  • 500 ग्राम/4 कप तिल
  • 2 कप बूरा
  • 1 कप आटा
  • 1/4 कप से 1 चम्मच ज्यादा देसी घी
  • 1/4 कप गोंद
  • 2 बड़े चम्मच कटे हुए काजू और बादाम
  • लगभग 400 ग्राम खोया

 विधि

  • सबसे पहले तिल को कढ़ाई में मध्यम आँच पर सुनहरा होने तक भून लेंगे।
  • अब इन्हें किसी परात में ठंडा होने के लिए निकाल लेंगे। ठंडा होने पर पीस लेंगे। फिर से उसी परात में डाल देंगे।
  • कढ़ाई में 1 चम्मच घी डालकर गोंद भून लेंगे। इसे भी ठंडा कर के पीस लेंगे।
  • अब बचा हुआ घी और आटा डालकर आटे को अच्छे से भून लेंगे और ठंडा कर लेंगे।
  • अब परात में बूरा, भुना हुआ आटा, पिसी हुई गोंद, खोया और कटे हुए मेवे मिला देंगे।
  • सभी को एक अच्छे से मिलाएंगे।
  • अब थोड़ा सा मिश्रण हाथ मे लेकर हथेलियों से मसलेंगे और लड्डू बांध देंगे।
  • सभी को इसी तरह तैयार कर लेंगे।

इन बातों का रखें ख्याल

  • तिल को बहुत ज्यादा देर तक नहीं भूनना हैं, नहीं तो तिल कड़वे हो जाते हैं।
  •  गोंद भूनते समय एक दाना उंगलियों से दबा के देखे, अगर दबाने पर उसमें से कुछ बच जाए तो गोंद को और भून लें। अगर वो एकदम क्रिस्पी होकर टूट जाये तो गोंद भून चुका है।
  •  गरम आटे और बूरे को एकसाथ न मिलाये, नहीं तो बूरा पिघल जाएगा।
  •  मैंने 2 किलो दूध का खोया घर बनाया था। और ये थोड़ा पतला था। अगर खोया बहुत सख्त या सूखा हुआ होगा तो लड्डुओं में खोए का स्वाद नहीं आएगा।
  • अगर आप बाज़ार से खोया लाते हैं तो 250 ग्राम खोये में 100 ग्राम के लगभग दूध मिला लें और उसे फिर फ्रिज में रख दें।
  • लड्डू बांधते समय मिश्रण को हथेलियों से जरूर मसलें। हाथों की गर्मी से बुरा हल्का सा पिघल जाता है और लड्डू बनाने में आसानी होती है।

मध्यम आकार के लगभग 35-40 लड्डू बनकर तैयार हैं। इन्हें फ्रिज में रख कर 1 महीने तक आराम से खाया जा सकता है।

मूल चित्र : By Author 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

Charu Aggarwal

I am working with digital industry including SEO, SMO, and other Digital Marketing activities since 2012. I have a passion of Branding. During offline I enjoy to Boost up my Skills, Appreciating Music, Hangout with read more...

9 Posts | 16,812 Views
All Categories