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पति द्वारा पत्नी को घरेलू कार्य के लिए पैसे देना, उसका मूल्यांकन करना आसान नहीं, ऐसे में स्त्री की स्थिति निम्न ही समझी जाएगी।
हमेशा से ही एक गृहणी के कार्यों को कम महत्व दिया जाता है, क्योंकि इसके लिए उसे वेतन नहीं दिया जाता और इन गृहकार्यों को करना उसका कर्तव्य समझा जाता है।
मैं ऐसे ही खबरें ढूंढ रही थी तो पढ़ा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक बीमा कम्पनी को निर्देश दिया कि वह बीमा राशि का निर्धारण करते हुए उस गृहणी के उन तमाम अवैतनिक कार्यों को ध्यान में रखें जो वह जीवित रहते करती थी। किन्तु गृहणी के अवैतनिक कार्यों को कैसे आँका जाए, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
मेरे विचार से घरेलू और देखभाल सम्बन्धी कई पहलु हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए।
ऐसे बहुत से घरेलू कार्य हैं, जिनको करते-करते एक स्त्री का पूरा जीवन बीत जाता है, एक अवैतनिक कर्मचारी के रूप में और अन्त में एक पंक्ति मिलती हैं पुरुस्कार के रुप में – “तुमने सारी जिन्दगी किया ही क्या है?”
मूल चित्र : Screenshot, The Great Indian Kitchen
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...
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