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‘तुम करती ही क्या हो’ का कैसे हो मूल्यांकन?

पति द्वारा पत्नी को घरेलू कार्य के लिए पैसे देना, उसका मूल्यांकन करना आसान नहीं, ऐसे में स्त्री की स्थिति निम्न ही समझी जाएगी।

पति द्वारा पत्नी को घरेलू कार्य के लिए पैसे देना, उसका मूल्यांकन करना आसान नहीं, ऐसे में स्त्री की स्थिति निम्न ही समझी जाएगी।

हमेशा से ही एक गृहणी के कार्यों को कम महत्व दिया जाता है, क्योंकि इसके लिए उसे वेतन नहीं दिया जाता और इन गृहकार्यों को करना उसका कर्तव्य समझा जाता है।

मैं ऐसे ही खबरें ढूंढ रही थी तो पढ़ा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक बीमा कम्पनी को निर्देश दिया कि वह बीमा राशि का निर्धारण करते हुए उस गृहणी के उन तमाम अवैतनिक कार्यों को ध्यान में रखें जो वह जीवित रहते करती थी। किन्तु गृहणी के अवैतनिक कार्यों को कैसे आँका जाए, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

मेरे विचार से घरेलू और देखभाल सम्बन्धी कई पहलु हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए।

  • इन घरेलू कार्यों को करने में गृहणी के पूरे समय का एक बड़ा हिस्सा लग जाता है और उसका कोई वेतन भी नहीं दिया जाता।
  • इन घरेलू कार्यों में अधिक समय लग जाने के कारण उसकी सामाजिक गतिविधियाँ भी प्रभावित होती हैं ।
  • उसके अवकाश का भी समय कम होता है ।
  • उन्हें कम वेतन वाली नौकरी मिलती है ।
  • घरेलू ज़िम्मेदारियों के कारण उन्हें नौकरी में उन्नति के अवसर भी कम मिल पाते हैं ।

प्रश्न यह है कि घरेलू कार्य का मूल्यांकन कैसे हो?

  • क्या एक माँ को बच्चे की देखभाल के लिए बाजार दर से वेतन दे सकते हैं?
  • देखभाल के ऐसे अनेक पहलू हैं जिनका मूल्याँकन नहीं हो पाता।
  • स्वयं गृहणी गृहकार्यों को वैतनिक कार्य के रुप में नहीं देख पाती।
  • पति द्वारा पत्नी को घरेलू कार्यों के लिए पैसे देना आसान नहीं होता। और अगर ऐसा किया जाए तो पुरुष की नज़रों में स्त्री की स्थिति निम्न ही समझी जाएगी।

क्या कदम उठाए जाएँ

  • देखभाल सम्बन्धी कार्यों के उचित मूल्य निर्धारण के बारे में विचार किया जाए।
  • गृहणियों के कार्य सबको दिखें , उनके महत्व को समझा जाए।
  • गृहणियों के दायित्वों को साझा किया जाए क्यूंकि परिवार की देखभाल केवल उन्हीं का कर्तव्य नहीं।
  • स्वयं महिलाएँ भी गृहकार्यों को महत्व दें, उन्हें कम न आँकें।

ऐसे बहुत से घरेलू कार्य हैं, जिनको करते-करते एक स्त्री का पूरा जीवन बीत जाता है, एक अवैतनिक कर्मचारी के रूप में और अन्त में एक पंक्ति मिलती हैं पुरुस्कार के रुप में – “तुमने सारी जिन्दगी किया ही क्या है?”

मूल चित्र : Screenshot, The Great Indian Kitchen

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Samidha Naveen Varma

Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...

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