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अतीत से निकल, कड़वी यादें भुला कर, भविष्य छोड़, बस केवल आज में जीने लगी हूँ। थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ...
अतीत से निकल, कड़वी यादें भुला कर, भविष्य छोड़, बस केवल आज में जीने लगी हूँ। थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ…
फरवरी के आते ही दिखने लगा सब पर वेलेन्टाइंस डे का खुमार। महसूस होने लगा, मुझको भी खुद पर इश्क का चढ़ता बुखार।
हाँ, उम्र के इस पड़ाव पर पहुँच कर, शालीनता से सजना संवरना, थोड़ा-थोड़ा सा खुद को बदलने लगी हूँ। थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ।
रखती थी ख्याल माँ-बाप, भाई-बहन पति, बच्चों और दोस्तों का, लेकिन थोड़ा सा ख्याल खुद का भी रखने लगी हूँ, थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ।
अतीत से निकल, कड़वी यादें भुला कर। भविष्य छोड़, बस केवल आज में जीने लगी हूँ। थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ।
सबकी खुशी, सबका ख्याल, परवाह सबकी करती हूं लेकिन अपनी भी परवाह कुछ करने लगी हूँ थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ।
मैं खुद वैलेन्टाइन हूँ अपना और खुद ही हूँ अपना प्यार अपने को पहचान देकर मैंने, वैलेन्टाइंस डे पर दिया उपहार।
जाने भी दो न, let it go, सोच कर थोड़ी बेफ़िक्र सी होने लगी हूं, थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ।
बसन्ती ओढ़नी ओढ़कर ज्यों धरा आसमाँ से इश्क करने लगी है, अधरों पे आत्मविश्वास की मुस्कान लेकर थोड़ा सा इश्क खुद से भी करने लगी हूँ।
मूल चित्र : triloks from Getty Images Signature via Canva Pro
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...
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