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ज़रूरत उनके और हमारे समान धरातल पर आने की है, उनको मान सम्मान दिलाने की है, यदि अपना जीवन सफल बनाना है, तो सबको गले लगाना है।
यदि कोई धनी नहीं तो क्या वो गुणी नहीं?क्यों हम गरीब को उसकी गरीबी का अहसास दिलाते हैं,क्यों गरीब लाचार और बेचारे कहलाते हैं?
गरीब की मेहनत के बिना हमारे सारे काम अधूरे,फिर वो कैसे कमतर हुआ, हुए तो हम बेचारे।
गरीब तो हम हुए कि हमारे विचार छोटे हैं,चार पैसें क्या मिले हुए, हम घमंड से मोटे हैं।
गरीब की अहमियत उसके वजूद में है,उसकी कड़ी मेहनत में है,उसके चरित्र में है।
क्यों गाया जाए उसके निर्धन होने का राग,क्यों ना बढ़ाया जाए उसकी तरफ एक हाथ।
उनको ज्ञान का शस्त्र थमायें,ख़ुद को इन्सानियत का पाठ पढ़ाएं।
ज़रूरत उनके और हमारे समान धरातल पर आने की है,उनको मान सम्मान दिलाने की है,यदि अपना जीवन सफल बनाना है,तो सबको गले लगाना है।
मूल चित्र : Sankalpa Joshi via Unsplash
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