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ऐसा ही कुछ लगता है जमीला, तापसी, रिहाना और मिया के बारे में पढ़ कर। लोगों ने उन्हें जान से मारने से लेकर रेप तक की धमकियां दीं।
जब एक औरत पढ़ती है तो समाज को इस बात का डर होता है कि कहीं वह मेरे विचारों को गलत न साबित कर दे। इसीलिए पहले के ज़माने में हमारे देश में महिलाओं की कम उम्र में शादी करा दी जाती थी ताकि वह घर के कामकाज में उलझी रहे और पढ़ाई से उनका ध्यान हमेशा हटा रहे।
एक पढ़ी-लिखी महिला ज़्यादातर गलत और सही में अंतर कर सकती है और गलत होने पर अपने विचार भी रख सकती है। पर महिलाओं को बोलने की आज़ादी आज भी हमारे समाज में न के बराबर है, क्योंकि यह समाज एक महिला को अपने से ज़्यादा जागरुक नहीं देख सकता है।
ऐसा ही कुछ जमीला, तापसी, रिहाना और मिया के साथ हुआ। भारत में चले आ रहे किसान आंदोलन पर उन्होंने अपनी राय सोशल मीडिया के माध्यम से रखी तो लोगों से यह बर्दाश्त नहीं हो पाया कि कैसे एक बाहरी लड़की हमारे देश के मुद्दों पर अपनी राय रख सकती है। इसीलिए लोगों ने उन्हें जान से मारने से लेकर रेप तक की धमकियां दीं।
टिव्टर जैसे सोशल मीडिया के तहत जब इन विदेशी अभिनेत्रीयों ने अपनी राय रखी तो भारत के जाने माने नेता, टीवी एंकर और आम लोगों ने जिस तरह से उनके काम और कपड़ों पर कमेंट किया उससे उनकी छोटी मानसिकता दिखती है।
बहुत से यूजर्स ने कमेंट के साथ-साथ उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर कीं। कुछ ने उनके पहनावे को लेकर तो कुछ ने काम तक पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इनका तो काम है कि यह ऐसी हरकतें करती रहें।
कुछ दिन पहले जमीला ने अपनी आप बीती अपने फैन्स के साथ शेयर करते हुए कहा कि कैसे वह साइबर बुलिंग का शिकार हो रही हैं। उन्हें लगभग रोज ही रेप और हत्या की धमकियां मिल रही हैं। वह इन चीजों से परेशान हो चुकी हैं। अपनी आवाज उठाने का खामियाजा उन्हें साइबर बुलिंग की तहत चुकाना पड़ रहा है।
विश्व के किसी कोने में भी औरत जब अपनी आवाज उठाती है तो समाज में मौजूदा मर्दों को लगता है कि कोई उनकी जगह ले सकता है। एक औरत सिर्फ साज सजावट का सामान है अगर वह अपनी आवाज बुलंद करेगी तो समाज में बदलाव आ सकता हैं और साथ ही अन्य महिलाएं भी इन मुद्दो से जुड़ेगी। इसीलिए उन्हे शारीरिक रुप से नही तो मानसिक रुप से तोड़ दो ताकि वह अपनी आवाज कभी ऊँची नही कर पाए।
जमीला, मिया, रिहाना, ग्रेटा और तापसी को जिस तरह से लोगों ने ट्विट्र के माध्यम से बदनाम किया वह पिछड़ी सोच को दर्शाता है। इन सभी महिलाओं के साथ जो कुछ हुआ है, वह हर लड़की आज के वक्त में महसूस करती है। उन्हें रोज़ ही ऐसी मानसिकता से जुड़ना पड़ता है। यह हमारे विश्व की सबसे बड़ी दिक्कत है। औरतों के साथ होने वाली साइबर बुलिंग आम नहीं है। कितनी ही लडकियां इस कारण से अवसाद जैसी बीमारियों का सामना करती हैं।
जमीला ने अपने पोस्ट के माध्यम से यह बात लिखी की जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल मेरे लिए हुआ है, उसी तरह के शब्दों का प्रयोग उन मर्दों के लिए भी किया जाएगा क्या, जो इस आंदोलन को लेकर अपनी आवाज़ तेज कर रहे हैं?
मूल चित्र : Twitter
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