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मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति को महिला के कंधे पर पर बैठाकर उसके साथ मारपीट करते हुए एक गांव से दूसरे गांव तक तीन किलोमीटर ले जाया गया।
मध्य प्रदेश के गुना जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला के कंधे पर एक व्यक्ति को बैठाया गया है और फिर उसके साथ मारपीट करते हुए एक गांव से दूसरे गांव तक तीन किलोमीटर ले जाया गया है। इसमें महिला की गलती (समाज के अनुसार) इतनी है कि वो अपने पति से आपसी रज़ामंदी से अलग होने के बाद दूसरे आदमी के साथ रह रही है।
यह मामला मध्यप्रदेश के गुना जिले के सिरसी थाना क्षेत्र के ग्राम सागई और बांसखेडी का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना 9 फरवरी की है और यह मामला वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की नज़रों में आया। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गुना के पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने कहा, “यह एक बर्बर घटना है और यही वजह है कि हमने इतनी जल्दी कदम उठाए। हमने सभी चार लोगों को गिरफ्तार किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाएंगे कि लोग इस तरह के कृत्य को न दोहराएं।”
इस घटना पर पीड़ित महिला ने बयान में बताया कि वह करीब एक माह से दूसरे युवक के साथ पति-पत्नी की तरह सागई गांव में रह रही थी। तभी अचानक 9 फरवरी को महिला के पूर्व ससुराल वाले करीब 8 लोग मोटरसाइकिल और पैदल उसके घर आए और मारते पीटते हुए पूर्व सुसराल बांसखेड़ी के लिए जबरदस्ती ले गए। इस दौरान महिला के साथ मारपीट की गई। जैसा वीडियो में देखा जा सकता है कि अगर महिला धीमी गति से चल रही थी तो भी उसे डंडे से मारा जा रहा है और कुछ आदमी इसका मज़ाक बना रहे हैं।
महिलाओं के ख़िलाफ़ इस तरह के अपराध का ये मामला पहला नहीं है। मध्य प्रदेश से ऐसी घटनाएँ पहले भी खबर में रह चुकी हैं जहां महिलाओं को इस तरह की सजा दी जाती है और उनका मजाक बनाया जाता है। पिछले साल जुलाई में झाबुआ जिले से सामने आए एक वीडियो में, वह अपने पति को कंधे पर लादकर ले जाती हुई दिखाई दे रही थी और उसे इसी तरह अपमानित किया गया था।
शायद महिलाओं को इस तरह की सजा देना बहुत आम बात हो गयी हैं। कई जगह उन्हें घर में मारा पीटा जाता है और कई बार सड़क पर। कई बार उन्हें घर से निकाल दिया जाता है तो कई बार घर में कैद कर दिया जाता है। कई केसेस में वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती हैं। कभी अपने बच्चों के लिए तो कभी परिवार के लिए चुप रह जाती हैं। ये इसीलिए क्योंकि समाज ने यही तो सिखाया है। लेकिन कब तक?
थैंक्स टू सोशल मीडिया, वर्ना इस तरह की घटनाएँ कभी हमारे सामने ही नहीं आती। न जाने कितनी महिलाएँ ऐसी शर्मसार घटनाओं का सामना कर रही हैं। इस वायरल वीडियो को देख कर साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि लोग किस तरह की मानसिकता से जूझ रहे हैं। इस तरह की हरकत और उसे हास्यपद रैली की तरह लेना महिलाओं के लिए पुरुषवादी समाज की झलक दिखाता है।
सच है, बड़े बड़े मंचों पर आज हम चाहें कितनी ही समानता की बात कर लें लेकिन असल में हमारी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ को अभी समानता तो दूर, उनके हिस्से की इज़्ज़त और अधिकार भी नहीं मिल रही हैं। एक के बाद एक घटनाओं से इंसानियत खत्म हो रही है। मध्यप्रदेश के इस वायरल वीडियो के बाद गुनहगारों को सजा तो मिलेगी लेकिन महिलाओं के साथ अत्याचारों की बर्बरता थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लेकिन अगर आप सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियोस देखें तो उन्हें अधिकारीयों तक ज़रूर शेयर करें जिससे ये गुनहगार बच कर ना निकल पाएं।
मूल चित्र : Twitter
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
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