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इंटरव्यू और तुम? तुम्हारे बस में है, इंटरव्यू देना? तुम क्या जानो नौकरी के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। यह सब तुम्हारे बस का नहीं है।
मीता आज जल्दी-जल्दी घर का सारा काम निपटा रही थी। आज उसका इंटरव्यू था और वह जाने से पहले घर का सारा काम निपटा देना चाहती थी।
मीता का पति मितेश देख रहा था कि वह आज बहुत जल्दी में है। मीता को आवाज़ देते हुए उसने पूछा, “आज क्या बात है? बड़ी जल्दी में लग रही हो। तुमने कौन सा किसी ऑफिस में जाना है। इतनी हड़बड़ी में काम कर रही हो, पूरा दिन घर पर ही तो रहना है। आज क्या पूरा दिन सोने का प्रोग्राम है?”
मीता ने कहा, “आज मेरा एक जगह इंटरव्यू है। इसलिए सोचा जल्दी से काम निपटा कर थोड़ी देर इंटरव्यू की तैयारी भी कर लूंगी।”
“इंटरव्यू और तुम? तुम्हारे बस में है, इंटरव्यू देना? तुम क्या जानो नौकरी के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। यह सब तुम्हारे बस का नहीं है।”
“तुम घर का काम ही अच्छे से कर लो, वही बहुत है”, मितेश ने कहा।
मीता ने कहा, “मैंने इतनी पढ़ाई की है, वह सिर्फ घर के काम के लिए ही नहीं। मैं भी स्वाभिमान से जीना चाहती हूं।”
मितेश ने कहा, “तुम्हें पैसों की क्या जरूरत है? मैं कमाता हूं ना! आज तक मैंने तुम्हें कभी मना किया है, पैसों के लिए?”
“मना नहीं किया तो दिए भी नहीं।” मीता ने कहा, “और मैं नौकरी अपने स्वाभिमान और सम्मान के लिए करना चाहती हूं। इसलिए मैं इंटरव्यू दूंगी और सफल हो कर तुम्हें दिखाऊंगी।”
मूल चित्र : vinaykumardudam from Getty Images Signature via Canva Pro
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