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शुरुआत करते हैं नये सहर की, भुलाकर पुराने यादों के पहर की। पुराने ख्वाब को खुद से भुलाकर, आज ख़ुद से नई मुलाकात करते हैं...
शुरुआत करते हैं नये सहर की, भुलाकर पुराने यादों के पहर की। पुराने ख्वाब को खुद से भुलाकर, आज ख़ुद से नई मुलाकात करते हैं…
चलो फ़िर से नई शुरुआत करते हैं,ज़िंदगी फ़िर से गुलज़ार करते हैं।
चाय की चुस्कियों से मुहब्बत का इकरार करके,आज अधूरे इश्क की शुरुआत करते हैं।
शुरुआत करते हैं नये सहर की,भुलाकर पुराने यादों के पहर की।
पुराने ख्वाब को खुद से भुलाकर,आज ख़ुद से नई मुलाकात करते हैं।
सिफर से सफ़र करना सीखा है,ज़िंदगी तुझसे जीना सीखा है।
उस वीरान ज़िंदगी के पल भुलाकर,चलो शुरुआत से शुरूआत करते हैं,
दर्द का ग़म भी जश्न में भुलाकर,तुमसे बस यही फ़रियाद करते हैं,आओ नई शुरुआत करते हैं।
मूल चित्र : Photo Grapher via Pexels
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