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शोएब इस वीडियो में अपनी पत्नी दीपिका के लिए खाना पकाते हुए मैसेज देते हैं, "आप अपने घर की महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में समझें..."
शोएब इस वीडियो में अपनी पत्नी दीपिका के लिए खाना पकाते हुए मैसेज देते हैं, “आप अपने घर की महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में समझें…”
अचार मत छूना, मंदिर मत जाना, एक्सरसाइज मत करना और भी जाने क्या क्या नियम अकसर सुनने को मिल जाते है जब कोई लड़की मासिक धर्म या पीरियड्स से गुजरती है। मासिक धर्म या पीरियड्स एक सहज स्वाभाविक प्रकिया है। प्रकृति ने पीरियड्स को महिलाओं से जोड़ा है लेकिन आज भी समाज में इसपे खुल कर बात नहीं होती और कई तरह से अंधविश्वास भी समाज में फैले हैं।
आज जमाना बदल रहा है, तौर तरीके बदल रहे हैं, लड़कियाँ लड़कों के कंधे से कंधे मिला कर चल रही हैं। लड़के और लड़कियों को एक समान समझा जा रहा है। लेकिन क्या ये बात सच में सही है? क्या सच में ऐसा हो रहा है कि लोगों की सोच बदल रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता क्यूंकि आज भी एक बड़ा वर्ग है जो पीरियड्स के मुद्दों पर बात करना नहीं चाहता, फिर चाहे वो पुरुष हो या फिर कई बार महिलाये ही क्यों ना हों।
अक्सर टीवी पर हमें सैनेटरी पैड की ऐड देखने को मिलती है जिसमें खूबसूरत और चुस्त-दुरुस्त मॉडल भागती दौड़ती नज़र आती है, लेकिन क्या सच्चाई ऐसी होती है? बिलकुल भी नहीं। जिस तरह बुखार आने पर या जुकाम होने पर हमें आराम की जरुरत होती है वैसे ही पीरियड्स आने पर भी एक लड़की के शरीर को आराम और भावनात्मक सपोर्ट की जरुरत हो सकती है। कई बार लड़कियों को पेट में दर्द और क्रैम्प्स होते हैं तो कई बार दूसरी कुछ समस्या भी आती है। ऐसे में अगर आपका पार्टनर आपका ख़याल रखे और इससे अच्छी बात क्या होगी?
इस बारे में चलिये बात करते हैं टीवी के प्रसिद्ध कलाकार शोएब की। टीवी के कूलेस्ट कपल शोएब और दीपिका से तो सभी परिचित हैं। हाल ही में शोएब ने एक पोस्ट शेयर की जहाँ उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में शोएब अपनी पत्नी के लिये दाल चावल बनाते नज़र आ रहे हैं क्यूंकि उनकी पत्नी दीपिका उन दिनों मासिक धर्म से गुजर रही थीं। इसके साथ ही शोएब ने एक बहुत खूबसूरत मैसेज भी अपने मेल फैंस को दिया।
शोएब कहते हैं, “दीपिका के पीरियड का दूसरा दिन है। इन दिनों में अपनी पत्नी का ख़ास ख़याल रखता हूँ।” आगे शोएब कहते हैं, “आप अपने घर की महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में समझें। पीरियड के बारे में बात करना कोई बड़ी बात नहीं है, ये नार्मल है।” इस वीडियो का टाइटल भी शोएब ने दिया है- “पीरियड्स के दिनों में महिलाओं का ख़ास ख़याल रखें। ये एक हाईटाइम है जब हम इसके बारे में नॉर्मली बात करते हैं।”
यहाँ मैं एक बात स्पष्ट कर दू की शोएब ने ऐसे किसी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दिया अपनी पत्नी के लिये खाना बना कर की उन दिनों महिलाओं में रसोई में नहीं जाना चाहिये बल्कि शोएब के अनुसार पीरियड्स के दिनों में जब एक स्त्री के शरीर में कई हार्मोनल उतार चढ़ावा आते हैं, ऐसे में कई बार लड़कियाँ को शारीरिक दर्द, क्रैम्प्स तो कई बार लड़कियाँ इमोशनल भी हो जाती है मूड स्विंग तो बहुत आम बात होती है। इस प्रक्रिया के दौरान ऐसे में अगर पुरुष थोड़ा सा ख़याल रखें, थोड़ा इमोशनल सपोर्ट करें तो बहुत आसान हो जाता है लड़कियों के लिये।
लेकिन ये सब तभी संभव होगा जब खुल कर बात होगी इस विषय पर। आज हमने बहुत तरक्की कर ली है लेकिन फिर भी आज समाज में अवैज्ञानिक तरीकों से ही तथ्यों को देखा जाता है। अब ज़रुरत है समय के साथ सोच बदलने की, पीरियड्स में अपने आसपास की महिलाओं का ध्यान रखने की और उनके पुराने अंधविश्वास से जकड़े सामाजिक ताने बाने से आजादी दिलाने की।
मूल चित्र : YouTube
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