कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

अजन्मी बेटी का इंतजार…

हाय रे यह समाज, जो बेटे को ही वंशबेल बढ़ाने वाला समझता है और बेटी को बोझ मानता है।

हाय रे यह समाज, जो बेटे को ही वंशबेल बढ़ाने वाला समझता है और बेटी को बोझ मानता है।

कोख में पल रही कन्या को,

इंतजार है बाहर आने का।

इस दुनिया को देखने का।

अपनी माँ की गोद में,

हँसनेखिलखिलाने का।


पर
हाय रे!यह समाज,

जो बेटे को ही वंशबेल,

बढ़ाने वाला समझता है।

बेटी को बोझ मानता है।

स्वयं उसके पिता ने ही,

उस नन्ही सी कली को,

दुनिया में आने ना दिया।

कोख में ही उसे मार दिया।

माँ विलाप करती रही।

तिलतिल कर मरती रही।

पर माँबेटी के मिलन का

इंतज़ार,अधूरा ही रह गया।

अधूरा ही रह गया

मूल चित्र : Aravind Kumar Via Unsplash

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

18 Posts | 287,376 Views
All Categories