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बिटिया का जन्मदिन…

सब लोग जल्दी ही तैयार होकर गाड़ी में बैठ गए। जूही पिछली सीट से दादा-दादी को बाय-बाय कर रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि...

सब लोग जल्दी ही तैयार होकर गाड़ी में बैठ गए। जूही पिछली सीट से दादा-दादी को बाय-बाय कर रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि…

आज सुधा की बेटी जूही का जन्मदिन है। जूही आज 10 वर्ष की हो गई। सुधा ने जूही को ढेरों आशीर्वाद और प्यार से जगाया और कहा, “बेटी उठो नहा कर तैयार हो जाओ, दादा दादी का आशीर्वाद लो। आज हम तुम्हारा जन्मदिन बाहर मनाएंगे।” यह सुनकर जूही तुरंत ही उठ गई और पूछने लगी, ‘माँ क्या आज हम वॉटर पार्क जाएंगे?’

सुधा ने कहा, “वॉटर पार्क या कहीं और यह तो पता नहीं लेकिन आज का दिन कुछ खास बनाएंगे।” तभी मनोज सुधा का पति कमरे में आया और बोला, ‘जूही हैप्पी बर्थडे बेटा। आज पापा पूरे दिन तुम्हारे साथ रहेंगे’ और अब तो जूही की जूही की खुशी दोगुनी हो गई।

जूही जल्दी से दादा-दादी के पास गई बोली, ‘दादी आज हम बाहर जाएंगे मेरा जन्मदिन मनाने।’ दादी ने कहा, ‘हां बिटिया आज तुम खूब मजे करना।’

सब लोग जल्दी ही तैयार होकर गाड़ी में बैठ गए। जूही पिछली सीट से दादा-दादी को बाय-बाय कर रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि आज तो खूब झूले झूलूंगी।

गाड़ी एक बड़े से गेट के आगे रूकती है।

मनोज – “चलो बेटा आ जाओ।”

यह तो कोई वॉटर पार्क नहीं है। यहां तो बहुत सुंदर बगीचा है, झूले हैं और बहुत सारे दादा-दादी भी हैं जो धूप में बैठे हैं। सुधा मनोज और जूही को लेकर उनके पास जाती है।

‘नमस्ते जी’, अपना परिचय देते हुए कहती है कि यह मेरी बेटी है, आज इसका जन्मदिन है। कहते-कहते सुधा ने बैग में से शौले निकाली और सबको एक-एक करके पहनाने लगी। मनोज मिठाई और फल बांट रहा था। साथ ही जूही भी उनकी मदद कर रही थी। सब ने जूही पर अपना प्यार और आशीर्वाद बरसाया। थोड़ी सी देर में जूही उनके साथ घुलमिल गई।

जब लौटकर जूही घर आई उसने अपनी दादी से कहा, “दादी आज का जन्मदिन सबसे अच्छा था। हम हर साल सबका जन्मदिन ऐसे ही मनाएंगे। ठीक है ना।”

“हाँ बिटिया।”

मूल चित्र : Unspalsh

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