कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
जो औरों के बारे में सोच कर खुद की परवाह करना छोड़ दो, तो खुद की नजर से नजर कैसे मिला पाओगे अब।
जो औरों के बारे में सोच कर खुद की परवाह करना छोड़ दो, तो खुद की नज़र से नज़र कैसे मिला पाओगे अब।
अगर खुद के लिए आवाज उठाओ, तो आप स्वार्थी बन जाते हो, अगर दुनियां के शोर में आपकी पहचान गुम होने लगती है तो आप खुद से दगाबाजी करते हो।
खुद के लिए सोचो, तो टीस सी उठती है, मन में रह रह कर, कहीं मेरे कारण तो, बिखर नहीं गया सब।
जो औरों के बारे में सोच कर, खुद की परवाह करना छोड़ दो, तो खुद की नज़र से नज़र कैसे मिला पाओगे अब।
खुशियों की चाभी अपने आपके हाथ में है, चाहे दूसरों के आगे अपना वजूद मिटा डालो या अपना वजूद निखारो बेपरवाह होकर।
किसी और ने सोचा था क्या, तुम्हारे बारे में जो, घुली जा रही है उम्र, सोच सोच कर जिए जाने में।
मूल चित्र : Mentatdgt via Pexels
I am a person who believes that happiness lies in enjoying little things in life. Love to read. At times prefer to write to pour my heart out on paper. read more...
Please enter your email address