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रंग बहुत हैं, वो हैं तो हम हैं। वो हमारे बूद बाघ की मालन, उसने मोहब्बतों से गुलिस्ताँ बनायी, वो मासूम उनकी अदाएं, वो मासूम दिलनशी होती हैं।
माँ – ज़िन्दगी की एसार औरत बहन – मान, नोक-झोक, शान औरत बेटी – इज़्ज़त, मोहब्बत, उल्फत का नाम औरत बीवी – प्यार, परवाह, रूठना मनाना, जान औरत
नाज़नीन खताएं मासूम सी, प्यार भी, इकरार भी, निसार भी, तुम बताओ तुम, कुदरत की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे, तुम्हारी मान भी, जान भी, शान भी, इज़्ज़त व आमान भी निस्वानियत की रंगों से रंगीन खूबसूरत जहां भी।
मूल चित्र : Farddin Protik via Pexels
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