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दुल्हनिया हो हमारी जग से न्यारी, चाहिए लड़की ऐसे गुणों वाली, लड़के का कोई बखान नहीं, क्योंकि वह तो लड़की देखने आया है।
पड़ोस में आज कोई, लड़की देखने आया है, साथ में बड़ी सी गाड़ी भी लाया है, आज फिर कोई लड़का बिकने आया हैं।
हिसाब-किताब में माहिर हैं, लड़का बैंक में हमारा अधिकार है लगेगा भाव उस पर भारी है, आज पड़ोस में कोई लड़की देखने आया है।
चाचा- ताऊ को भी साथ लाया है, जी देखिए! मांग कुछ नहीं हमारी लड़की चाहिए इंजीनियर डिग्री धारी, हो माहिर कामों में भी सारी रंगत में भी हो लड़की प्यारी, थोड़ी हो अबला, तो हो थोड़ी-सी सबला नारी, हो उस में संस्कारों का तड़का भी भारी।
भाव लगे हैं उस पर भारी, फ़ेहरिस्त में है लड़कियां कई सारी, मंजूर है तो दांव लगाओ, नहीं तो लड़की अपनी घर बैठाओ, फिर कोई लड़का बिकने आया हैं।
देख मंजर सारा पिता का मन घबराएं, लड़की के लिए रिश्ता फिर कहां से लाएं, मान के मांगें सारी, बेटी के हाथों में मेहंदी लगवाएं, आज फिर एक पिता बेटी की खुशियां खरीद के लाएं, गारंटी कोई नहीं कि यह कब तक चल पाएं, अपना धन बना के पराया पिता भी रीत अपनी निभाएं, लड़के के आगे वह नतमस्तक हो जाएं।
देखो! कैसी है यह विडंबना- बिकके भी लड़का अपने में इतराए।
आज कोई लड़का फिर लड़की देखने आया है…
मूल चित्र : eskaylim from Getty Images, via Canva Pro
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