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'मेरा अब सेक्स करने का मन नहीं होता', सिर्फ उम्र ही नहीं, कई बार कुछ अन्य कारणों से भी महिलाओं की सेक्स में रूचि कम होने लगती है।
‘मेरा अब सेक्स करने का मन नहीं होता’, सिर्फ उम्र ही नहीं, कई बार कुछ अन्य कारणों से भी महिलाओं की सेक्स में रूचि कम होने लगती है।
शारीरिक सम्बंधों की जब बात होती है तो हर दंपति की कुछ अपनी फैंटसी होती हैं। हर कपल इस सुख को पाना और अपने साथी को देना चाहता है लेकिन कई बार उम्र के साथ तो कई बार कुछ अन्य कारणों से भी महिलाओं की सेक्स में रूचि कम होने लगती है।
शारीरिक सम्बंधों के लेकर हमेशा से हमारे समाज में भी जागरूकता की बहुत कमी रही है ख़ास कर जब बात महिलाओं की सेक्स से संतुष्टि हो। आज टेक्नोलॉजी में तो हम बहुत आगे बढ़ गए लेकिन शारीरिक संबन्ध जैसे मुद्दे को आज भी पर्दे के पीछे रखा जाता है। महिलाओं की शारीरिक ज़रुरत की बात कहना तो दूर सोचना भी ज़रुरी नहीं समझा जाता है।
महिलाओं की सेक्स के प्रति रूचि कम होना एक बहुत आम बात है और इसके पीछे घरेलु तनाव से लेकर पार्टनर के साथ भावनात्मक लगाव कम होना जैसे कई कारण हो सकते हैं। इसी मुद्दे पर आज का मेरा लेख है जिस पर मैं चर्चा करुँगी कि क्यों महिलाओं में शारीरिक सम्बंधों के प्रति उदासीनता आ जाती है।
आज कल की जिंदगी बेहद भाग-दौड़ वाली होती है। घर और बाहर के काम और जिम्मेदारियों का बोझ कब तनाव में बदल जाता है उन्हें खुद भी पता नहीं चलता। ऐसे में नींद की कमी और शारीरिक और मानसिक तनाव वजह से शरीर कोटार्सल हॉर्मोन रिलीज करता है जिससे टेस्ट्रोस्ट्रॉन हॉर्मोन कम होने लगता है और शारीरिक सम्बंधों में रूचि कम होने लगती है।
औरतों का शारीरिक सम्बंधों में रूचि कम होने का एक बेहद महत्वपूर्ण कारण इमोशनल लगाव या भावनात्मक लगाव की कमी है। कई बार देखा जाता है कि पुरुष अपनी पत्नी का सम्मान नहीं करता, उसकी इच्छा का मान नहीं रखता। सिर्फ उसे अपनी शारीरिक जरूरतों के लिये पत्नी चाहिये होती है।
रोज़ रोज़ होने वाली लड़ाईयाँ हो या आपस की मतभेद भी एक महिला को शारीरिक सम्बंधों के प्रति उदासीन करने के कारण होते हैं। जैसा कि कुछ महिलाएं इमोशनल होती हैं, अपने पार्टनर से उन्हें सिर्फ शारीरिक नहीं भावनात्मक लगाव भी चाहिये होता है और जब भावनात्मक लगाव नहीं मिलता तो स्वाभाविक है उनकी रूचि शारीरिक सम्बंधों में कम होने लगती है।
माँ बनना हर स्त्री की चाहत होती है। माँ बनने के सफर में एक महिला का शरीर कई तरह के उतार चढ़ावा से गुजरता है। तो बच्चे के जन्म के बाद होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी शारीरिक सम्बंधों में रूचि कम कर देते हैं। हालांकि, ये बात स्पष्ट रूप से सिद्ध नहीं हुई है लेकिन अक्सर छोटे बच्चे की देखभाल के बाद माँ बेहद थक जाती है और शारीरिक सम्बंधों की तुलना में अपनी नींद पूरी करना ज्यादा पसंद करती हैं।
फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन (एफएसडी) एक तरह की मेडिकल कंडीशन है जिसमें महिला की संबन्ध बनाने की इच्छा नहीं होती और अगर पार्टनर जबरदस्ती करे तो लुब्रीकेंट की कमी के कारण महिला को सेक्स करते वक़्त दर्द होता है और इस वजह से महिला की रूचि हट जाती है। इस मेडिकल कंडीशन के लिये डॉक्टर से संपर्क करना और पूरा ईलाज़ करवाना बेहद ज़रुरी होता है।
महिलाएं बेहद संवेदनशील होती हैं। कई बार महिला सिर्फ संबन्ध बनाने के अलावा भी क्वालिटी टाइम अपने पार्टनर के साथ बिताना चाहती हैं। पार्टनर के रोज़ाना सेक्स करने की इच्छा के कारण भी महिलाओं की रूचि कम होने लगती हैं। अपने पार्टनर के इच्छा के लिये वो साथ तो दे देती है लेकिन कहीं ना कहीं उन्ही स्वाभाविक इच्छा कम हो जाती है।
ब्लडप्रेशर की दवाई, डिप्रेशन की दवाइयां या फिर कंट्रासेप्टिव पिल्स, कई बार साधारण दिखने वाली ये दवाइयां भी यौन इच्छा में कमी का कारण बनती है। अगर किसी महिला को इन दवाइयों को लेने के बाद इच्छा में कमी महसूस हो तो बिना देर किये अपने डॉक्टर से मिल दवाइयां बदलवानी चाहिए।
बढ़ती उम्र और मेनोपॉज़ की अवस्था में महिलाओं के शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल चेंज आते हैं। कई बार पीरियड्स बंद होने के बाद या किसी बड़ी सर्जरी जैसे गर्भाशय निकलवाने के बाद देखा गया है कि महिलाओं की सेक्स करने की इच्छा बिलकुल ही खत्म हो गई है।
वैजिनिस्मस एक दर्दनाक स्थिति है जो योनि की मांसपेशियों के अनायास संकुचन के कारण होती है, जिससे सेक्स दर्दनाक हो जाता है। इस वजह से भी महिलाओं में यौन इच्छा की कमी हो जाती है।
जिस तरह किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक परेशानी महसूस होने पर तुंरत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये ठीक उसी तरह शारीरिक सम्बंधों में भी रूचि कम हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।
अगर किसी स्त्री के हमेशा से शारीरिक सम्बंधों में रूचि कम रही है तो इसका कारण “हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर” माना जा सकता है जो की एक सामान्य बात है लेकिन अगर अचानक इच्छा में कमी आयी है तो इसका मतलब कोई शारीरिक या मानसिक समस्या है।
डॉक्टर कई तरह के टेस्ट कर शारीरिक समस्या का पता लगाते हैं और ईलाज भी करते हैं। लेकिन अगर समस्या शरीर से ना हो मानसिक हो तो किसी सेक्सोलोजिस्ट या साइकोलॉजिस्ट के पास रेफर कर देते हैं। सेक्सोलोजिस्ट या साइकोलॉजिस्ट मरीज की मनोदशा का पता लगा उचित दवा और कॉउंसलिंग करते हैं।
अगर आप बहुत जल्दी डॉक्टर से नहीं मिलना चाहते तो कुछ घरेलु उपाय कर के भी देख सकते हैं।
महिलाओं की सेक्स या शारीरिक सम्बंधों में रूचि कम होना कोई साधारण बात नहीं होती इसलिए इसे टालना नहीं इस मुद्दे पर बात करनी चाहिये और साथ ही सही समय पर डॉक्टर से मिल समस्या को दूर करने के सभी संभव उपाय भी करने चाहिये।
चेतावनी : उपयुक्त पोस्ट सिर्फ जानकारी के लिये है। कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
मूल चित्र : Still from the Short Film, Online Girlfriend , Pocket Films/YouTube
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