कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

नन्ही सी परी मेरी जाने कब सयानी हो गई…

पढ़ना सिखाया जिसे, सिरहाने रखकर कहानियां सुनाती जिसे, गोदी में लिटाकर लोरी सुनाती जिसे, छोटी सी बिटिया मेरी, जाने कब बड़ी हो गई।

पढ़ना सिखाया जिसे, सिरहाने रखकर कहानियां सुनाती जिसे, गोदी में लिटाकर लोरी सुनाती जिसे, छोटी सी बिटिया मेरी, जाने कब बड़ी हो गई।

छोटी सी बिटिया मेरी,
जाने कब बड़ी हो गई।
नन्ही सी परी मेरी,
जाने कब सयानी हो गई।

हाथों में लिए घुमाती थी जिसे,
हल्की-फुल्की अपनी इशारों से हंसाती थी जिसे,
उंगली पकड़ के चलना सिखाया जिसे,
अक्षर-अक्षर जोड़कर पढ़ना सिखाया जिसे,
सिरहाने रखकर कहानियां सुनाती जिसे,
गोदी में लिटाकर लोरी सुनाती जिसे,
छोटी सी बिटिया मेरी,
जाने कब बड़ी हो गई।
नन्ही सी परी मेरी,
जाने कब सयानी हो गई।

गिरते-पड़ते पैरों पर खड़ा होना सीखा जिसने,
आज अपने पैरों पर खड़ी हो गई,
हंसते-हंसाते, गिरते-संभलते,
मुझसे भी ऊंची हो गई,
छोटी सी बिटिया मेरी
जाने कब बड़ी हो गई।
नन्ही सी परी मेरी,
जाने कब सयानी हो गई।

अपने तोतले बोल और गानों से, दिल बहलाया जिसने,
अपने नन्हे हाथों से मेरे बालों को सहलाया जिसने,
दुपट्टा को साड़ी की तरह लहराया जिसने,
देखते ही देखते, गुड़िया मेरी जवां हो गई,
छोटी सी बिटिया मेरी,
जाने कब बड़ी हो गई।
नन्ही सी परी मेरी,
जाने कब सयानी हो गई।

मूल चित्र : Qazi Ikram Ul Haq via Pexels

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

1 Posts | 1,091 Views
All Categories