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गौरैया एक छोटी सी चिड़िया है जो धीरे धीरे विलुप्त होती जा रही है। 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस गौरैया संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए मनाया जाता है।
बचपन याद आता है तो याद आती है गुड़िया, बचपन के दाेस्त और एक नन्हीं सी चिड़िया।
शुरु होती थी माँ की कहानी, “एक थी छोटी सी चिड़िया” दादी और नानी की कहानी, “एक थी नन्हीं गौरैया”
सुबह सुबह ही चीं चीं करती आ जाती थी आँगन में फुदक फुदक कर चलती मानो नाच दिखाती आँगन में।
अब छोटे हो गए आँगन दिखती नहीं गौरैया कहानियों में से भी अब उड़ गई गौरैया।
फिर से आ जा प्यारी गौरैया मेरे सूने आँगन में आने वाले बच्चे भी देखें तुझको अपने बचपन में।
पंखे, बल्ब, छ्प्पर का कोना बन जाता था तेरा घर तेरे बच्चों की चीं चीं चीं से चहक उठता था मेरा घर।
चन्द तिनके, रुई, कतरन से बना लेती है तू घोंसला। आकर समझा जा मानव को रखे शान्ति, सब्र और हौसला।
उम्मीद करती हूँ, मेरी रचना पढ़कर गौरैया की याद आ गई होगी आप को भी। पक्षियों के लिए छत पर, बालकनी में पानी ज़रूर रखिए। धन्यवाद
मूल चित्र : Canva Pro
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...
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