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हाँ, अब मैं खुद को तराश रही हूँ!

हाँ मैं हूँ आधुनिक नारी, किरदार बहुत हैं मेरे लेकिन अब मैं खुद को भी तराश रही हूँ, हाँ मैं अपना अस्तित्व बना रही हूँ।  

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हाँ मैं हूँ आधुनिक नारी, किरदार बहुत हैं मेरे लेकिन अब मैं खुद को भी तराश रही हूँ, हाँ मैं अपना अस्तित्व बना रही हूँ।  

किरदार बहुत है मेरे,
माँ, बहन, बेटी, पत्नी और ना जाने कितने
अनगिनत नामों से पुकारी जाती हूँ।

हर किरदार में पर्फ़ेक्ट हूँ या नहीं,
हर समय आंकी जाती हूँ।

निभा रही हूँ बखूबी हर किरदार को,
पर अब खुद को भी तराश रही हूँ।

किरदारों से निकलकर “अपने अस्तित्व को भी बना रही हूँ।”

कब तक बनी रहूँगी स्तम्भ,
अब अपने अस्तित्व को भी पहचान रही हूँ।

कई धर्मों से जुड़ी हूँ मैं,
कर्तव्य पथ पर चल रही हूँ मैं।

अपने ख़्वाबों के आसमान में,
बेख़ौफ़ पंख भी पसार रही हूँ।

अब मैं खुद को भी तराश रही हूँ

साइना, कल्पना चावला, मेरी कोम,
जैसे किरदार भी अब मैं निभा रही हूँ।

जीवन के हर क्षेत्र में अपना परचम फहरा रही हूँ।

हाँ मैं हूँ आधुनिक नारी,
किरदार बहुत हैं मेरे।

हाँ अब मैं खुद को भी तराश रही हूँ।
हाँ अब मैं खुद को भी तराश रही हूँ।

कई किरदारों संग ‘मैं’ को भी अब ऊँचाई पर पहुँचा रही हूँ।
खुद को तराश कर अब अपनी पहचान बना रही हूँ।

मूल चित्र: Still from ttt Kaande Pohe, YouTube

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