कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
‘हिज़ स्टोरी’ देखने के बाद जो पहला सवाल ज़हन में आया वह यह कि एलजीबीटीक्यू (lgbtq) समाज के लोगों कि अन्य समस्याएं और क्या-क्या हो सकती हैं।
‘द मैरिड विमेन’ के बाद उसी स्टोरी लाइन पर, बदले हुए परिदृश्य के साथ ओटीटी प्लेटफार्म ऑल्ट बालाजी पर बीते रविवार को ‘हिस स्टोरी’ रिलीज हुई। जिसमें होमोसेक्सुलीटी, परिवार और समाज में उसको स्वीकार करने के जद्दोजहद्द, उसको लेकर सामाजिक स्थिति की बात कही गई है।
बस जेंडर चेंज है, ‘द मैरिड विमेन’ में कहानी दो महिलाओं का एक दूसरे के प्रति आकर्षण और एक महिला का शादीशुदा पहले से शादीशुदा होना था, ‘हिज़ स्टोरी’ में दो पुरुषों के एक-दूसरे के प्रति आकर्षण और एक की सफल शादीशुदा जिंदगी है। पर सवाल वही है, जो ‘द मैरिड विमेन’ में थे।
जाहिर है, इन दोनों कहानियों से, हो सकता है इस कड़ी में और भी कहानियां शामिल हो। ऑल्ट बालाजी इस कहानी द्वारा हमारे समाज के एक बड़े हिस्से के मुख्य समस्याओं से समाज को रूबरू करवाना चाहती है।
लंबे समय तक डर कर, छुप कर अपनी अलग पहचान बताकर रहने वाले इन लोगों के अन्य कई सवाल हैं, जिसको लेकर समाज को जितना संवेदनशील होना है, समाज के संस्थाओं जैसे परिवार, विवाह अन्य सभी को कई जवाब तलाश करने होंगे।
ट्रेलर की शुरुआत से लगता है की कहानी महिला साक्षी (प्रियमणी राज) के बारे में है जिसकी बीस साल की एक शादीशुदा जिंदगी है, वह एक कामयाब शेफ और रेस्तरां मालिक भी है। हर कदम में उसके साथ खड़ा उसका पति कुणाल (सत्यदीप मिश्रा) और उसके बच्चे हैं।
साक्षी को पता चलता है कि उसके पति का अफेयर किसी लड़की से नहीं एक लड़के प्रीत (मृणाल दत्त) के साथ है। जिसके बाद साक्षी-कुणाल के जीवन में ही नहीं उसके आस-पास के दोस्तों और खासकर बच्चों के जीवन में उठा-पटक शुरू हो जाती है। जिसमें साक्षी-कुणाल के बच्चे, सिग्ल मंदर राफिया (चारू सरकार) जिसकी बेटी का सेक्स विडीओ लिक हो गया है और निहाल (रवि कुमार) जो अपने लड़के के सेक्सुलिटी को मानने से इंकार करता रहता है, भी शामिल होते हैं।
साक्षी पति कुणाल के इस संबंध को कैसे स्वीकार कर पाती है? साक्षी-कुणाल के बच्चे इस पर कैसे रियेक्ट करते हैं? साक्षी-कुणाल के दोस्त इसके प्रति कैसा व्यवहार करते हैं? क्या कुणाल-प्रीत दोनों एक-दूसरे को पूरी तरह स्वीकार कर लेते हैं? ये सब जानने के लिए आपको हिस स्टोरी देखनी होगी। जो और कुछ नहीं तो, पर समाज में एलजीबीटीक्यू (lgbtq) सोसाइटी के लोगों के समस्याओं के बारे में जानकारी देगी।
‘हिज़ स्टोरी’ का शांत अभिनय प्रभावित करता है
डिरेक्टर प्रशांत भागिया ने कुल बीस-पच्चीस मिनट के 11 एपिसोड में साक्षी, कुणाल और प्रीत के बीच के बदलते जीवन को दर्शाने की कोशिश की है। उनके डिरेक्शन में खूबी कही जाए तो वह यह कि कहानी में सारे पात्र कभी लाउड नहीं होते, होते भी हैं तो केवल वो जिनकी जरूरत कहानी को है।
सत्यदीप मिश्रा, प्रियमणी राज, मृणाल दत्त के आस-पास घूमती कहानी में तीनों का अभिनय काफी स्थिर और संयम वाला रहा है। अन्य कलाकार भी अपनी पिच से कभी आगे नहीं जाते हैं अपने अभिनय में। इसलिए पूरी कहानी ऐसी लगती है जैसे मख्खन पर एक गर्म चाकू रख दिया गया हो और मख्खन में बस इतनी हलचल है कि वह पिघल रही है, और कोई शोर नहीं हो रहा है।
एलजीबीटीक्यू (lgbtq) समाज के लोगों के और भी कई समस्याएं है, अब समय आ गया है कि उनपर भी बात की जाए और उनकी भी कहानियां कही जाएँ।
‘द मैरिड विमेन’ और ‘हिज़ स्टोरी’ देखने के बाद जो पहला सवाल ज़हन में आया वह यह कि एलजीबीटीक्यू (lgbtq) समाज के लोगों कि अन्य समस्याएं और क्या-क्या हो सकती है, जिसके बारे में हम, हमारा समाज और समाज की संस्थाएं कुछ भी नहीं जानते है। जब तक हम उनके बारे में जानेंगे नहीं तब तक उनपर हम बात भी नहीं करेंगे।
इस समाज के लोगों की अस्मिता, उनकी सामाजिक स्वीकृत और उनके सामाजिक-आर्थिक और नागरिक अधिकारों पर भी बात कहीं जानी चाहिए।
मूल चित्र: Stills from show His Story
read more...
Please enter your email address