कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
मेरे पति अपने सहकर्मियों को मेरे बनाये सैंडविच बेचते हैं, और उन पैसों से वह रेस्ट्रॉंट से अपना लंच खरीदने जाते है। यह सुनके मैं तो दंग रह गई।
मेरे पति अपने सहकर्मियों को मेरे बनाये सैंडविच बेचते हैं, और उन पैसों से वह रेस्ट्रॉंट से अपना लंच खरीद कर खाते हैं। यह सुन के मैं तो दंग रह गई।
रेड्डिट एक साइट है जहां लोग कई प्रकार की चीजें शेयर करते है, खासकर गुमनाम तरीके से अपने मन की बातें।
कुछ पोस्ट में लोग अपनी कोई चिंता व्यक्त करते है, या किसी चीज़ पर सलाह माँगते है या फिर अपनी कोई कहानी या किस्सा बताते है। ऐसे ही रेड्डिट पे इन पोस्ट्स को पढ़ते हुए मुझे एक बड़ा ही मजेदार पोस्ट मिला।
इस पोस्ट में एक 33 साल की महिला लिखती हैं कि उन्होंने ने अब अपने पति को काम पर ले जाने के लिए टिफ़िन नहीं देने का निर्णय लिया है, क्यूँकि उनको पता चला कि उनका पति उनका बनाया खाना दूसरों को बेचता था।
उन्हें अपने पति पर शक होना कब शुरू हुआ वह बताते हुए वह यह लिखती हैं कि “मेरे पति एक विज्ञापन कंपनी में काम करते हैं। हम थोड़ा आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि हम एक नया अपार्टमेंट खरीदने के लिए बचत कर रहे हैं। उससे फास्ट फूड खाने की आदत है और यह हमें महंगा पड़ रहा था। उन्हें रोज़ फास्ट फूड पर पैसे खर्च करने में कोई परेशानी नहीं थी और गणित करने के बाद हमें पता चला कि वह सिर्फ फास्ट फूड पर महीने में ज्यादा खर्च करते हैं। हम महंगे इलाके में रहते हैं। मैंने उनसे इस बारे में बात की।
वह इस बात से सहमत थे कि मैं उनके साथ काम पर ले जाने के लिए सैंडविच बना के दे दिया करूँगी। इस तरह वह स्वस्थ खाना भी खाएंगे है और हम किराए के लिए पैसे भी बचा लेंगे।
“सब कुछ ठीक चल रहा था। मैंने देखा कि जब मैं पूछती थी कि उनको मेरे द्वारा बनाए गए सैंडविच पसंद आते हैं तो वह जवाब नहीं देते थे। लेकिन अधिक भूख लगने के नाम पे, वह मुझे 2 से अधिक सैंडविच बनाने के लिए कहते रहे।”
पोस्ट के मज़ेदार हिस्से पे आते हैं जहां वह यह लिखती हैं कि उन्हें अपने पति के इस व्यापार का पता कैसे चला।
“कल, वह अपने दोस्त और सहकर्मी को साथ घर लेकर आए थे। हम डिनर टेबल पर बैठे और उनके दोस्त ने मेरे पति के लिए मेरे द्वारा बनाए सैंडविच की बात उठाई। और कहा वे कितने स्वादिष्ट हैं। मैंने उन्हें धन्यवाद दिया, तो उसने कहा कि लेकिन उनकी कीमत थोड़ी ज्यादा है। मैं शॉक्ड रह गई। मैंने उसे समझाने के लिए कहा। उसने कहा कि मेरे पति अपने सहकर्मियों को मेरे बनाये सैंडविच बेचते हैं, और उन पैसों से वह रेस्ट्रॉंट से अपना लंच खरीदने जाते हैं।
“ये सुन कर मैं दंग रह गई। मेरे पति ने इस बात को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मैं उनके दोस्त के चले जाने के बाद उनके साथ बहस करने लगी। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
मैंने उनसे कहा कि अगर वह फास्ट फूड खरीदने के लिए सैंडविच बेच रहे हैं तो मैं अब उनके लिए सैंडविच नहीं बनाऊँगी। उन्होंने खुद का इस बात से बचाव करने के लिए कहा कि मैं ओवररिएक्ट कर रही हूँ क्योंकि वह फास्ट फूड पर पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं और ये भी कहा कि यह अनुचित है कि मैं इस पर एक लड़ाई शुरू कर रही हूँ।”
उनके पति का उनके पीठ पीछे यह करना और उनके प्यार और मेहनत को नज़र अन्दाज़ कर यह कहने से उन्हें बहुत ठेस पहुंची और वह कमरे में जा बैठ गयीं।
आगे वह बताती हैं, “उन्होंने कहा कि मुझे उनसे माफी मांगनी चाहिए। भगवान जाने किस लिए? और उसके हिसाब से मेरे गुस्सा करना और यह कहना कि मैं उसके लिए सैंडविच नहीं बनाऊँगी ग़लत है।”
यह तो वही बात हो गायी कि ‘चोरी ऊपर से सीना जोरी’। आख़िर ये सब वह कर तो उनके ही फायदे के लिए रही थी। पैसे तो बच ही रहे थे पर साथ अपने पति की सेहत का भी ख़याल रख रही थी वो। इसमें वो ग़लत कहा से हुईं?
लेकिन यह पूरी पोस्ट पढ़कर मेरी हंसी नहीं रुकी लेकिन मुझे उस महिला के लिए दुःख भी हुआ। बेचारी महिला जो रोज बड़े प्रेम से अपने पति के लिए काम पर ले जाने के लिए घर का खाना तैयार करती है, वो प्रेम भरा खाना उनका पति दूसरों को बेच दे रहा है?
इस पोस्ट के कमेंट्स में लोगों ने अपने विचार भी इसपे खूब लिखे। एक ने लिखा, “वह आपकी दयालुता और श्रम का फ़ायदा उठा रहा था। वह उन्हें एक गुप्त तरीक़े से बेच रहा था क्योंकि वह जानता था कि यह गलत है।”
तो उससी में जोड़ते हुए किसी ने लिखा, “और जैसा कि उसने उनकी कीमत निर्धारित करके (अतिथि ने टिप्पणी की थी कि यह अधिक है) वह आपका भी नाम ख़राब कर रहे क्यूँकि सैंडविच की निर्माता तो आप हैं।”
एक व्यक्ति ने उन्हें सलाह देते हुए कहा कि उन्हें “अपने सैंड्विच का कैटरिंग बिजनेस शुरू कर देना चाहिए, सुनके तो लगता है की वह अच्छे बिकेंगे।”
कुछ ने तो पति की और भी सहानभुति दर्शाते हुआ लिखा कि शायद वह वास्तव में फास्ट फूड का आदी हो सकता है और उसे थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है।
सुनने में तो यह हर पति-पत्नी की नोक झोंक जैसा और बड़ी ही हास्यजनक परिस्थिति लगती है। पर सोचो तो बेचारी पत्नी को कितना बुरा लगा होगा यह सुनकर की उसका प्रेम और मेहनत से बनाया खाना उसका पति बेच के, बाहर से खाना खरीद के खा रहा।
अपना यह दुःख वह बाद में कॉमेंट करके भी व्यक्त करती हैं, “मुझे बहुत अपमानजनक महसूस हुआ। उन्होंने इस बात को नजरअंदाज कर दिया कि मैं बहुत कोशिश करके रोज उनके लिए अलग अलग प्रकार के सैंडविच बना रही हूँ। और रात में समय निकालकर सब कुछ तैयार करती हूँ। किराने की दुकान पर जाने और उनके पसंद की चीजों को खरीदना।
वह सैंडविच बेचकर रोजाना लगभग 15 डॉलर कमाता है और रेस्ट्रॉंट से अपना दोपहर का भोजन खरीदने जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे ग़ुस्सा नहीं होना चाहिए क्योंकि वह अपना खुद का दोपहर का भोजन खरीदने के लिए पैसे कमा रहे हैं। लेकिन मैं स्वीकार ही नहीं कर सकती जो उन्होंने किया। मुझे बुरा लगा और में चाहती हूँ की वो समझ पाते कि मुझे कैसा महसूस हो रहा है।”
बात तो सही है, किसी भी इंसान को यह धोखे के स्वरूप ही लगेगा। कोई इंसान मेहनत कर मन से कुछ करे, कुछ बनाये और दूसरा इंसान उसी चीज़ का फायदा उठा, वो भी पीठ पीछे, उस चीज़ को किसी और को बेच दे? यह तो ग़लत है।
पर पति के चालूपन की भी दाद देनी होगी। ऐसा आईडिया निकालने के लिए भी काफी होशियार दिमाग की ज़रूरत है। लेकिन अगर मैं होती तो जीवन भर के लिए उसको सबक ज़रूर सीखाती।
आपको क्या लगता है? क्या उसके पति का उसके बनाए सैंड्विच को दूसरों को बेचना गलत था या नहीं? और क्या उसका अब अपने पति के लिए सेंडविच ना बनाने का फ़ैसला लेना जायज़ है या नहीं?
मूल चित्र: Parle Husband-Wife Film via YouTube
A student with a passion for languages and writing. read more...
Please enter your email address