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हाथ जोड़ने वाली ने अब हाथ उठाना सीख लिया, चूड़ी वाले हाथों ने अब बंदूक़ चलाना सीख लिया, नारी अब कमजोर नहीं है, नारी अब लाचार नहीं है।
थकना नहीं रुकना नहीं, कदमों को पीछे लेना नहीं, रास्ता लम्बा है अभी, विश्राम की बाधा नहीं, लक्ष्य को पाने से पहले, अब मुझे रुकना नहीं, अब मुझे झुकना नहीं।
दीपक सी ज्वाला है मन में, है धैर्य पृथ्वी सा चेहरे पर, बादल सी गरजन है मुझमें, सागर सा ठहराव मुझ में, लक्ष्य भेद की तैयारी में, तपकर हूँ तैयार खड़ी मैं, नारी अब कमजोर नहीं है, नारी अब लाचार नहीं है।
धरा से लेकर अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में अब वो चमक रही, नारी अब कमजोर नहीं, नारी अब लाचार नहीं।
रास्ते में खड़े अवरोधों को, अब उसे हटाना आता है, अपने साहस के दम पर , अब मंज़िल को पाना आता है।
हाथ जोड़ने वाली ने अब हाथ उठाना सीख लिया, चूड़ी वाले हाथों ने अब बंदूक़ चलाना सीख लिया, चूड़ी वाले हाथों ने अब बंदूक़ चलाना सीख लिया।
मूल चित्र : Still from short film Respect her Expertise, YouTube
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