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इंतज़ार

उस लड़की का चेहरा तो नहीं दिखा, पर सफ़ेद सलवार सूट में खुले लंबे बालों में खड़ी वह उसका ध्यान खींचती रही।

उस लड़की का चेहरा तो नहीं दिखा, पर सफ़ेद सलवार सूट में खुले लंबे बालों में खड़ी वह उसका ध्यान खींचती रही।

“क्या आप मुझे बी ए की अंग्रेज़ी की क्लास कहाँ है, बता सकते हैं?” इस मधुर आवाज़ ने राज का ध्यान अपनी ओर खींचा। उसने देखा एक लड़की उसके आगे खड़े लड़के से क्लास का पता पूछ रही थी। उसको उस लड़की का चेहरा तो नहीं दिखा, पर सफ़ेद सलवार सूट में खुले लंबे बालों में खड़ी वह उसका ध्यान खींचती रही। उसका मोर की डिज़ाइन का झुमका हवा के साथ हिल रहा था।

जब राज क्लास में पहुँचा तो वह लड़की उसकी बराबर की सीट पर ही बैठी थी। यह प्राची के साथ उसकी पहली मुलाक़ात थी। पर उस दिन से प्राची का खूबसूरत चेहरा राज के सामने घूमने लगा।

चार दिन बाद ही राज ने प्राची को प्रपोज किया, जिसे प्राची ने दोस्ती मानकर स्वीकार कर लिया था। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। इस रिश्ते की कद्र करते हुए दोनों शादी के लिए सहमत हो गए। राज बकाएदा जाकर प्राची के माता-पिता से मिला और प्राची को भी अपने माता-पिता से मिलवाया।

लेकिन इसके थोड़े ही दिनों बाद प्राची ने राज की तरफ देखना भी बंद कर दिया। करीब 3 महीने निकलने के बाद राज ने प्राची से इस बेरुखी के बारे में जानना चाहा। प्राची ने कहा कि वह अमेरिका जा रही है, लेकिन राज को अपने दोस्तों से पता चला कि प्राची की एंगेजमेंट अमेरिका में रहने वाली उसकी दीदी के देवर से हो गई है और अगले माह दोनों शादी भी करने वाले हैं। राज के तो जैसे पैरों तले धरती ही खिसक गई। मानो आसमान टूट पड़ा हो उसके सिर पर। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि अब कैसे वह इस सदमे से उबरे।

हरदम हँसते-खिलते खिलाते चेहरे वाला राज एक दम शांत हो गया था। धीरे-धीरे चार साल गुज़र गए। राज अब लंदन में बस गया था और वहीं एक मल्टीनैशनल कंपनी में सीईओ के पद पर काम करने लगा।

अचानक एक दिन ट्रेन में उसे प्राची दिखाई देती है। प्राची उसे देख नहीं पाती, पर राज उसकी आवाज़ सुनते ही पहचान जाता है। प्राची उसे बहुत बीमार और कमज़ोर लगती है। ट्रेन से उतर कर वह उसका पीछा करने लगता है। वह एक हॉस्पिटल में घुस जाती है, राज भी उसके पीछे जाता है।

डॉक्टर और प्राची की बातें सुनकर उसे पता चलता है कि उसको कैन्सर है, ये सुनते ही उसके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाती है। राज उसका घर तक पीछा करता है और फिर वापस आ जाता है। उसके दिल दिमाग़ में विचारों का बवंडर चलने लगता है। क्या प्राची सच में बेवफ़ा है? यही सोचते सोचते सुबह हो जाती है। उस दिन राज ऑफ़िस नहीं जाता है।

वो प्राची के घर पहुँचता है। दरवाज़ा खोलते ही प्राची हैरान रह जाती है, वह कुछ बोल नहीं पाती। राज के बहुत पूछने पर वह बताती है कि उसकी कैन्सर की रिपोर्ट आते ही वह लंदन आ गई थी और यहाँ इलाज करा रही थी।

“क्या तुम मुझ पर विश्वास नहीं कर सकती थी, क्या हमारा प्रेम इतना कमज़ोर था कि एक बीमारी से हिल जाए?” राज ने प्राची को प्यार से देखते हुए कहा। “मैं तुम्हारा पूरा इलाज करवाउँगा और पूरा जीवन तुम्हारी प्रतीक्षा भी करूँगा”, कहते हुए राज ने उसे गले से लगा लिया।

मूल चित्र : Alex Iby via Unsplash 

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SHALINI VERMA

I am Shalini Verma ,first of all My identity is that I am a strong woman ,by profession I am a teacher and by hobbies I am a fashion designer,blogger ,poetess and Writer . मैं सोचती बहुत हूँ , विचारों का एक बवंडर सा मेरे दिमाग में हर समय चलता है और जैसे बादल पूरे भर जाते हैं तो फिर बरस जाते हैं मेरे साथ भी बिलकुल वैसा ही होता है ।अपने विचारों को ,उस अंतर्द्वंद्व को अपनी लेखनी से काग़ज़ पर उकेरने लगती हूँ । समाज के हर दबे तबके के बारे में लिखना चाहती हूँ ,फिर वह चाहे सदियों से दबे कुचले कोई भी वर्ग हों मेरी लेखनी के माध्यम से विचारधारा में परिवर्तन लाना चाहती हूँ l दिखाई देते या अनदेखे भेदभाव हों ,महिलाओं के साथ होते अन्याय न कहीं मेरे मन में एक क्षुब्ध भाव भर देते हैं | read more...

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