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ओफ्फो, बस भी करो माँ एक ही बात को कब तक दोहराओगी। पर किसी ने सोचा है कि वो बार-बार एक ही बात क्यों कहती है?
वो सारा दिन बोलती है क्योंकि शायद कोई उसकी सुनता ही नहीं।
तुम सारा दिन क्यों बोलती रहती हो?
अरे तुम क्यों रेडियो की तरह क्यों बजती रहती हो?
ओफ्फो, बस भी करो माँ एक ही बात को कब तक दोहराओगी।
ना जाने दिन में कितनी बार कभी पति तो कभी बच्चे उसे यही कहते रहते हैं।
पर किसी ने सोचा है कि वो बार-बार एक ही बात क्यों कहती है?
क्योंकि शायद उसके बार-बार कहने पर भी कोई उसकी सुनता नहीं।
वो कहती है कि कपड़े समेट कर रखो,
फिर भी तुम्हारे कपड़े कभी बेड तो कभी सोफे पर लेटे रहते हैं।
वो कहती है खाना खा लो ठंडा हो जाएगा,
लेकिन तुम अपने मोबाइल में टिक-टिक करते रहते हो।
वो कहती है कि आते हुए ये सामान ले आना,
लेकिन तुम किसी दोस्त से मिलने में बिजी हो जाते हो
वो कहती है मुझे रविवार को मंदिर ले जाना,
पर उसकी बात अनसुना कर तुम अपने प्लान बना लेते हो।
असल में तो तुम बार-बार एक ही काम करते हो,
वो तो हर बार प्यार से समझाती है।
तुम्हारे लिए उसे रेडियो बनना पड़ता है,
क्योंकि उसकी आवाज़ तुम्हारे कानों तक जाती नहीं।
एक दिन व्हाट्स एप पर खास दिन की हैप्पी विश लिखने से,
कुछ नहीं होगा प्यारे पति और बच्चों।
अपनी प्यारी होममेकर की बात सुनिए और उसे भी थोडा सांस लेने दीजिए।
मूल चित्र: All out via youtube
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