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मासिक धर्म कभी कभी काफ़ी दर्दनाक हो सकता है लेकिन अच्छे आहार और नियमित व्यायाम के साथ आप दर्द और अतिरिक्त रक्तस्राव को कम कर सकते हैं।
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस दुनियाभर की महिलाओं में मासिक धर्म की वजह से होने वाली वाली परेशानियों के बारे में जागरूक करने लिए हर साल 28 मई को मनाया जाता है।
पर उससे पहले ये जान लें मासिक धर्म है क्या और क्यूँ इसको लेकर कई तरह के सवाल और भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
हमारे शरीर में किशोरावस्था के दौरान कई बदलाव आते हैं। बड़े बदलावों में से एक है – माहवारी (पीरियड) की शुरुआत।
८ से किशोरावस्था तक की आयु की लड़की के अण्डाशय हर महीने एक विकसित डिम्ब (अण्डा) उत्पन्न करना शुरू कर देते हैं। वह अण्डा अण्डवाहिका नली (फैलोपियन ट्यूव) के द्वारा नीचे जाता है जो कि अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ती है। जब अण्डा गर्भाशय में पहुँचता है, उसका अस्तर रक्त और तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता है।
ऐसा इसलिए होता है कि यदि अण्डा उर्वरित हो जाए, तो वह बढ़ सके और शिशु के जन्म के लिए उसके स्तर में विकसित हो सके। यदि उस डिम्ब का पुरूष के शुक्राणु से सम्मिलन न हो तो वह स्राव बन जाता है जो कि योनि से निष्कासित हो जाता है।
इसी स्राव को मासिक धर्म, पीरियड्स या रजोधर्म या माहवारी कहते हैं। माहवारी की शुरुवात हर एक के लिए अलग समय पर होती है।
माहवारी के दौरान योनि (वजाइना) से निकलने वाले रक्त को सोखने के लिए या इकट्ठा करने के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है। पैड/टैम्पून, मेंस्ट्रुअल कप इत्यादि।
माहवारी (पीरियड) एक महिला के जीवन में एक स्वस्थ और सामान्य प्रक्रिया है और इसकी वजह से हमें स्कूल जाने, खेलने या दोस्तों से मिलने जैसी रोजमर्रा की गतिविधियों में भाग लेने से नहीं रुकना चाहिए।
आपको माहवारी (पीरियड) के दौरान अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता की देखभाल करने की आवश्यकता है। स्वस्थ रहने के कुछ तरीके हैं जैसे नियमित रूप से स्नान करना, पैड/टैम्पून बदलना, मेंस्ट्रुअल कप खाली करना, साबुन से हाथ धोना, स्वस्थ भोजन खाना, हल्का व्यायाम करना और साफ कपड़े पहनना।
ज्यादातर महिलाएँ पीरियड्स को लेकर खुलकर बात नहीं करतीं और न ही इस दौरान बरतने जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक होती हैं।
मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर खासतौर से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि लापरवाही कई सारी बीमारियों को जन्म दे सकती है। यहाँ तक कि कई बार इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी संबंधी परेशानी भी हो सकती है।
पिछले पाँच सालों से दुनियाभर में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (मेन्स्ट्रूअल हाइजीन डे) मनाया जा रहा है। इसे 28 तारीख को मनाने की खास वजह यह है कि महिलाओं को पीरियड्स 28 दिनों के अंदर आते हैं।
और इस बार विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की थीम ‘Periods do not stop for pandemics in light of the coronavirus crisis’ (करोना वाइरस की महामारी के लिए भी पिरीयड्ज़ रुकते नहीं) रखी गई है।
आज से नहीं काफी समय पहले से पीरियड्स के दौरान लड़कियों के साथ थोड़ा अलग सा बर्ताव किया जाता रहा है। जिसके चलते वह टेंशन में और काफी चिड़चिड़ी रहती हैं।
१) घर में रखे पुराने गंदे कपड़े का प्रयोग नही करें। इससे संक्रमण का खतरा रहता है।
२) छह घंटे के अंतराल पर सैनिटरी नैपकिन बदलना चाहिए।
३) समय-समय पर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करते रहें।
४) पीरियड्स के समय कई बार शरीर में दर्द होता है। इसलिए गर्म पानी से नहायें।
५) अपने बिस्तर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर बेडशीट बदलती रहें।
६) अगर यात्रा पर हैं और शौचालय जाना हो तो सफाई वाली जगह पर जाएँ।
७) खान-पान का रखें ख्याल। सुपाच्य आहार का सेवन करें।
मासिक धर्म शुरू होने के बाद आप नहीं चाहेंगी की वो बार बार हो- लेकिन यह इतना भी खराब नहीं होगा। कभी-कभी आप अपने शरीर के निचले भाग में दर्द महसूस करते हैं, यह हल्का या काफी दर्दनाक हो सकता है और प्रत्येक महीने में एक जैसा नहीं होता। इसलिए अच्छे आहार और नियमित व्यायाम के साथ-साथ माहवारी के दर्द और अतिरिक्त रक्तस्राव को कम कर सकते हैं।
मूल चित्र: WhisperIndia Via Youtube
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