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मेलिंडा और बिल गेट्स के तलाक ने उड़ा दी इन शुभचिंतकों की नींद

मेलिंडा और बिल गेट्स के तलाक की खबर के न्यूज़ में आते ही, लोगों को तो मानिए मौक़ा मिल गया इस पूरी स्तिथि में मेलिंडा को दोषी ठहराने का।

मेलिंडा और बिल गेट्स के तलाक की खबर के न्यूज़ में आते ही, लोगों को तो मानिए मौक़ा मिल गया इस पूरी स्तिथि में मेलिंडा को दोषी ठहराने का।

नोट : ये लेख पहले यहां अंग्रेजी में पब्लिश हुआ और इसका हिंदी अनुवाद मृगया राय ने किया है

आज दुनिया भर के प्रमुख प्लेटफॉर्म्स द्वारा समाचार आया है कि मेलिंडा और बिल गेट्स तलाक ले रहे हैं। परोपकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य और व्यापार की दुनिया में दोनों की संयुक्त वर्थ और उनकी $124 बिलियन की अनुमानित लागत देखते हुए, इस समाचार से लोगों को झटका लगा और साथ कई लोगों ने इसपर अपनी कई चिंताएँ भी व्यक्त की। 

भारतीय मीडिया ने भी इसके बारे में लिखा, पर मुझे जो चीज दिलचस्प लगी थी इस न्यूज़ के बारे में वो थीं जिस किस्म की टिप्पणियां सोशल मीडिया पर की जा रही थी। 

महिला को हमेशा गोल्ड डिगर के रूप में देखा जाता है!

यह कुछ नमूने है, जैसे कि सोशल मीडिया पर लिखे गए हैं: 

“गोल्ड डिगर जिन्हें बिल जैसे शुगर डैडी चाहिए। गेट सेट, गो।” 

“आधा पैसा गया…” 

“मेलिंडा को कितना पैसा मिलेगा?”

“अब हम जानते हैं कि दुनिया अगली सबसे अमीर महिला कौन है।”

“बीवी को कितना मिल रहा है?”

“मैं आशा करता हूँ कि उन्होंने प्रीनप ज़रूर साइन किया होगा।”

“और ये गयी आधी सम्पत्ति मेलिंडा के नाम…”

“अगर उन्हें एक शुगर बेबी चाहिए तो मैं तैयार हूं।” 

क्या आप यहां एक पैटर्न देख रहे हैं?

‘लीच’ के रूप में महिला,अपनी शादी के टूटने से ‘लाभान्वित’ होने वाली महिला, अन्य महिलाओं के लिए अवसर अब उस पुरुष के माध्यम से धन का उपयोग करने का।

पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा लिखित, दर्जनों टिप्पणियों के माध्यम से पता चलता है कि यह मानसिकता कितनी गहरी है: पुरुष पैसे कमाते हैं, महिलाओं को इससे केवल ‘लाभ’ होता है।

पुरुषों के पावर का लाभ उठाती औरतें?

और फिर भी, यदि आप पितृसत्तात्मक व्यवस्था को बेपर्दा करते हैं और इसकी मचान तक जाते हैं, जो इन प्रणालियों को स्थाई रूप से रखता है, तो आपको और चीजें दिखेंगी – कैसे पुरुषों को कम बाधा के माध्यम से जीवन में एक हेडस्टार्ट दिया जाता है।

कैसे प्रजनन का भार या चाइल्डकैअर का हिस्सा कभी भी उनके लिए संघर्ष नहीं है, कैसे दुनिया का ध्यान उनके शानदार विचारों पर है और उनके दैनिक जीवन के घरेलू  कामों का ‘पहले से ही ख्याल रखा’ हुआ है और भावनात्मक श्रम तो मानो ऐसी चीज़ है जो ना उन्हें पता है और ना ही उसकी उनसे उम्मीद की जाती है। 

इन टिप्पणियों की आंतरिक व्याख्या यह बताती है कि कैसे पुरुषों को शक्ति के केंद्र के रूप में देखा जाता है, उन सभी चीज़ के धारक के रूप में जो सामाजिक रूप से मूल्यवान हैं- पैसा, दबदबा, प्रसिद्धि- और महिलाओं को पुरुषों के माध्यम से उस शक्ति तक पहुंचने के रूप में।

जब तक महिलाएं उनके लिए बताई गई संबंधपरक भूमिकाओं में बनी रहती हैं – पत्नी, मां, बेटी – उन्हे इस अच्छे व्यवहार के बदले में उस शक्ति तक कुछ पहुँचने की अनुमति दी जाती है।

जब भी कोई महिला उस भूमिका को छोड़ना चाहती है, फिर तो व्यंग्य की बौछार देखने मिलती है। धारणा यह है कि एक स्वीकार्य भूमिका से बाहर वित्तीय मुआवजा प्राप्त करने वाली महिला इसके लिए अवांछनीय है, चाहे उस भूमिका में उसका बहुत लंबा योगदान क्यों न हो। 

मेलिंडा गेट्स अपने आप में एक शक्तिशाली व्यक्ति है!

अगर एक व्यक्ति के साथ 27 साल की साझेदारी में अपना जीवन बिताने के बाद, दुनिया के सबसे बड़े प्राइवट चेरिटबल संगठन का सह-संस्थापक करना, और एक साथ तीन बच्चों को पैदा करना और पालना, ये हैं मेलिंडा गेट्स-

1) 21 वीं सदी के अफ्रीका से पोलियो उन्मूलन के लिए एक सफल अभियान  की लीडर,

2) अमेरिकी महिलाओं और परिवारों के लिए अद्वितीय चुनौतियों का समर्थन करने वाले एक स्वतंत्र संगठन, पिवटल वेंचर्स की संस्थापक और

3) लगातार प्रभावशाली वैश्विक महिलाओं की सूची में रही एक व्यक्ति

अभी भी ‘मुक्त’ पैसे के लिए उनका मजाक बनाया जाता है, सिर्फ इसलिए कि सामाजिक रूप हमें बताया गया कि क्या ‘मूल्यवान’ है और इससे कई चिंताजनक सवाल हमारे आगे खड़े हैं।

क्या कोई यह सोचता है कि महिलाओं को हर रोज किन चीजों से गुजरने पड़ता है 

जब कोई महिला गर्भधारण के दर्द और प्रसव के भयावहता को अपने शरीर पर झेलती है, बिना किसी मुआवजे के, तब तो कोई कुछ नहीं कहता।

जब दुनिया भर में लाखों महिलाओं को उनकी कमाने वाली नौकरी छोड़नी होती है, अपने बच्चों की देखभाल करने और अथक और धन्यवादहीन मुफ्त घरेलू श्रम के लिए तो कुछ लोग इस पर भौंहें ऊपर कर आश्चर्य व्यक्त करते हैं। 

लेकिन एक महिला को अपने साथी द्वारा अर्जित किए गए धन में हिस्सा मिले, जबकि उसने अवैतनिक शारीरिक और भावनात्मक श्रम के साथ पीछे से उसका समर्थन किया था, तो आप सौ लोगों को उस हिस्से की वैधता को चुनौती देने के लिए तैयार पाएँगे। 

कुछ कठिन प्रश्न – क्या आपके पास इनके उत्तर हैं?

जो हम यहां देख रहे हैं वह संगम है मिसोजनी और अमीर की ओर गहरे द्वेष का, जो कि असंवेदनशील और बिना सोचे-समझे कमेंट्री के रूप में बहार आ रहा है। 

हम दुर्भाग्य का सामना करने वाले अमीर लोगों पर क्यों हँसते हैं? 

क्यों हम एक महिला को एक साझेदारी में निवेश किए गए वर्षों का मौद्रिक भुगतान प्राप्त करने को मुफ़्त के पैसे के रूप में देखते हैं? 

क्यों महिलाओं की सराहना की जाती है और उन्हें पेडस्टल पर रखा जाता है केवल मुफ्त श्रम के लिए और जैसे ही वह अपनी मेहनत की कमाई का टुकड़ा चाहती है उन्हें तुरंत जमीन के स्तर पर गिरा दिया जाता है?

क्या हम दुनिया की आधी-आबादी को गोल्ड डिग्गर्स के रूप में दर्शा उनका तिरस्कार करना बंद कर सकते हैं? 

क्या आर्थिक शक्ति को पुरुषों के हाथों में रहने देना और महिलाओं को केवल उनके माध्यम से इसे प्राप्त करना उपयुक्त है? 

मैं आपको आर्थिक शक्ति पर लेंगिक अभीगम के बारे में अन्वेषण कर अपने स्वयं की धारणाएँ बनाने के लिए आमंत्रित करती हूँ।

हम अनजाने में समाज के पितृसत्तात्मक संदेश का अधिक उपयोग कर सभी के लिए दो अमीर लोग के तलाक़ की न्यूज़ के कॉमेंट अनुभाग में दुनिया भर के देखने के लिए लिख देते हैं। यह शर्म की बात है, लेकिन आश्चर्य की नहीं कि मेलिंडा और बिल गेट्स की तलाक में मिस गेट्स जितनी प्रभाव वाले किसी व्यक्ति को भी ऐसे अनर्थक पितृसत्तात्मक ट्रॉप के गिरे हुए स्तर तक गिराने की कोशिश की जाती है। 

मूल चित्र: Via abcnews

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Dilnavaz Bamboat

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