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तेरे लिए शब्द कम पड़ जा रहे मां मेरे शब्दकोशों में,लिखना तो बहुत कुछ चाह रही पर अल्फाज़ भूले जा रहे।इतना कह सकती हूँ तुम ही दुनिया हो मेरी माँ।
तेरे लिए शब्द कम पड़ जा रहे माँ मेरे शब्दकोशों में, लिखना तो बहुत कुछ चाह रही पर अल्फाज़ भूले जा रहे। इतना कह सकती हूँ, तुम ही दुनिया हो मेरी माँ।
जिसके होने से मैं खुद को संपूर्ण मानती थी,
रब से पहले मैं इस दुनिया में तुझको मानती थी।
जब तू साथ थी इस दुनिया में, मैं सबसे अमीर थी,
तेरे जाते ही मेरे सपनों की दुनिया उजड़ गई माँ।
दूरियों में भी तूने अपने एहसास की कमी नहीं होने दी,
हाल मेरा जानकर तूने अपने मन को तसल्ली दी।
अब तो कोई हाल पूछने वाला भी नहीं मेरा माँ,
बस फोन पर तेरी तस्वीरों से तसल्ली करती हूं।
तू ही तो थी जिसके मुंह से मेरे लिए दुआएं निकलती थीं,
तेरी हंसी में ही माँ मेरी दुनिया बसती थी।
हर बार मेरे गुस्से में तूने मुझे मनाया है,
तेरे ममता के आंचल में बस प्यार ही प्यार अपने लिए पाया है।
याद है आफिस के लिए जब भी घर से निकलती थी,
एक तू ही तो थी माँ जो खैरियत पूछने को तरसती थी।
तेरे साथ सोने को लेकर हम तीनों में कितनी लड़ाईयां होती थीं,
अब हम तीनों खामोश हैं माँ बस यादें तुम्हारी साथ हैं।
तूने कहा था एक दिन मेरे ना रहने का एहसास झेल ना सकोगे,
मेरे शज़र का आज रौब झुक गया मां तेरे चले जाने से।
तेरे लिए शब्द कम पड़ जा रहे माँ मेरे शब्दकोशों में,
लिखना तो बहुत कुछ चाह रही पर अल्फाज़ भूले जा रहे।
हर एक तकलीफ़ तुझको बताने की आदत सी हो गई थी,
अब एक झूठी हंसी से खुद को तेरे बिना संभाल रही।
काश ऐसा होता किसी को ज़िंदगी देकर बचा सकते,
बता नहीं सकती माँ अपने को तुम पर न्योछावर करते।
अब ना तो कोई ख्वाब है ना कोई ख्वाहिशें हैं भगवान से,
बस तेरी यादों में कटे हर लम्हा ये मेरी उनसे फरमाइश है।
माँ तेरे प्यार से सच्चा प्यार ना है कोई इस दुनिया में,
एक तेरा प्यार ही तो है माँ जिसमें ना कोई धोखा है।
मूल चित्र: OppoF15 via Youtube
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