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प्रिसेंस ऑफ स्लम मलीशा खरवा और स्लम के कुछ बच्चों पर पिछले महीने अप्रैल 2021 में एक शॉर्ट फिल्म ‘लिव योर फेयरीटेल’ रिलीज़ हुई है।
खुला आसमान सबका है बस उड़ान भरने के लिए हौसला चाहिए। मलीशा खरवा में यही हौसला है जिसकी सीढ़ी पर चढ़कर वो धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। 13 साल की इस छोटी सी बच्ची के लंबे बाल, दिल छू जाने वाली मासूम मुस्कान और प्यारी आंखों में चमकते सपने हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए वो पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रही है।
मलीशा मुंबई के बांद्रा में समंदर किनारे अपने पिता और भाई-बहनों के साथ स्लम में रहती है। मलीशा के पिता अपने बेटा-बेटी के साथ रोज़ी-रोटी की तलाश में गुजरात से मुंबई आए थे।
मलीशा सरकारी स्कूल में पढ़ती है और पढ़ने में बहुत अच्छी होने के साथ-साथ फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलती है।
मलीशा के सुर्खियों में आने के पीछे हॉलीवुड फिल्म स्टैप अप-2 के एक्टर रॉबर्ट हॉफमैन का हाथ है। रॉबर्ट अपने एक म्यूजिक वीडियो की शूटिंग के लिए पिछले साल फरवरी में भारत आए थे। उन्हें अपने टूर के लिए यूरोप जाना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण उन्हें कुछ दिन भारत में रहना पड़ा।
अपनी वीडियो में हॉफमैन स्लम के लोगों को भी दिखाना चाह रहे थे तब उनके दोस्त ने उन्हें मलीशा के बारे में बताया। रॉबर्ट जब मलीशा ने मिले जो उसके मासूमियत भरे खूबसूरत चेहरे से बेहद प्रभावित हुए।
हालांकि मलीशा को वीडियो में शूट नहीं किया गया क्योंकि हॉफमैन के मुताबिक वो वीडियो के लिहाज़ से बहुत ही सुंदर है। लेकिन रॉबर्ट ने जब मलीशा से बात की तो उसकी असरदार अंग्रेज़ी और मॉडल बनने के सपने से उन्हें कुछ करने की प्रेरणा दी।
रॉबर्ट ने मलीशा का इंस्टाग्राम पेज बनाया और उसे लोगों के साथ शेयर किया ताकि उसके सपनों को पूरा करने के लिए फंड इकट्ठा किया जा सके। मलीशा के वीडियो को लोगों का भरपूर प्यार मिला और धीरे-धीरे इस बच्ची ने सबका ध्यान खींचा।
मलीशा के फॉलोअर्स की संख्या रोज़ बढ़ रही है और एक साल के अंदर उसके 1 लाख 41 हज़ार फॉलोअर्स हैं।
आज मलीशा खरवा प्रिसेंस ऑफ स्लम के नाम से जानी जाती है।
मलीशा कहती है मेरे दोस्त और बाकी लोग जब मुझे ‘प्रिसेंस ऑफ स्लम’ बुलाते हैं तो मुझे अच्छा लगता है। क्योंकि आप जहां रहते हो, वही आपकी पहचान होता है और इसमें कुछ बुरा नहीं है।
वो 5 साल की उम्र से ही मॉडलिंग का सपना देखती थी। अपने एक इंटरव्यू में मलीशा ने बताया था कि स्लम में रहने वाले लोग घर बनाते हैं तो बार-बार उनके घर तोड़ दिए जाते हैं। ऐसा कई बार हो चुका है। पानी लेने के लिए वो थोड़ी दूर पैदल चल कर जाती है। वो ज़मीन पर ही सोते हैं लेकिन कई बार पत्थर भी चुभते हैं।
वो बताती है कि झुग्गी में रहने वाले कई लोगों के पास सर्दियों में पहनने को स्वेटर भी नहीं होते तो वो गद्दा ओढ़कर सो जाते हैं। इतनी परेशानियों के बावजूद मलीशा अपने परिवार के साथ हंसी-ख़ुशी समय काटती है और वो कहती है कि वो खिलौनों, गुड़ियों के साथ खेलना चाहती है, “एरोप्लेन” में घूमना चाहती है कश्मीर जाना चाहती है बस! वो कहती है अगर मैं डांसर बनी तो मेरे जैसे बच्चों के लिए फ्री डांसिंग क्लास खोलूंगी।
थोड़ी सी मदद और अपनी मेहनत की वजह से लिटल मॉडल मलीशा कम समय में काफ़ी मशहूर हो गई है। पिछले महीने अप्रैल 2021 में मलीशा और कई स्लम के बच्चों पर एक शॉर्ट फिल्म ‘लिव योर फेयरीटेल’ रिलीज़ हुई है।
अर्सला कुरैशी और जस सागू द्वारा निर्देशित इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि जब मुंबई में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे पहली बार रेस्तरा में खाने खाते हैं तो उनका अनुभव कैसा रहता है। ये फिल्म बेहद भावनात्मक है लेकिन ये छोटे बच्चे आपको जीने की नई राह दिखाते हैं।
http://https://www.youtube.com/watch?v=NzSAtbRd52Y
सोशल मीडिया पर छाने के बाद मलीशा अब जाना माना नाम बन गई है। पीकॉक मैगज़ीन पर मलीशा की ख़ूबसूरत तस्वीरें ये बात बयां कर रही है कि उसका सपना ज़रूर सच होगा।
पीकॉक के शूट के बारे में जब मलीशा को पता चला तो वो थोड़ी घबराई थी लेकिन बेहद खुश थी। इस फोटोशूट के बाद मलीशा के पास और कई काम और कोलेबोरेशन आ रहे हैं। वो हर रोज़ अपने सपने की ओर एक-एक कदम बढ़ा रही है।
मलीशा किसी बड़े स्कूल में नहीं पढ़ती, आलीशान घर में नहीं रहती, उसके पास बहुत सारे पैसे नहीं है लेकिन उसके पास जो ख़ज़ाना है वो सबसे बड़ा है।
प्रिसेंस ऑफ स्लम मलीशा खरवा में हिम्मत, हौसला और कुछ कर जाने की चाह है। उसकी बातें सुनकर लगता है कि कोई भी इंसान चाहे तो अपना हर सपना पूरा कर सकता है। बस तलाश होती है तो एक सही राह की।
मूल चित्र: Maleesha Kharwa/ Instagram
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