कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
माँ, सबसे छोटा शब्द...माँ, सबसे छोटा शब्द लेकिन शब्दकोष में शायद शब्द ही कम पड़ जाएँ, पर माँ को बयाँ नहीं किया जा सकता।
माँ, सबसे छोटा शब्द…माँ, सबसे छोटा शब्द लेकिन शब्दकोष में शायद शब्द ही कम पड़ जाएँ, पर माँ को बयाँ नहीं किया जा सकता।
“माँ “…सब रिश्तों में सबसे छोटा शब्दपर भावनाएँ असीमित हैं।एक अथाह सा सागर हैपर सम्भावनाएँ असीमित हैं।
अन्जान दुनिया में जन्म लेकरबहुत डरी हुई थी मैं।जब गोद में लिया तूनेमहफूज़, सँभली हुई थी मैं।
याद है हर वो पलजब तूने दिया सहारामुसीबतों के सागर मेंतू बन कर आई किनारा।
फिर एक दिन चली गईमुझसे करके किनारा।ना रोक पाई तुझकोकितना तुझे पुकारा।
फिर समझाया खुद को मैंने,यही है बस हकीकत।मुझसे भी ज्यादा शायद तेरीईश्वर को थी ज़रुरत।
होता है गर्व खुद पर,कि मैं हूँ तेरी बेटी।इक जन्म मिले फिर से,तो बन जाऊँ तेरी बेटी।
पास ही है, दूर नहीं तू,कहकर समझा देते सब मुझको।पर क्या अपनी थाली में से,खिला सकती है “बुक्का” मुझको?
लेने होंगे जनम कई,तेरे जैसा बन पाने को।कुछ डाल सकूँ अपने बच्चों में,तेरा कुछ ऋण चुकाने को।
मूल चित्र : Still from Mom/Content Ka Keeda, YouTube
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...
Please enter your email address