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टॉक्सिक लोग होते कौन हैं? क्या ये हमारे बीच रहते हैं? क्या है इनकी पहचान? क्या इनके साथ रहना ठीक है? और कहीं हम भी इनमें से एक तो नहीं?
अपने जीवन में हम सबने कभी ना कभी ऐसे व्यक्ति का सामना किया होगा, चाहे दोस्त, साथी, पड़ोसी, घरवाले या किसी भी जानने वाले के रूप में, जो नकारात्मक रूप से अपने करीबी लोगों को प्रभावित करता है। ऐसे व्यक्ति को हम टॉक्सिक या विषाक्त व्यक्ति कहते हैं।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो नकारात्मक हैं और आपके जीवन में संघर्ष का कारण बनते हैं, तो वे टॉक्सिक व्यक्ति हैं। ये लोग आपके और दूसरों की ज़िन्दगी में बस तनाव ही तनाव पैदा कर सकते हैं।
और इन लोगों की खासियत ये है कि अगर आप इन्हें इनकी किसी भी गलत बात पर टोकते हैं, तो ये आपको ही गलत ठहरा देंगे और आप पर ही गुस्सा होने लग जाएंगे। लेकिन ऐसा तो कई बार होता है तो क्या हर व्यक्ति टॉक्सिक है? जी नहीं!
तो ऐसे में टॉक्सिक लोगों की पहचान कैसे करें? यहां हम एक लिस्ट लाएं है जिसमें हैं 7 प्रकार के टॉक्सिक या नेगेटिव या नाकारत्मक लोग हैं और उनकी खास पहचान।
कंट्रोलिंग लोगों की सबसे बड़ी निशानी होती है उनका लोगों को प्रभावित करना। अगर आप किसी चीज को अलग तरीके से करना पसंद है तो आप चाहते हैं कि आप वैसा करें, लेकिन एक कंट्रोलिंग व्यक्ति चाहेगा कि आप उसके हिसाब से चलें, हर चीज़ जैसा वो कहे उस तरीके से हो। वो चाहेंगे कि हर निर्णय वो लें, भले ही वो उनके बारे में हो या नहीं।
जो लोग दूसरों को कंट्रोल करते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें सब पता होता है। अपने अपने पड़ोस के भाई साहब को देखा होगा चिल्लाते हुए कि कैसे हर कोई हर काम गलत कर रहे हैं और उनकी एक नहीं सुनते। यह एक तरीक़े का कंट्रोलिंग व्यवहार है, जिससे हालांकि की हमने बहुत सामान्य व्यवहार के तौर पर अपना लिया है। यह सिर्फ़ और भी ऐसे कंट्रोलिंग लोगों को बढ़ावा देता है।
क्या कभी आप ऐसे व्यक्ति से मिले है जिससे मिलके घर आने के बाद आपको लगता है कि किसी ने आपके अंदर से सारी एनर्जी निकाल ली हो? या कोई ऐसा दोस्त या रिश्तेदार जिससे मिलने के ख़याल पर ही आप कतराते हो क्योंकि उनकी बातें आपको मिंटो में थका देती हैं?
मेरठ वाली बुआ, जिनके बारे में आपको पता है मिलते ही वो आपको हर छोटी बात पर एक ताना मार देंगी, या खोज खोज के आपकी अंदर से कमियाँ निकलेंगी। ऐसे लोग सिर्फ़ अपने आसपास एक नकारात्मक वातावरण बनाते हैं, जिसमें शामिल लोगों को महसूस होता है जैसे एक किसी ने उनके अंदर से सारी एनर्जी चूस ली हो।
एक आत्मा केंद्रित व्यक्ति सिर्फ़ अपने बारे में सोचता है, अपने आस पास के लोगों को और उनकी भावनाओं को अनदेखा कर देता है।
ऐसे लोगों को दूसरे से कोई हमदर्दी नहीं होती। उन्हें अपने अलावा किसी और की परेशानी या मुसीबत महत्वपूर्ण नहीं लगती।
आपने अपने स्कूल में या ख़ासकर ऑफ़िस में ऐसा व्यक्ति ज़रूर देखा होगा जिसे लगता है वह अपने आसपास के लोगों से बेहतर है या उसके मुकाबले कोई और नहीं है। यह भी एक किस्म के आत्मकेंद्रित व्यक्ति की निशानी होती है। उन्हें उनके स्तर की बराबरी वाला कोई और इंसान नहीं लगता।
ऐसे लोग जिन्हें हम कम्पल्सिव लायर कहते हैं, झूठ बोलना इनके बायें हाथ का खेल है। ये इतनी सरलता और सफ़ाई से झूठ बोलते हैं कि अगर आपको सही बात ना पता हो तो आप बहुत आराम से इनकी बात का विश्वास कर लेंगे। कहानी बना ये आपको अपनी बात ऐसे पेश करेंगे कि आप आँख मूँद के इन पर भरोसा कर लेंगे।
ऐसे टॉक्सिक लोग एक और खासियत के स्वामी हैं, चालाकी से आपको प्रभावित करना और अपनी बातों पे विश्वास कराना और अपने हिसाब से सब करवाना। यह इस तरीक़े से अपने आपको एक विक्टिम व्यक्ति के तौर पे प्रस्तुत करेंगे ताकि आप दोषी महसूस करने लगें।
आपके पार्टनर ने कभी आपको उनसे कोई शिकायत करने पर ऐसा ज़रूर महसूस कराया होगा कि आप ही गुनहगार हैं और यह आपका दोष है कि आपको किसी बात का बुरा लगा। एक भावनात्मक कहानी बता उन्होंने आपको तुरंत यह यक़ीन करने पर मजबूर कर दिया होगा कि उनकी तो कोई गलती ही नहीं, सब आप ही की गलती है।
क्या आपने ऑफिस में लोगों के बारे में चुग़ली करते हुए किसी को सुना है? कौन कितने बजे घर जाती है, किससे मिलने जाती है। कहने को तो यह सब बातें फैलाना तो उनका शौक है, लेकिन यह एक टॉक्सिक शख्सियत भी है। लोगों के बारे में अफवाह फैलाना, ड्रामा को जन्म देता है।
इस तरीक़े के लोग जहां भी जाते है ड्रामा इनका पीछा करता है, क्यूँ? क्यूँकि यही उस ड्रामे का बीज बोते हैं। इधर की बात उधर करना, लोगों के बारे में बातें फैलना, इन पर आप विश्वास नहीं कर सकते क्योंकि यह आपके दोस्त बन आपकी बातें कोने कोने में फैलाएंगे।
ईर्ष्या तो हम सबको पता है की सबसे नकारात्मक भाव है। पर बहुत बार हम, ऐसे टॉक्सिक लोग, जो हमसे ईर्ष्या करते हैं, उन्हें पहचान नहीं पाते क्यूंकि ये हमारे करीबी दोस्त या शुभचिंतक के मुखौटे के पीछे छिपे होते हैं।
एक ईर्ष्यालु व्यक्ति की मुख्य निशानी है उनका दूसरे के लिए कभी खुश ना होना और ना उन्हें ख़ुश होने देना। दूसरों की ख़ुशी को भंग करना उनकी आदत है। यह दूसरों को नीचा दिखाते हैं ताकि अपने आप को उनके ऊपर महसूस कर सकें।
साथ ही यह व्यक्ति आलोचनात्मक भी होते हैं। किसी को अच्छा करता देख जब इनकी ईर्ष्या जागती है तो यह उस व्यक्ति पे नकारात्मक टिप्पणियाँ करते हैं, उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश में। कन्स्ट्रक्टिव क्रिटिसिज़म हर इंसान के लिए अच्छा होता है। पर कोई ऐसा इंसान जो सिर्फ़ आपकी बुराई करे या हमेशा आपको नीचा दिखाने के लिए सिर्फ़ आपकी ग़लतियाँ बताए और बुराई करे वो इंसान आपका शुभचिंतक नहीं।
टॉक्सिक लोग अपनी भावनाओं पर बिल्कुल नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। वे आप पर अपनी भावनाएँ और ग़ुस्सा निकालेंगे, यह मानकर कि आप उनकी परेशानी का कारण हैं। ऐसे लोगों के लिए ये समझना मुश्किल है कि आप भी किसी मुश्किल का सामना कर रहे हैं। वे आपको एक डस्टबिन की तरह इस्तेमाल करेंगे, अपनी मानसिक परेशानियां आप पर थोप देंगे और फिर खुद विक्टिम बने रहेंगे। ऐसे लोगों से हर कीमत पर बचा जाना चाहिए।
कई टॉक्सिक व्यक्ति आपके भी जीवन में आपने देखे होंगे। पर आम तौर पर हम यह छोटे छोटे नकारात्मक संकेत अनदेखे कर देते हैं या जाने देते हैं। इसका कारण कभी यह हो सकता है कि वह हमारे रिश्तेदार हैं या परिवार वाले हैं या हम संकोच करते हैं कि कहीं बोलने पर दोस्ती ना टूट जाए या रिश्ते ना खराब हो जाएँ। पर यही छोटी बातों पर अगर ध्यान ना दिया जाए तो ऐसे लोग हमारे जीवन में नकारात्मकता फैलाते रहेंगे, जो एक समय के बाद हमारी मानसिक स्थिति के लिए हानिकारक हो सकता है।
तो कैसे इन विषाक्त यानी टॉक्सिक लोगों से निपटें? सबसे अच्छा समाधान होता है इस रिश्ते को पूरी तरह से नजर अंदाज करना या इससे खुद को अलग कर लेना। लेकिन अगर यह संभव नहीं है तो? अगर यह आपके करीबी या परिवार है जिसे आप अनदेखा नहीं कर सकते हैं?
इसका सबसे प्रभावी समाधान होता है – सीमा निर्धारित करना
सीमा निर्धारित करना उन लोगों के लिए सबसे अच्छा समाधान है जिनके ना चाहते हुए भी ऐसे टॉक्सिक लोगों से घनिष्ठ संबंध हैं। एक टॉक्सिक व्यक्ति के साथ बिताए समय को निर्धारित करें। जितना कम से कम उनसे मिलें, ताकि ऐसी स्थिति ही ना आए जहां वह इनमें से कोई व्यवहार आपकी तरफ़ कर सके। सही सीमा निर्धारित करना एक स्वस्थ रिश्ते के लिए अति आवश्यक है।
इन संकेतो पर ध्यान दें, इन्हें पहचानें और उन्हें सामने ला कर एड्रेस करें। यह सिर्फ़ आपके ही भले के लिए नहीं बल्कि उस व्यक्ति की भलाई के लिए भी होगा। ताकि उन्हें शायद एहसास हो और वह अपना ये व्यवहार बदल सके।
साथ ही अपने आप पर और अपने व्यवहार पर भी ध्यान दे, कहीं चाहे अनचाहे आप भी तो इनमें से एक तो नहीं?
मूल चित्र: Still from Praan Frooto, “Sisters”/ YouTube(for representational purpose only)
A student with a passion for languages and writing. read more...
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