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पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के 10 कारण और उनके घरेलु उपाय

पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण गंभीर हो सकते हैं। इस स्थिति को मेनोरेजिया कहते हैं। इनके बारे में जानकारी होना ज़रूरी है।

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पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण गंभीर हो सकते हैं। इस स्थिति को मेनोरेजिया कहते हैं। इनके बारे में जानकारी होना ज़रूरी है।

पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक ब्लीडिंग होना असामान्य है। लेकिन अगर ये कभी-कभार होती है तो गंभीर नहीं है। अगर हर बार आपको ये समस्या हो रही है तो ये घातक बीमारियों का कारण बन सकती हैं। इनमें से एक स्थिति को मेनोरेजिया कहते हैं। 

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने का आसानी से पता चल जाता है। सामान्यतः पीरियड्स के 4-5 दिनों में 30 से 40 मिली लीटर तक रक्तस्त्राव होता है लेकिन अगर 80 मिली लीटर या इस से ज़्यादा हो तो इसे पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होना कहते हैं।  

पीरियड्स के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने के क्या कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन इसका समय पर इलाज़ ज़रूरी है। तो क्या हैं पीरियड्स के दौरान ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होने के कारण, लक्षण, उपाय और इससे होने वाली समस्याएं? (periods mein zyada bleeding hone ke karan)

पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग या होने के लक्षण (periods mein zyada bleeding hone ke lakshan)

  • पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द रहना
  • पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग ज्यादा होने से बार-बार पैड बदलने की आवश्यकता होना
  • पीरियड्स के रक्तस्त्राव में खून के थक्कों का आकर बड़ा होना
  • नियमित रूप से होने वाले रक्तस्त्राव से ज़्यादा होना 
  • मासिक धर्म के दौरान कमजोरी, थकान महसूस होना 
  • माहवारी एक हफ़्ते से अधिक हो  

पीरियड्स के दौरान ज़्यादा ब्लीडिंग क्यों होती है? क्या ये मेनोरेजिया है? (What is Menorrhagia in hindi)

पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कुछ कारण इस प्रकार है :

  1. फाइब्रॉयड ट्यूमर – गर्भाशय में ट्यूमर होने पर ब्लीडिंग अधिक होती है। 
  2. आयरन की कमी – शरीर में आयरन की कमी होने की वजह से एनीमिया तक हो जाता है। ये भी पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने का कारण है। 
  3. कैंसर – ओवेरियन कैंसर, गर्भाशय कैंसर की वजह से प्रजनन तंत्र या रिप्रोडक्टिव सिस्टम प्रभावित होता है। ये भी भारी मात्रा में ब्लीडिंग होने का एक कारण है। 
  4. हार्मोनल असंतुलन – महिलाओं के शरीर में हार्मोन का स्तर बिगड़ जाने पर गर्भाशय के अंदर बनने वाली परत मोटी हो जाती है और वो पीरियड्स में ब्लीडिंग के जरिए शरीर से बाहर आ जाती है। 
  5. गर्भाशय पॉलिप – यूट्रस की परत में पॉलीप्स बढ़ने लगता है। इसका मतलब जब हार्मोन के स्तर में वृद्धि हो जाती है तो हार्मोन असंतुलन हो जाते हैं और जिससे ज्यादा मात्रा में ब्लीडिंग होती है। 
  6. दवाएँ – शरीर में सूजन और जलन कम करने वाली दवाएं या एंटीकोगुलेंट दवाओं की वजह से भी हैवी पीरियड्स होते हैं। 
  7. प्रेग्नेंसी संबंधित समस्या – एक्टोपिक प्रेग्नेंसी जिसमें फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस के बाहर बढ़ने लगता है तो अन्य समस्याओं के साथ हैवी ब्लीडिंग मुख्य रूप से देखा जाती है। 
  8. गैर हार्मोनल गर्भनिरोधक उपकरण (इंट्रायूटरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस)  ये भी पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग के कारण हैं। 
  9. ब्लीडिंग डिसऑर्डर खून के थक्‍के जमने के कारण भी मासिक धर्म में ज्यादा मात्रा में ब्लीडिंग होती है। जो महिलाएं खून को पतला करने वाली दवा का सेवन करती है वह इस बीमारी से अक्सर ग्रस्त हो जाती हैं। 
  10. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) यह एक प्रकार का संक्रमण होता है जो यूट्रस, फैलोपियन ट्यूब्‍स आदि में होता है। पीआईडी मुख्य रूप से सेक्‍स संबंधी संक्रमण के कारण होता है और महिलाओं में माहवारी के दौरान हैवी ब्लीडिंग का कारण बन जाता है। 

मासिक धर्म में बार-बार भारी खून बहने से होने वाली समस्याएं

  • एनीमिया – ज्यादा ब्लीडिंग होने से रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। इससे हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होती है और खून में आयरन का स्तर भी गिर जाता है। यही एनीमिया का कारण है। 
  • दर्द – अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से कई बार असहनीय दर्द महसूस होता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
  • थकान, कमजोरी – ज्यादा ब्लीडिंग से बहुत कमजोरी महसूस होती है। नियमित कार्यों को करने में भी दिक्कत आ सकती है। बॉडी में एनर्जी बहुत कम हो जाती है। 
  • त्वचा में रूखापन – एनीमिया के कारण आँखों में सूखापन महसूस हो सकता है। त्वचा भी रूखी होने लगती है। 

पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर क्या करें : कुछ घरेलु उपाय (periods mein bleeding kam karne ke gharelu upay)

ये कुछ घरेलू उपाय भी मासिक धर्म में बार-बार हो रही हैवी ब्लीडिंग को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। लेकिन इसे नजरअंदाज न करें और सबसे पहले तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। 

  1. ऑयरन युक्त डाइट – अपनी डाइट में ऑयरन की मात्रा बढ़ाये। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। इससे पीरियड्स के दौरान आपकी ब्लीडिंग सामान्य हो सकती है। 
  2. धनिये के बीज – धनिये के बीज महिलाओं में हार्मोन को संतुलित करने का काम करते हैं। हार्मोन संतुलन होने पर ब्लीडिंग सामान्य होने लगती है। 
  3. सिरके के इस्तेमाल – सिरका शरीर की सारी गंदगी बाहर कर देता है और हार्मोन को व्यवस्थित करने में भी कारगर है। तो पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर एक ग्लास पानी में दो से तीन चम्मच सिरका मिलाकर पीने से फायदा होगा। सिरके के लिए सेब का इस्तेमाल करें। 
  4. दालचीनी – दालचीनी के इस्तेमाल से माहवारी में ज्यादा ब्लीडिंग में आराम मिलता है। दालचीनी पाउडर आप पानी, चाय या शहद के साथ ले सकती हैं। 
  5. सौंफ का पानी – हैवी ब्लीडिंग से पेट दर्द, थकान, आदि हो जाते हैं तो ऐसे में 1 कप पानी में 1 चम्मच सौंफ का पाउडर डाल कर लगभग 5 मिनट तक उबालें और इस के सेवन से आपको आराम मिलेगा। 
  6. अदरक – अदरक को पानी में कुछ मिनट उबालकर पीने से भारी मात्रा में होने वाले रक्तस्राव पर काबू पाया जा सकता है। 
  7. सरसों के दाने – सरसों के दानों के पाउडर का गुनगुने दूध के साथ 1 चम्मच लें। इससे काफी राहत मिलेगी। 
  8. तरल पदार्थ – ज्यादा ब्लीडिंग होने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में अपने आप को हाइड्रेट रखें। फलों का रस और पानी के सेवन से कमजोरी महसूस नहीं होगी। 

इसके अलावा आइस बैग या हॉट वॉटर बैग भी पेट के नीचे वाले हिस्से पर रखें। इससे हैवी ब्लीडिंग से होने वाले दर्द में आराम मिलता है। सबसे ज़रूरी है कि अपने डॉक्टर को दिखाने में देरी ना करें क्योंकि पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण महिलाओं के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं।(periods mein zyada bleeding hone ke karan) 

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मूल चित्र : Still from the Short Film, I am Pregnant, Content Ka Keeda/YouTube 

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Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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