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होमवर्क के बोझ पर मोदीजी से शिकायत करते हुए 6 साल की मासूम बच्ची के वीडियो ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का ध्यान खींचा।
होमवर्क को लेके परेशान तो हम सब ही रहे हैं बचपन में, लेकिन आज इस महामारी के समय में जहाँ बच्चों को स्कूल एक स्क्रीन के माध्यम से करना पड़ रहा है, होमवर्क का बोझ उनके नन्हे दिमाग़ पर और भारी पड़ रहा है।
हर उम्र के स्टूडेंट्स इस महामारी में पढ़ाई को ले कर परेशान हैं। ऐसी ही एक बच्ची का वीडियो हाल ही में वाइरल हुआ है। वीडियो में बच्ची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बच्चों पर होमवर्क का बोझ कम करने की अपील करती है। वीडियो ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
वीडियो में बच्ची कहती है “अस्सलामुअलैकुम मोदी साहब” आगे वह अपनी उम्र 6 साल बताती है।
वह बहुत ही मासूम तरीक़े से कहती है, “छोटे बच्चे जो होते हैं, 6,7 यीर्ज़ ओल्ड। उनको क्यूँ ज़्यादा काम रखते है मैडम और टीचर? इतना काम होता है बड़े बच्चों के लिए।”
अपनी क्लास के बारे में बताते हुए वह कहती है, “मेरी क्लास सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक है। इतना होमवर्क तो कक्षा 6,7,10 के छात्रों के लिए है। छोटे बच्चों को इतना होमवर्क मोदी साहब क्यों दिया जाता है?” वह कहते हुए अपने शिक्षकों द्वारा ज़ूम कक्षाओं के माध्यम से उसे बहुत अधिक होमवर्क देने की शिकायत करती है।
और बहुत प्यारे अन्दाज़ में वह, “अब क्या करें?” और “गुडबाय” कहते हुए वीडियो ख़त्म कर देती है।
Modi saab ko is baat par zaroor gaur farmana chahiye😂 pic.twitter.com/uFjvFGUisI— Namrata Wakhloo (@NamrataWakhloo) May 29, 2021
Modi saab ko is baat par zaroor gaur farmana chahiye😂 pic.twitter.com/uFjvFGUisI
इस छः साल की बच्ची का होमवर्क के भारी बोझ की मासूमियत के साथ शिकायत करने वाले वीडियो ने इंटर्नेट पर कई लोगों के दिल जीत लिए। साथ ही, स्कूली बच्चों पर दबाव को कम करने के लिए जम्मू-कश्मीर में एक नीति में बदलाव भी ले आया।
वाइरल हुए वीडियो ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का भी ध्यान आकर्षित किया। जिसके तहत उपराज्यपाल ने स्कूली छात्रों पर गृहकार्य का बोझ कम करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 48 घंटे में नीति बनाने का निर्देश दिया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वीडियो को एक “बहुत ही मनमोहक शिकायत” के रूप में वर्णित किया।
वीडियो के बारे में ट्वीट करते हुए उन्होंने ने लिखा, “बहुत ही मनमोहक शिकायत। स्कूली बच्चों पर होमवर्क का बोझ कम करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 48 घंटे के भीतर नीति बनाने का निर्देश दिया है। बचपन की मासूमियत भगवान का उपहार है और उनके दिन जीवंत, आनंद और आनंद से भरे होने चाहिए।”
श्री मनोज सिन्हा की ओर से लिया गया ये कदम बहुत ही सराहनीय है। इस समय में किसी भी उम्र के बच्चे हों, उनके ऊपर पड़ रहे मानसिक दबाव का ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, अपने दोस्तों से मिल नहीं पा रहे हैं। इतनी छोटी सी उम्र में उन्हें चार दीवारों के बीच बंद हो सिर्फ़ पढ़ाई करनी पड़ रही, वह भी एक स्क्रीन के माध्यम से। महामारी का समय बड़े-बड़े लोगों के लिए काफ़ी तनावपूर्ण है, तो बच्चों के मासूम नन्हे दिमाग़ पर इसका तनाव पड़ना तो ज़ाहिर है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा इसे नोटिस करना और इसपे ऐक्शन लेना, हर बच्चे को एक महसूस कराता है कि कोई उनको और उनकी बातों को सुन और समझ रहा है।
मूल चित्र: Via Twitter
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