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एक बड़ी खुशखबरी - दिल्ली खेल विश्वविद्यालय कुलपति पद पर भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी की नियुक्ति हुई हैं।
एक बड़ी खुशखबरी – दिल्ली खेल विश्वविद्यालय कुलपति पद पर भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी की नियुक्ति हुई हैं।
22 जून 2021 के दिन की शुरुआत एक खुशखबरी से हुई और वह खुशखबरी थी भारत की प्रथम महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी को दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की प्रथम कुलपति बनाए जाने की।
उनको दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली कुलपति बनाया जाना एक शुभ संकेत है और यह संकेत पितृसत्तामक समाज में एक नारी के अस्तित्व को स्वीकार करने का आरंभिक कदम है।
खेल और नारी को हमेशा एक अलग ही दृष्टिकोण से देखा जाता है। हम शायद खेल के मैदानों में पुरुष को ही देखने के इतने अभ्यस्त हो चुके थे कि हम मैदानों में खेलने वाली लडकियाँ देखना क्या सोचना भी नहीं चाहते थे।
हालाँकि समय ने करवट ले ली है और नारीवादी आंदोलनों के साथ साथ समाज में परिवर्तन आने आरम्भ हो गए हैं। धीरे-धीरे समाज में महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी को स्वीकार किया जाने लगा है।
यदि हम आज भी किसी से किसी महिला खिलाडी का नाम पूछें तो सानिया मिर्ज़ा, साइना नेहवाल, गीता फोगट जैसे कुछ गिने चुने नाम ही लोगों को पता होते हैं। वो नाम भी उन खिलाडियों पर मूवी बन के बाद ही लोग जान पाए हैं।
आज भी महिला क्रिकेट या अन्य किसी खेल की किसी महिला खिलाड़ी या कप्तान का नाम लोगों के ज़ेहन में भी आसानी से नहीं आता। कहीं न कहीं हमारा मिडिया भी इसका दोषी है जो हमेशा पुरुषों के खेलों को ही वरीयता देते हैं।
समय के बदलने के साथ महिला खिलाडियों की ख़बरें और तस्वीरें अभी समाचारपत्रों के प्रथम पृष्ठ पर आने लगी हैं। अभी महिला खिलाड़ी भी युवाओं के आदर्श बनने लगी हैं। इस बदलते दौर में कर्णम मल्लेश्वरी को खेल विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया जाना समाज के लिए एक शुभ संकेत है।
अर्जुन पुरस्कार ,राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर्णम मल्लेश्वरी आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। हालाँकि, आरंभ में कर्णम मल्लेश्वरी शारीरिक रूप से बेहद कमजोर थीं और उन्हें भारोत्तोलक जैसे खेल से दूर रहने को कहा गया, लेकिन उनकी माँ ने उनका हौसला बढ़ाते हुए उनको विश्वास दिलाया कि वह भारोत्तोलन कर सकती हैं।
वह उन सभी बच्चियों के लिए एक आदर्श हैं जो खेल के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती हैं।
कर्णम मल्लेश्वरी जैसी प्रतिभावान खिलाड़ी को दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की कुलपति बनाया जाना भारतीय महिला खिलाड़ियों के साथ-साथ सभी स्त्रियों के लिए गौरव की बात है। दिल्ली सरकार के समान बाकि राज्यों से भी इस तरह की नियुक्ति होने से खेलों के क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति में अवश्य सुधार आएँगे।
उनके कुलपति बनने से भविष्य की महिला खिलाड़ियों के लिये सफलता और अवसर के नये द्वार अवश्य खुलेंगे। ऐसी उम्मीद के साथ कर्णम मल्लेश्वरी को, उनकी नई भूमिका और जिम्मेदारी के लिए मैं तमाम महिलाओं की तरफ से असीम शुभकामनाएँ देना चाहती हूँ और आशा करती हूँ कि उनकी नियुक्ति से महिला खिलाड़ियों को विकास के अवसर अवश्य मिलेंगे।
मूल चित्र : Indiatvnews/PTI
I am Shalini Verma ,first of all My identity is that I am a strong woman ,by profession I am a teacher and by hobbies I am a fashion designer,blogger ,poetess and Writer . मैं सोचती बहुत हूँ , विचारों का एक बवंडर सा मेरे दिमाग में हर समय चलता है और जैसे बादल पूरे भर जाते हैं तो फिर बरस जाते हैं मेरे साथ भी बिलकुल वैसा ही होता है ।अपने विचारों को ,उस अंतर्द्वंद्व को अपनी लेखनी से काग़ज़ पर उकेरने लगती हूँ । समाज के हर दबे तबके के बारे में लिखना चाहती हूँ ,फिर वह चाहे सदियों से दबे कुचले कोई भी वर्ग हों मेरी लेखनी के माध्यम से विचारधारा में परिवर्तन लाना चाहती हूँ l दिखाई देते या अनदेखे भेदभाव हों ,महिलाओं के साथ होते अन्याय न कहीं मेरे मन में एक क्षुब्ध भाव भर देते हैं | read more...
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