कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
नागालैंड में 3 साल की बच्ची खुद डॉक्टर के पास जाती है जबकि माता-पिता काम के लिए बाहर गए थे, फोटो ने इंटरनेट पर जीता सबका दिल।
आज की दुनिया में बच्चे समय से पहले ही बड़े हो जा रहे हैं। दुनिया के हालात देखते हुए, उन्हें जिम्मेदारियों का, सही गलत का पता बहुत कम उम्र में ही चल जाता है।
यही दर्शाती है नागालैंड की रहने वाली एक छोटी सी बच्ची, लिपवी, जिसको सर्दी के लक्षण महसूस हो रहे थे। लेकिन चूंकि उसके माता-पिता काम करने के लिए चले गए थे, इसलिए उसने डॉक्टर के पास अपने आप जाकर जांच कराने का फैसला किया।
जुन्हेबोटो जिले की घाटशी तहसील के हेबोलिमी स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल स्टाफ को इस छोटी सी बच्ची पर आश्चर्य हुआ। मास्क पहन, सब प्रिकॉशन लेते हुए वह स्वास्थ्य केंद्र में आई, और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ने उसकी देखभाल की। डॉक्टर के साथ छोटी बच्ची की एक तस्वीर ऑनलाइन दिल जीत रही है।
जब यह फ़ोटो इंटरनेट पर आयी तो लोग हैरान हो गए ये देख कर की 3 साल का बच्चा अकेले डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाती है।
इस वायरल फोटो पर, कई डॉक्टरों ने भी कमेंट करते हुए कहा कि यह तस्वीर ऐसे समय में उन्हें उम्मीद देती है। उम्मीद की आने वाली पीढ़ी समझदार है, उन्हें अपनी जिम्मेदारी पता है। बदलती दुनिया के लिए वो खुद को तैयार कर रहे है।
‘उम्र सिर्फ एक संख्या है’। बड़ों की उपलब्धियों का वर्णन करने के लिए यह कहावत कही जाती है। हालांकि, नेटिज़न्स इसका उपयोग लीपवि, जो स्वयं स्वास्थ्य केंद्र में जाके आत्म जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना दिखती है, उसकी प्रशंसा करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
छवि को साझा करते हुए और लड़की की प्रशंसा करते हुए, भाजयुमो, नागालैंड के राज्य अध्यक्ष बेंजामिन येप्थोमी ने लिखा: “ऐसे समय में जब वयस्क खुद का परीक्षण और टीकाकरण कराने के लिए अनिच्छुक हैं, छोटी लिपवी, अपनी मासूमियत में, हममें से बाकी लोगों को आगे का रास्ता दिखा रही है। जिम्मेदारी समय की मांग है।”
उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए, उन्होंने प्रशंसा की और अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया।
बच्ची से लोग जितना प्रभावित हुए, कुछ इस बात से भी चिंतित थे कि महज 3 साल की उम्र में वह अकेली कैसे चली गई। येप्थोमी ने चिंतित लोगों को उत्तर दिया और समझाया: “यह एक छोटे से गाँव में है, यह घर से पैदल चलने योग्य दूरी पर है।”
सोशल मीडिया पर लोग इस नन्ही सी बच्ची से बहुत प्रभावित हुए और आशा व्यक्त की कि आने वाली पीढ़ी इसी स्तर की जागरूकता और जिम्मेदारी दिखाते रहे।
कई लोगों ने उसके माता-पिता की भी सराहना की उसे अच्छी सीख देने के लिए।
बेंजामिन येप्थोमी ने आगे बताते हुए कहा की सीएचओ नत्सुमी एचडब्ल्यूसी, पुघोबोटो आज शाम लिपवी को देखने गए, जब स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने उनसे मुलाकात की, तो लीपवि की तबयित ठीक थी और वह उनसे मिलके बहुत उत्साहित थी।
अपने बच्चों को आज की दुनिया में सही सिख और जीमेदारियों के बारे में बताना ज़रूरी है, ताकि वो इस बदलती दुनिया में खुद का ध्यान रख सके और जागरूक रहे। यह नन्ही सी बच्ची एक आशा की किरण है की हमारी आने वाली पीढ़ी जीमेदार और जागरूक है।
मूल चित्र: Via Twitter
A student with a passion for languages and writing. read more...
Please enter your email address