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महिलाएँ कब तक घरेलू हिंसा का शिकार होती रहेंगी? घरों के अंदर छिपी ऐसी कितनी ही कहानियाँ हैं जो सामने ही नहीं आ पाती।
चेतावनी: इस लेख में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा और घरेलू हिंसा का वर्णन है, और यह कई लोगों के लिए ट्रिगर हो सकता है।
एक आदर्श पति का रोल निभाने वाले अभिनेता क्या वास्तव में आदर्श पति होते हैं ? ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ का प्रसिद्ध किरदार नैतिक सिंघानिया एक आदर्श पति की भूमिका के लिए जाना जाता है। सीरियल में करण मेहरा ने यह किरदार निभाया है और हिंदुस्तान की लडकियाँ उनके जैसे पति का ही सपना देखती हैं, जो उनके हर नाज़ नक़्शे उठाए।
पर यही करण मेहरा आज जमानत पर हैं। निशा रावल ने उनके ऊपर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। निशा की शिकायत के बाद गोरेगाँव पुलिस ने करण को कस्टडी में भी लिया पर बाद में करण को जमानत मिल गई थी। इस मामले पर करण का कहना था कि निशा ने अपना सिर खुद ही दीवार में मारा था और वह उनको फँसाने की कोशिश कर रही है।
दूसरी तरफ निशा ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा और पत्रकारों से बात करते हुए वह कई बार भावुक भी हो गईं। उन्होंने अपनी दो तस्वीरें दिखाईं जहाँ एक तस्वीर में उनके सिर से खून बह रहा है और दूसरी में आंख के नीचे निशान भी दिखाई दे रहा है।
क्या निशा को अपने पति पर अंधविश्वास करने की सजा मिली है? पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि करण पहले भी उनपर हाथ उठा चुके हैं और अभी वह सीसीटीवी केमरे को ध्यान में रह कर उनसे दुर्व्यवहार कर रहे थे। उन्होंने बेडरूम में हाथ उठाया क्योंकि वहाँ केमरा नहीं था।करण ने उनके चेहरे पर घूंसा मारा है और उसके कारण उनके चेहरे पर निशान भी आए हैं।
जब निशा से यह पूछा गया कि वह ये सब क्यों बर्दाश्त कर रही थीं तो उनका जवाब था क्योंकि वह उससे प्यार करती थी और अभी भी करती है। पर ये सब उनकी मूर्खता थी, क्यूँकि करण का तो किसी और के साथ अफेयर था।
निशा ने कहा कि उनका बेटा काव्यस छोटा है और वह नहीं चाहती कि वह ये सब देखे। उन्होंने आगे कहा की वह अपने बच्चे के लिए ऐसा पिता नहीं चाहती। चीजों को इतना घटिया बनाने की क्या जरूरत है।
निशा की दिखाई गई तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। उनके दोस्तों ने भी उनकी तस्वीरों को इन्स्टाग्राम पर साझा किया है। टीवी इंडस्ट्री के अनेक लोग भी उनके समर्थन में आएँ हैं।
पर निशा और करण का केस हमें सोचने पर मजबूर करता है कि जब सेलेब्रेटी महिला भी सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाओं के बारे में तो हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। महिलाएँ कब तक घरेलू हिंसा का शिकार होती रहेंगी? ये प्रश्न हमारे समाज को कब तक टटोलता रहेगा ? घरों के अंदर छिपी ऐसी कितनी ही कहानियाँ हैं जो समाज में प्रतिष्ठा के भय से कभी सामने ही नहीं आ पाती।
मूल चित्र: midday india Via Youtube
I am Shalini Verma ,first of all My identity is that I am a strong woman ,by profession I am a teacher and by hobbies I am a fashion designer,blogger ,poetess and Writer . मैं सोचती बहुत हूँ , विचारों का एक बवंडर सा मेरे दिमाग में हर समय चलता है और जैसे बादल पूरे भर जाते हैं तो फिर बरस जाते हैं मेरे साथ भी बिलकुल वैसा ही होता है ।अपने विचारों को ,उस अंतर्द्वंद्व को अपनी लेखनी से काग़ज़ पर उकेरने लगती हूँ । समाज के हर दबे तबके के बारे में लिखना चाहती हूँ ,फिर वह चाहे सदियों से दबे कुचले कोई भी वर्ग हों मेरी लेखनी के माध्यम से विचारधारा में परिवर्तन लाना चाहती हूँ l दिखाई देते या अनदेखे भेदभाव हों ,महिलाओं के साथ होते अन्याय न कहीं मेरे मन में एक क्षुब्ध भाव भर देते हैं | read more...
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