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सच कहूँ तो, अगर मैं आगे बढ़ सकती हूँ, तो आप भी कर सकते हैं: नीना गुप्ता

दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता नीना गुप्ता अपनी आत्मकथा 'सच कहूँ तो' में अपने जीवन के बारे में सब कुछ साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं!

दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता नीना गुप्ता अपनी आत्मकथा ‘सच कहूँ तो’ में अपने जीवन के बारे में सब कुछ साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं! 

नीना गुप्ता बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय वरिष्ठ अभिनेताओं में से एक होने के साथ साथ एक ऐसी इंसान भी रही हैं जिनके जीवन को लेके काफ़ी चर्चाएँ हुई हैं। वह अक्सर जीवन के प्रति अपने ‘अपरंपरागत’ दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं, और प्रशंसक उन्हें काफी प्रेरणादायक पाते हैं। 

कुछ समय पहले उन्होंने एक इंस्टाग्राम सीरीज शुरू की थी, जिसका नाम है ‘सच कहूँ तो…’। इस सीरीज के जरिए वो अपने फैंस से दिल की बात शेयर करती हैं। साथ ही, हर उस टॉपिक पर भी बात करती हैं, जो उन्हें लगता है कि लोगों के सामने रखना चाहिए। और अब यही सिरीज़ एक किताब का रूप लेने जा रही है, जिसका शीर्षक यही होगा “सच कहूँ तो…” 

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई से लेकर सिंगल मॉम होने तक, बेरोजगार होने और नौकरी के लिए भीख मांगने तक, नीना ने इस किताब में अपने जीवन के कई निजी पहलुओं के बारे में बताया है।

करीना कपूर ने किया नीना गुप्ता की सच कहूँ तो का लॉंच

यह किताब फिल्म उद्योग की राजनीति, कास्टिंग काउच जैसे मुद्दो पर भी बात करती है, और यह भी कि एक युवा अभिनेता को गॉडफादर या गाइड के बिना जीवित रहने के लिए क्या करना पड़ता है।

नीना गुप्ता ने इस किताब का लॉन्च मंडे को अभिनेत्री करीना कपूर खान के साथ एक इंस्टाग्राम वीडियो चैट के दौरान किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वह 20 साल से यह आत्मकथा लिख ​​रही हैं और अक्सर वह सोचा करती थी कि क्या लोग उनके बारे में पढ़ने में रुचि रखते हैं।

“मेरी ज़िंदगी के बारे में लिखने को है क्या? लोग इसे पढ़ने में क्यों दिलचस्पी लेंगे? फिर लॉकडाउन हो गया… और मैंने अपने जीवन के बारे में बहुत सोचा और फिर से लिखना शुरू करने का फैसला किया।” 

उन्होंने कहा, “अब सब कुछ मेरे सिस्टम से बाहर है, जो चीजें मैं अपने अंदर सालों से छुपा रही थी वह अब बाहर हैं। मुझे लगता है कि अगर एक भी व्यक्ति मेरी किताब पढ़ने के बाद गलती नहीं करता है, अगर उन्हें लगता है कि ‘हाँ मुझे ये नहीं करना चाहिए’ तो इस किताब का मक़सद पूरा हो गया।”

आख़िरी मिनट पर एक आदमी ने उनसे कर दिया शादी करने से इनकार

नीना गुप्ता के खबरों में रहने वाली बातों में से एक है उनके रिश्ते। जिस पर अनेक लोगों की अलग अलग टिप्पणियां हमेशा से रही हैं। लेकिन अपने मन की बात कहते हुए नीना गुप्ता ने करीना कपूर से कहा, “वास्तव में, जब मैं किताब लिख रही थी, तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे प्रमुख वर्षों में मैं प्रेमी या पति के बिना रही हूँ। जब मैं यहां आयी थी, तब छोटे-छोटे कुछ अफ़ेर्ज़ बस, लेकिन कोई ठोस रिश्ता नहीं हुआ। मूल रूप से, मैं बिल्कुल अकेली थी।” 

उन्होंने इसी विषय पर एक आदमी के साथ शादी के कगार पर होने को भी याद किया, जिसने ‘आखिरी मिनट’ में शादी से मना कर दिया, “आज तक मुझे नहीं पता क्यूँ, लेकिन मैं क्या कर सकती हूँ? मैं आगे बढ़ गयी।” 

उन्होंने कहा कि जब वह लोगों को नियमित रिश्तों में देखती है तो वह अभी भी ईर्ष्या महसूस करती है, “लोग कहते हैं कि मैंने अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जिया। असल में ऐसा नहीं है। जहां भी मैं गलत हुई, मैंने इसे स्वीकार कर लिया और आगे बढ़ गयी।”

बच्ची आज महिला बन गयी है लेकिन फिर लोग करते है उसके जन्म पे बात

अपनी ज़िंदगी की दूसरी सबसे चर्चित बात, जो की उनकी बेटी के जन्म को लेके जिस पर लोग आज भी बात करते है, नीना गुप्ता ने कहा, “एक बच्चे के विवाह से बाहर होने (उनकी बेटी मसाबा का जिक्र करते हुए) के बारे में चर्चाएँ चलती रहीं। लोग अभी भी उसे बच्चा कह रहे हैं, भले ही वह अब एक महिला है।” 

उन्होंने एक बार सोशल मीडिया पर साझा किया था कि एक समय था जब उनकी जेब में पैसे नहीं थे। मसाबा गुप्ता के जन्म के दौरान अगर डॉक्टर ऑपरेशन के लिए कहते, तो वह इसे वहन नहीं कर पातीं।  लेकिन आज वह बॉलीवुड की सबसे मशहूर सीनियर एक्ट्रेस में से एक हैं। 

उन्होंने ने ये भी बताया कि कैसे उनके दोस्त सतीश कौशिक ने उनसे शादी करने का प्रस्ताव रखा ताकि उनकी बेटी को नाम मिल जाए, लेकिन उन्होंने मना कर अकेले अपनी बेटी को पालने का निर्णय लिया।

सच कहूँ तो नीना गुप्ता का लिखने के पीछे का कारण

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्मों में कम से कम 10 वर्षों तक सहायक भूमिकाओं वाले पत्रों से की। उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्मों में बधाई हो, शुभ मंगल ज्यादा सावधान आदि शामिल हैं।

इस किताब को लिखने की वजह को साझा करते हुए, उन्होंने एक आधिकारिक बयान में आगे खुलासा किया, “मुझे दो चीजों का एहसास हुआ, जिससे मुझे बहुत उम्मीद थी। मेरा जीवन ऐसी कई घटनाओं से भरा हुआ है जिन्होंने मुझे बनाया है और मुझे तोड़ दिया है, और मुझे इसकी आवश्यकता थी कि उन्हें बाहर निकालकर खुद को मुक्त करूँ।”

“दूसरी और अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि पुस्तक के माध्यम से मैं लोगों को यह भी बताना चाहता हूं कि मेरी खामियों के, मेरे टूटे रिश्ते और जीवन में मेरे हालात के बावजूद अगर मैं उठ सकती हूँ, आगे बढ़ सकती हूँ और ऐसा करते हुए वास्तव में अच्छी दिख सकती हूँ, तो आप भी कर सकते हैं!”

यह किताब नीना गुप्ता के जीवन की कहानी को सबसे “अप्रासंगिक रूप से ईमानदार” तरीके से बयान करेगी। वह अपने जीवन के बड़े माइल्स्टोन, अपनी अपरंपरागत गर्भावस्था और सिंगल माँ होने, और बॉलीवुड में सफल दूसरी पारी का इस किताब में विवरण देती है।

वह अपनी कहानी शेयर करके दर्शाती हैं कि ऐसे हर एक इंसान कभी न कभी कमजोर पड़ता है, ग़लतियाँ करता है, अकेला महसूस करता है। उनके जीवन पे लोगों ने जो भी कहा हो, बुरा या फिर उनके अपने हिसाब से जीवन जीने की प्रशंसा करना, लेकिन आख़िर वो भी इंसान ही है। वह कहती हैं, “आपने मेरे जीवन के बारे में जो पढ़ा, वास्तव में मैं चाहती नहीं थी कि मेरा जीवन ऐसा हो।” 

नीना गुप्ता आज के समय में बहुत लोकप्रिय अभिनेत्री हैं। और हो भी क्यूँ ना, वो यह नहीं दर्शाती की ज़िंदगी अपने हिसाब से जीनी चाहिए वो दर्शाती है की ज़िंदगी खुल के जीनी चाहिए, थोड़े से ह्यूमर के साथ जीनी चाहिए।

सच कहूँ तो, अपनी ज़िंदगी के हर पहलू को अनफ़िल्टर्ड तरीक़े से इस किताब में लिखती हैं नीना गुप्ता।

मूल चित्र: Nina Gupta Via Instagram

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Mrigya Rai

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