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स्पर्श का अनुभव हम सभी किसी न किसी रुप में हर रोज अपने जीवन में करते है। उम्मीद है मेरी ये कविता आपके मन को कहीं न कहीं स्पर्श ज़रुर करेगी ।
स्पर्श एक अनुभूति, एक अहसास है।इसकी भाषा भी एकदम अनूठी और ख़ास है।
सुरक्षा का अहसास दिलाता पिता का स्पर्श।निस्वार्थ ममता का अहसास दिलाता माँ का स्पर्श।
लड़-झगड़ कर भी परवाह का अहसास दिलाता भाई का स्पर्श।बिना कुछ कहे मन को पढ़ने का अहसास दिलाता बहन का स्पर्श।
मुझसे पहले तुम, इस सर्मपण का अहसास दिलाता जीवनसाथी का स्पर्श।कुछ भी कर जाने की जिम्मेदारी का अहसास दिलाता बच्चों का स्पर्श।
सहयोग का अहसास दिलाता पड़ोसी का स्पर्श।सब चिन्ता छोड़, इस बेफ़्रिक्री का अहसास दिलाता दोस्त का स्पर्श।
स्पर्श को शब्दों में किया नहीं जा सकता परिभाषित,एहसास ही बता सकता है कि ये मर्यादित है या है अमर्यादित।
कोई शब्द, कोई भाषा नही होती स्पर्श की,मौन रहकर भी स्पष्ट अभिव्यक्ति होती है स्पर्श की।
स्पर्श एक अनुभूति, एक अहसास है। इसकी भाषा भी एकदम अनूठी और ख़ास है।
मूल चित्र: GRT Jewellers Via Youtube
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...
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