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अब विधवा पेंशन योजना के माध्यम से विधवा महिलाओं को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
भारत सरकार द्वारा जो महिला पति की मृत्यु के बाद विधवा हो चुकी है उनके भरण-पोषण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए विधवा पेंशन योजना (Vidhwa Pension Yojana) की शुरुआत की गयी। कई राज्य सरकार अपने राज्य में आर्थिक रूप से गरीब बेसहारा विधवा महिलाओं को सहायता प्रदान कर रहे हैं जिससे वह अपना जीवन अच्छे से व्यतीत कर सके।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक महिला का बैंक में खाता होना अनिवार्य है। इसके साथ ही उसका बैंक खाता उसके आधार से अनिवार्य रूप से जुड़ा होना चाहिए। विधवा पेंशन योजना के माध्यम से विधवा महिलाओं के जीवन-स्तर को ऊपर उठाने का कार्य किया जा रहा है।
अब इस पेंशन योजना के माध्यम से विधवा महिलाओं को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी।
सरकार द्वारा विधवा पेंशन योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि देश की हर विधवा महिलाओं, जो पति के मृत्यु के बाद बेसहारा हो जाती हैं और उनके पास कोई आर्थिक इंकम नहीं होती है, उनकी ज़रूरतों के लिए धनराशि के रूप में सहायता दी जाए। पति की मृत्यु के बाद महिलाओं को कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा विधवा पेंशन योजना संचालित की गयी।
इस योजना के माध्यम से विधवा महिलाएं आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनेंगी और उन्हें अपना जीवन यापन करने में ज्यादा कठनाईयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस योजना के अंतर्गत देश की विधवा महिलाओ को प्रतिमाह सरकार द्वारा कुछ रूपये की पेंशन धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में उपलब्ध करा रहे हैं।
इस योजना का लाभ देश मुख्य रूप से विधवा महिलाओं को प्रदान करता है। देश की सभी ज़रूरतमंद आर्थिक रूप से गरीब बेसहारा विधवा महिलाएं अपने राज्य की राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गयी इस आर्थिक सहायता से अपना जीवन अच्छे से व्यतीत कर सकती हैं।
इस योजना का लाभ केवल उन पात्र आवेदकों को मिलता है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
पेंशन की पूरी राशि सरकार द्वारा सीधे लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में डाली जाती है, ताकि कोई उनके हक के पैसे चुरा न पाए। यही कारण है कि योजना का आवेदन करने के लिए बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है, जो आधार से लिंक होना चाहिए। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश की आर्थिक रूप से गरीब उन विधवा महिलाओ को प्रदान किया जायेगा जिनकी आयु 18 से 60 वर्ष की होगी।
लेकिन कुछ राज्य में अलग अलग उम्र निर्धारित है, जैसे इंदिरा गाँधी योजना के तहत 40 से 60 की आयु होनी चाहिए। और राजस्थान में उम्र के अनुसार धनराशि निर्धारित है, 18 से 55 के बीच की उम्र की ₹750, 60 से 75 के उम्र की ₹1000 और 75 के ऊपर की उम्र की ₹1500।
हर राज्य का मूल्य अलग है, जैसे उत्तर प्रदेश में इस योजना तहत ₹300 रुपय दिया जाता है, बिहार में ₹400, झारखंड में ₹600।
महाराष्ट्र में भी ₹600 प्रति माह पेंशन के रूप में दिया जाता है, लेकिन यदि किसी घर में कमाने वाला कोई ना हो और बच्चे की संख्या अधिक हो तो महाराष्ट्र सरकार के द्वारा उस विधवा को ₹900 प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान में प्रतिमाह ₹750 पेंशन के रूप में उपलब्ध कराई जाती हैं। और अगर महिला 60 वर्ष से 75 वर्ष की आयु के बीच है तो उसे ₹1000 प्रति माह की धनराशि दी जाएगी। इसी प्रकार राजस्थान सरकार के द्वारा 75 वर्ष से अधिक आयु की विधवा महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान कर ₹1500 रूपए प्रति माह धनराशि देने का निर्णय लिया गया है।
हर राज्य की विधवा पेन्शन योजना अलग है। वैसी ही एक योजना है, केंद्र सरकार के द्वारा इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना। इस योजना के तहत भी विधवा महिलाओं को वित्तीय सहायता केंद्र सरकार के द्वारा सीधे प्रदान की जाती है । Indira Gandhi Widow Pension Scheme के तहत महिलाओं को केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिमाह ₹300 पेंशन के रूप में उनके बैंक खाते में जमा किया जाता है।
इस योजना के तहत केवल वही महिलाएं आवेदन कर सकती हैं जिनकी उम्र 40 वर्ष से 60 वर्ष के भीतर हो। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर तथा उन्हें सरकारी आर्थिक मदद उपलब्ध कराना है ताकि उनका जीवन यापन सही से हो सके। इंदिरा गाँधी विडो पेंशन स्कीम के तहत बीपीएल परिवार की विधवा महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं।
हर राज्य की योजना के बारे में आप यहाँ जान सकते हैं
ग़रीबी रेखा के नीचे आने वाली 18 से 60 वर्ष की विधवा महिला ही इस योजना का लाभ ले सकती है।
लेकिन इस योजना के तहत यदि पति की मृत्यु के बाद आवेदिका ने पुनर्विवाह किया है, तो उसे इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
यदि विधवा के बच्चे अभी उम्र में बड़े नहीं हैं या यदि उम्र में बड़े हैं, लेकिन अपनी माँ की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं, तो महिला को पेंशन मिलेगी।
यदि कोई विधवा वयस्क नहीं, यानी 18 की उम्र के ऊपर नहीं है तो वह पेंशन पाने के लिए पात्र नहीं होगी।
साथ ही केवल विधवा महिलाएं ही इस योजना के तहत मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकती हैं, उनके बच्चे या परिवार का कोई अन्य सदस्य को विधवा की मृत्यु के बाद इसका लाभ नहीं मिलेगा। ये योजना सिर्फ़ विधवा के जीवित रहने तक ही मान्य रहेगी।
• आवेदिका का आधार कार्ड
• पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र
• निवास प्रमाण पत्र
• आय प्रमाण पत्र
• आयु प्रमाण पत्र
• बैंक अकाउंट पस्बुक
• मोबाइल नंबर
• पासपोर्ट साइज फोटो
जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कारन चाहते है तो वह इस लिंक के द्वारा इस योजना के लिए अप्लाई कर सकते है। हर राज्य की अलग ऑनलाइन लिंक है, अपने राज्य की लिंक पर जाके अप्लाई कर सकते हैं।
और अगर ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो अपने जिला समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन देना होगा।
मूल चित्र: Still from Movie Pagglait
A student with a passion for languages and writing. read more...
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