कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
औरत की योनि से जुड़ा सबसे बड़ा ऑब्सेशन है सेक्स। जब भी सेक्स की बात आती है तो सारा ध्यान आ कर जहां रूक जाता है, वो है योनि।
जब बात मर्द की होती है तो हम ताक़त, हिम्मत और कई संज्ञाओं से उसकी तुलना करते हैं लेकिन बात जब औरत की होती है तो आज भी कहीं ना कहीं उसके भावनात्मक पहलुओं से अधिक उसके जिस्मानी पहलुओं पर ज़्यादा बात होती है।
ब्यूटी विद ब्रेन्स (Beauty with brains) इतनी बड़ी बात क्यों है? क्योंकि लड़की की पहचान आज भी सुंदर लड़की, गोरी लड़की, भरे शरीर वाली लड़की, कुछ इस तरह की जाती है।
शारीरिक रूप से औरत का एक अंग है योनि, जिससे हमारा समाज ऑब्सेस्ड है और ये मनोग्रस्तियां सिर्फ़ सेक्स तक सीमित नहीं है, कहीं ना कहीं औरत की पूरी पहचान ही एक अंग तक सिमट कर रह गई है।
आज की आधुनिक दुनिया में भी हमारे समाज में कई जगह योनि की पूजा की जाती है।
कई छोटे-छोटे गांव और कस्बों में कई मंदिर हैं जहां कुंवारी कन्याओं को देवी बनाकर बिठाया जाता है और लोग उनकी पूजा करने आते हैं। कुंवारी कन्याएं उन्हें कहा जाता है जो वर्जिन होती हैं।
कुछ लोग मानते हैं कि जो औरत, कुंवारी कन्या की पूजा करती है उसकी मां बनने की कामना पूरी हो जाती है। सभी लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं जिनका हम पूरा सम्मान करते हैं लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सही भी है?
हम मानसिक तौर भी कहीं ना कहीं इस बात से ग्रसित हैं कि औरत की शक्ति या महिला उत्पीड़न को अगर किसी प्रतीक से दिखाया जा सकता है तो वो है योनि।
हां, ये सही है कि योनि, औरत को आदमी से अलग करती है, योनि औरत को जननी भी बनाती है लेकिन महिला जेंडर की पूरी परिभाषा इसके ही ईर्द-गिर्द क्यों गढ़ी जाती है?
योनि सिर्फ़ शारीरिक तौर पर आपको अलग करती है। कई किन्नर और ट्रांसवुमन हैं, लेकिन उनके पास ज़रूरी नहीं कि वजाइना हो। और ऐसे ही कुछ ट्रांसमेन के पास वजाइना है, लेकिन उनका जेंडर महिला नहीं। तो आज के समय में ये कहना कि सिर्फ वजाइना से महिला जेंडर है, गलत है।
योनि से जुड़े नारीवाद को सिर्फ़ औरत से जोड़ना बंद करना होगा। वजाइना से जुड़े नारे और वजाइना की जगह फूल की पेटिंग लगाकर पूरे फेमिनिज़्म को दर्शाना इसे बस एक अंग तक सीमित कर देता है। असली नारीवाद सबको साथ लेकर चलने की बात करता है इसे योनि की वॉल्व से ना बांधें।
औरत की योनि से जुड़ा सबसे बड़ा ऑब्सेशन है सेक्स। जब भी सेक्स की बात आती है तो औरत की सिर्फ़ एक ही चीज़ पर सारा ध्यान आ कर रूक जाता है, योनि। वैसे भी हमारे आधे से अधिक समाज में आज भी औरत के हर अंग पर उसके पति का अधिकार माना जाता है ख़ासकर उसे शादी से पहले संबंध बनाने की मनाही है क्योंकि फिर वो कुंवारी कैसे रहेगी?
और हमारे समाज में वैसे भी एक औरत पवित्र (pure) है या अपवित्र (polluted) ये आपका आचार-विचार या व्यवहार तय नहीं करता, योनि करती है। कइयों को सेक्स के नाम पर केवल यही पता होता है कि लिंग और योनि का संभोग।
योनि के पांच हिस्से होते हैं – क्लिटॉरिस (भगशिश्न), योनि मुख, सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा), गुदा और पेरिनम (योनिमुख के बीच का हिस्सा) तो हम इसे औरत की पूरी पहचान क्यों बना देते हैं। योनि से जुड़े हमारे समाज की ऐसी विचारधाराओं पर अंकुश तभी लग सकता है जब हम ख़ुद भी औरत को सिर्फ उसके ‘body assets’ से नहीं बल्कि उसकी ताकत, शालीनता, निर्भीकता, शक्ति, दया-भावना से पहचानेंगे।
यदि आपको भी योनि से जुड़े अंधविश्वासों के बारे में पता है या फिर आपको भी लगता है कि औरत की पूरी परिभाषा को योनि से जोड़ कर देखा जाता है तो अपने विचार ज़रूर साझा करें।
मूल चित्र : lurii Maxymiv from Grtty Images Signature via Canva Pro
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