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बालिका वधू सीजन 2 में जन्म लिया है एक नई आनंदी ने

बालिका वधू सीजन 2 का प्रोमो कलर्स टीवी ने जारी किया और टीजर के कैप्शन में लिखा है, "बाल विवाह वो कुप्रथा है जो आज भी समाज में कायम है..."

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बालिका वधू सीजन 2 का प्रोमो कलर्स टीवी ने जारी किया और टीजर के कैप्शन में लिखा है, “बाल विवाह वो कुप्रथा है जो आज भी समाज में कायम है…”

“छोटी सी उमर परणाई ये बाबो सा
काई थारो करयो मैं कसूर,
इतना दिन तो म्हाने लाड लडाया
अब क्यों करो सा म्हाने दूर
हो…”

कलर्स टीवी का सबसे पहला सुपर हिट शो बालिका वधू का ये भावुक गीत आशा है कि सालों बाद भी मेरे साथ साथ आप दर्शकों के ज़ेहन में भी ताज़ा होगा। इस सीरियल से जहाँ नन्ही अविका ग़ौर को आनंदी के रूप में घर घर में पहचान मिली वहीं अपनी अलग कहानी और दमदार स्टार कास्ट के कारण बालिका वधु सीजन 1 कलर्स टीवी का सुपर हिट शो भी बन गया था।

अब सालों बाद कलर्स टीवी के मेकर्स दुबारा बालिका वधु सीजन 2 लॉन्च करने की तैयारी में है।

क्या थी बालिका वधू सीजन 1 की कहानी?

बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर आधारित बालिका वधु सीरियल की कहानी एक छोटी बच्ची आनंदी के इर्द गिर्द बुनी गई थी जो खुद इस कुप्रथा की शिकार हुई थी और बाल विवाह जैसे कुप्रथा के खिलाफ लड़ाई भी करती नज़र आयी थी।

बालिका वधू सीजन 2 प्रोमो जारी

बालिका वधू सीजन 2 का प्रोमो कलर्स टीवी के द्वारा जारी कर दिया गया है। प्रोमो में एक छोटी बच्ची सजी धजी नज़र आती है और साथ ही एक महिला ये कहती नज़र आती है कि, “अब हमें इस बच्ची के लिये एक नन्हा राजकुमार ढूंढ़ने की जरुरत है!”

साथ ही इस शो के टीजर के कैप्शन में लिखा है कि, “बाल विवाह वो कुप्रथा है जो आज भी समाज में कायम है। इसी कुप्रथा को मिटने आ रही है एक नयी कहानी, एक नयी आनंदी…”

बालिका वधू के दूसरे सीजन के द्वारा भी मेकर्स भारत में फैली बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाते नज़र आयेंगे साथ ही बाल विवाह जैसी कुरीति की शिकार बच्चियों की जिंदगी पे इसका क्या प्रभाव पड़ता है ये भी दिखाने का प्रयास करेंगे।

बालिका वधू के पहले सीजन में जहाँ अविका ग़ौर हमें आनंदी के रूप में नज़र आयी थी वहीं सीजन 2 में भी एक नन्ही बच्ची श्रेया पटेल नज़र आयेंगी जो इस सीजन की नई आनंदी होंगी. राजस्थान के बाल विवाह जैसी कुप्रथा पे आधारित बालिका वधु सीरियल का नाम सबसे लम्बे चलने वाले शो के रूप में लिम्का बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है।  सामाजिक ताने बाने पे आधारित बालिका वधु में अब नई पीढ़ी की कहानी दिखाई जायेगी।

बालिका वधु सीजन 2 (यूट्यूब)

बाल विवाह सिर्फ कोरी कल्पना नहीं

टीवी सीरियल में दिखाये जाने वाले बाल विवाह पे बने सीरियल सिर्फ निर्माताओं की कोरी कल्पना भर नहीं होती इसका संबन्ध भारत में कुछ समाजों में फैली एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया से भी होता है जिसमें माता पिता आपस में बात कर अपने नाबालिक बच्चों (लड़का और लड़की )की शादी कर देते है.

बाल विवाह के कुछ कारण

मेरे नज़रिये से तो इस प्रकार की शादियों के पीछे कई कारण भी होते है जिनमें मुख्य कारण गरीबी और अशिक्षित होना है। बेटियों को बेटों के मुकाबले कम समझाना और बेटियों को आर्थिक बोझ समझना भी ऐसी कुप्रथा को बढ़ावा देती है इसके साथ ही सालों से चली आ रही सामाजिक प्रथाएं और परम्पराएं भी ऐसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म नहीं होने देतीं।

बाल विवाह के कुप्रभाव

• जो लड़कियाँ कम उम्र में विवाहित हो जाती है उन्हें अकसर कई तरह की शारीरिक समस्या घेर लेती है जिनमें कम उम्र में शारीरिक संबन्ध और गर्भधारण से जुड़ी समस्या होने की संभावना अधिक होती है।
• लड़कियाँ कम उम्र होने के कारण अकसर लड़कियाँ घरेलु हिंसा का शिकार बन जाती हैं।
• लड़कियाँ शिक्षा से वंचित रह जाती हैं।
• बाल विवाह लड़कियों के लिये गरीबी, अशिक्षा और बीमारी का एक भंवर जाल बन रह जाती हैं जिससे निकलना असंभव हो जाता है।

बाल विवाह रोकने के लिये कई तरह के कानून बने है साथ ही लड़कियों की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष सुनिश्चित की गई है फिर भी समाज के कई पिछले वर्ग में आज भी ये कुरीति देखी जाती है।

बालिका वधू जैसे सीरियल का बनना इस कुरीति के दुष्परिणामों को दिखलाने और समाज को जागरूक करने का एक बहुत ही सुखद प्रयास है जिसका मैं खुले दिल से स्वागत करती हूँ साथ ही इस सीरियल को फिर से कलर्स चैनल पे देखने को भी उत्सुक हूँ।

आशा है बाल विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषय पे बने बालिका वधू के इस दूसरे सीजन को भी दर्शकों का वैसा ही प्यार और सहयोग मिलेगा जैसे पहले सीजन को मिला था।

मूल चित्र : ठोस Khabar/ YouTube

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