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प्यार बांटते चलो

फरिश्ता नहीं इंसान बनकर इंसानियत का गीत गाते हैं। जज्बे और हिम्मत की कड़ी से कड़ी जोड़,प्यार बांटते चलो, बस प्यार बांटते चलो।

फरिश्ता नहीं इंसान बनकर इंसानियत का गीत गाते हैं। जज्बे और हिम्मत की कड़ी से कड़ी जोड़,प्यार बांटते चलो, बस प्यार बांटते चलो।

प्यार है ऐसा धन, बांटें तो और बढ़े,

फिर क्यों हम इसे व्यर्थ करें?

चलो प्यार बांटते चले।

वक्त है सख्त,

छोड़कर अपने मान और अभिमान,

रूठी जिंदगी को फिर से हंसाने के लिए चलें।

पिन्हा में रखकर अपने गम,

आओ बांटे प्यार के सारे रंग।

बेचैनी- परेशानियों के इस दौर में,

आओ मिलकर साथ खड़े हो हम। 

कितनी बड़ी हो चाहे मुसीबत,

मुखालिफ़ उसकी करें साथ मिलकर हम।

बना प्यार को हथियार इस दौर से लड़े जंग हम।

खो गए हैं जो इस दौर में,

प्यारे पलों को उनके याद करें हम।

आंख का पानी बना यादों की उनको ना व्यर्थ करें,

माना पीड़ा बहुत है दिलों में,

प्यार बांट कर उसे कुछ कम करें।

ना उम्मीदी को छोड़,

आओ! उम्मीदों की बात करें।

मुश्किल माना दौर है, सुईयों की घड़ियों में खौंफ है,

इस खौंफ पर पैबंद प्यार का लगा दे।

अफ़सुर्दा चेहरों पर मुस्कान थोड़ी सी सजा दें,

चलो बांटते हैं प्यार।

गिराकर नफरतों की सारी दीवार।

एक दूसरे के गमों पर प्यार का मरहम लगाते हैं।

चलो बन पीर-फ़कीर प्यार बांटते हैं।

उदासी के काले बादलों से उम्मीद की नई किरण निकालते हैं।

फरिश्ता नहीं इंसान बनकर इंसानियत का गीत गाते हैं।

जज्बे और हिम्मत की कड़ी से कड़ी जोड़,

प्यार बांटते चलो, बस प्यार बांटते चलो।



मूल चित्र: preganews via Youtube

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