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डॉ क्यूटरस ने दिया तरुण तहिलियानी की “माफ़ी” का करारा जवाब

डॉ. क्यूटरस का डिज़ाइनर तरुण तहिलियानी के स्टोर में उनके साथ हुए भेदभाव को उजागर करना उद्देश था, ना कि किसी बड़े ब्रांड को नीचा दिखाना।

डॉ. क्यूटरस का डिज़ाइनर तरुण तहिलियानी के स्टोर में उनके साथ हुए भेदभाव को उजागर करना उद्देश था, ना कि किसी बड़े ब्रांड को नीचा दिखाना।

हमारी dr cuterus के इंस्टाग्राम और ट्विटर पर, अपने साथ हुए तरुण तहिलीयनी के स्टोर में बॉडी शेमिंग की बात बताने के बाद, डिज़ाइनर के इंस्टाग्रैम पेज पर एक बयान जारी किया गया। जिसमें डिज़ाइनर ने कहा कि कोवीड के कारण अंबावत्ता के स्टोर में साइज़ की समस्या से वह जूझ रहे हैं। साथ ही साथ उन्होंने ने ये भी लिखा कि डॉक्टर तन्या का साइज़ (उन्होंने साइज़ नम्बर सार्वजनिक कर दिया) स्टोर में नहीं था और ना तो वो नया बना सकते थे, क्योंकि समय कम था।

अपनी बात आगे रखते हुए डिज़ाइनर ने कहा कि उनकी टीम ने डॉक्टर तन्या से सीधे सम्पर्क करने की कोशिश भी की थी उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर, कोई रिप्लाई नहीं आया।

डिज़ाइनर के बयानों को पढ़ने के बाद डॉक्टर तन्या ने अपने इंस्टाग्रैम अकाउंट पर एक पोस्ट डाला। जिसमें उन्होंने इस बयान में कही बातों को ग़लत बताया है। अपनी कही बातों की सच्चाई बताने के लिए उन्होंने डिज़ाइनर के स्टोर पर जाने से पहले ईमेल के द्वारा सारी जानकारी दे देने की बात कही। जिसमें साइज़ की बात भी लिखी थी। 

डिज़ाइनर के अंबावत्ता स्टोर पर उनके साथ हुए भेदभाव को उजागर करना भर उनका उद्देश था, ना कि किसी बड़े ब्रांड को नीचा दिखाना। “पर्फ़ेक्ट दुल्हन” की छवि से बाहर निकल कर एक सही सोच की ओर दिखाना उनका मक़सद था। ऐसा उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है। स्टोर के कर्मचारियों का, उनके प्रति उदासीनता दर्शाता व्यवहार सरासर ग़लत था।

डॉ तन्या की कही बातें कई सवाल उठाती हैं

डॉ तन्या की कही बातें कई सवाल उठाती हैं।

ऐसा क्यों नहीं होता कि स्टोर हमें जज करने की बजाए खुश करने की तरीक़ों पर ध्यान दें? दिल को दुखाने वाले सुझावों, जैसे कि ये ड्रेस आपके रंग पर ठीक नहीं लगेगा या इस ड्रेस में आप शेप में लगेंगी – देने के बजाए शॉपिंग को एक फन बनाये रखने में कस्टमर की मदद करें। बदलाव केवल एक स्टोर में न हो बल्कि लोगों की सोच में हो। डॉ तन्या की कही बातों ने मन में एक छाप छोड़ दी है। 

ये सब पढ़ कर हम सभी महसूस कर सकते हैं कि कैसे एक लड़की को दुनिया के सामने झूठा बना देना कुछ लोगों के लिए मामूली सी बात होती है। डॉक्टर तन्या से बिना पूछे उनके साइज़ को सार्वजनिक कर देना कहाँ से सही है? खुद को ज़िम्मेदार और सबकी इज़्ज़त करने वाला डिज़ाइनर होने का दावा करते हैं, पर एक लड़की की सच्चाई से डर, उसे ग़लत साबित करने के लिए झूठ का प्रयोग करने से बाज़ नहीं आते।

पूरी मर्दों की सेना खड़ी हो जाती है उस एक मर्द का साथ देने को

ऐसा देखा जाता है कि एक लड़की के बोलने पर लड़के बवाल मचाने लगते हैं। तरह-तरह की बातें बनाने लगते हैं, जैसे कि  – लड़कियां हमेशा हर बात में लिंग भेद को ला खड़ा कर देती हैं, हर बात पर नारीवाद का शोर मचाने लगती हैं और भी कई ऐसी बातें हैं। ठीक इसके विपरीत जब किसी एक मर्द को कोई समस्या होती है तो, पूरी मर्दों की सेना खड़ी हो जाती है उस एक मर्द का साथ देने को।

कब तक हम स्त्रियां अपने साथ हो रहे बॉडी शेमिंग को नज़रअंदाज़ करती रहेंगी?

जब इतने नामी गिरामी डिज़ाइनर के स्टोर के कर्मचारियों का महिलाओं के लिए भेदभावपूर्ण रवैया सामने आता है, तो मैं ये सोचने पर मजबूर हो जा रही हूँ कि साधारण दुकानों में महिलाओं को किन-किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ता होगा। कब तक हम स्त्रियां अपने साथ हो रहे बॉडी शेमिंग को नज़रअंदाज़ करती रहेंगी? लोगों के ग़लत नज़रिये को अपनी कमी समझती रहेंगी? अब समय चुप बैठने का नहीं बल्कि आवाज़ उठाने का है। अपने या किसी और के साथ हो रही ऐसी घटिया हरक़त को हमें मिल कर रोकना होगा। आज ऐसा कर हम सभी अपने बच्चों के लिए एक बेहतर कल का निर्माण करेंगी।

सिर्फ विमेंस डे पर महिलाओं को प्रोडक्ट्स में थोड़ी बहुत पैसे की छूट देने से बात नहीं बनेगी

वैसे पहले के मुक़ाबले आजकल समाज में बॉडी शेमिंग के बारे में लोग ज़्यादा बातें करते हैं, ख़ास कर पब्लिक फिगर्स। ऐसी उम्मीद की जाती है कि वो समाज के लिए सकारात्मक उदाहरण बनेंगे। इसके लिए उन्हें अपने कर्मचारियों की नियुक्ति पर विशेष ध्यान देना होगा। एक नियम के तहत केवल ऐसे लोगों को काम दें, जो हर उपभोक्ता के साथ एक समान सही व्यवहार करें। तब कही जा कर स्थिति में सुधार आएगी।

दुखद हैं ऐसी घटनाएँ जो महिलाओं को उनके साथ हुए भेदभाव के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने से रोकने का भरपूर प्रयास करती हैं। सिर्फ विमेंस डे पर महिलाओं को प्रोडक्ट्स में थोड़ी बहुत पैसे की छूट देने से बात नहीं बनेगी। हमें सम्मान चाहिए, जो हमारा अधिकार है।

फिर से कहती हूँ और कहती रहूंगी, डॉक्टर तन्या की कही बातों ने मन में एक छाप छोड़ दी है।

मोर पावर टू यू  गर्ल!

मूल चित्र : dr_cuterus IG/Wikipedia

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Ashlesha Thakur

Ashlesha Thakur started her foray into the world of media at the age of 7 as a child artist on All India Radio. After finishing her education she joined a Television News channel as a read more...

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