कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
इतनी मेरी सामर्थ्य नहीं,कि गुरू का ऋण उतार सकूँ।बस इतना समर्थ बना देना,जो तुमसे मिला,वो बाँट सकूँ। गुरू-चरणों में नमन।
कुछ न कुछ हमें सिखाती, सृष्टि की प्रत्येक कृति। बस भीतर हमारे सदा रहे, शिष्य भाव की वृति। इतनी मेरी सामर्थ्य नहीं, कि गुरू का ऋण उतार सकूँ। बस इतना समर्थ बना देना, जो तुमसे मिला,वो बाँट सकूँ।
मूल चित्र: Popxo via YouTube
विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।
Samidha Naveen Varma Blogger | Writer | Translator | YouTuber • Postgraduate in English Literature. • Blogger at Women's Web- Hindi and MomPresso. • Professional Translator at Women's Web- Hindi. • I like to express my views on various topics read more...
Please enter your email address