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इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर डॉ तन्या कहती हैं, "मैं शादी से पहले डाइटिंग क्यों नहीं कर रही ये सवाल मेरे परिवार और दोस्तों द्वारा पूछा गया।"
इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर dr_cuterus की डॉ तन्या कहती हैं, “मैं शादी से पहले डाइटिंग क्यों नहीं कर रही ये सवाल मेरे परिवार और दोस्तों द्वारा पूछा गया।”
आज मैं महिलाओं की एक ऐसी समस्या के बारे में बात करने जा रही हूँ, जो हममें से शायद ही किसी ने महसूस नहीं की होगी।
उस समस्या का नाम है “बॉडी शेमिंग” यानि कि जब कोई भी दूसरा इंसान हमें हमारे शरीर की बनावट पर कुछ ज्ञान (अच्छा या बुरा) देता है तो वो बॉडी शेमिंग (body shaming) कहलाता है।
ऐसा नहीं है कि ऐसी बातें हमें सिर्फ बाहर वालों या अनजान लोगों से सुनने को मिलती है बल्कि ज़्यादातर ऐसी बातें हमें हमारे परिवारवाले, रिश्तेदार और दोस्त सुना बैठते हैं।
अभी हाल ही में इंस्टाग्राम पर बॉडी शेमिंग की एक पोस्ट ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर dr_cuterus की डॉ तन्या ने अपने साथ हुए बॉडी शेमिंग के बारे में बताया।
यह घटना डिज़ाइनर तरुण ताहिलियानी (Designer Tarun Tahiliani) के Ambawatta स्टोर में हुई। अपनी उस पोस्ट में डॉ तन्या लिखती हैं कि “शादी से पहले लड़कियों पर शारीरिक वज़न कम करने का दबाव बहुत बढ़ जाता है। मैं शादी से पहले डाइटिंग क्यों नहीं कर रही ये सवाल मेरे परिवार और दोस्तों द्वारा पूछा गया। कुछ लोगों ने तो मुझे स्लिमिंग टी (Slimming Teas) भी भेज दीं।
डिज़ाइनर तरुण ताहिलियानी के ब्राइडल स्टोर ने भी मुझे बॉडी शेम किया। उनके देखने के तरीक़े से पता चल जाता है। वहीं डिज़ाइनर अनीता डोंगरे (Designer Anita Dongre) ने मुझे मेरी पसंद का लेहंगा मेरे साइज में बना कर दे दिया। उनकी जितनी भी तारीफ करों कम है। कई लोगों ने मेरे डबल चिन और लहंगे में पेट दिखने पर अपनी घटिया टिप्पणियां भी की, पर मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।” ऐसी ही और कई बातें dr_cuterous ने अपनी पोस्ट पर साझा की। पूरी पोस्ट और उसके कमैंट्स पढ़ें यहां
अब इस पोस्ट से तो यही समझ आ रहा है कि डॉ तन्या की सारी अचीवमेंट्स को उनके शरीर की बनावट के आगे भुला दिया गया या समाज की भाषा में कहें तो उनका मज़ाक बनाया गया क्यूँकि आज भी औरत सिर्फ एक शरीर है?
ऐसा क्यों कि हर लड़की के लिए एक जैसी शारीरिक बनावट को तय कर दिया गया है? क्यों हमें शारीरिक लंबाई, त्वचा के रंग और शारीरिक बनावट यानी दुबली-पतली की श्रेणियों में बाँट कर हमेशा देखा जाता है? किसी को पतली कह कर तो किसी को मोटी कह कर पुकारा जाता है। किसी के रंग में कमी निकली जाती है तो किसी की लंबाई में।
ऐसे लोग अपने विचारों को खुल कर महिलाओं के सामने ऐसे रख देते हैं मानो कितना बड़ा समाज कल्याण का काम कर रहे हों। इतना ही नहीं कई लोग तो आँखों से ही हमें एहसास दिला देते हैं कि हम लड़कियां उनकी बनाई श्रेणियों में कहाँ आती हैं।
बॉडी शेमिंग के लिए हमारे आसपास के लोग ही ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं। शादी से पहले बेटियों से ये कहना कि अगर दुबली नहीं होगी तो कोई शादी नहीं करेगा हर घर में प्रचलित है। रिश्तेदारों का अनचाहा ज्ञान और दोस्तों की बिन मांगी सलाह से हम महिलाओं को मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। शादी के बाद ससुरालवाले बची-खुची कसर निकाल देते हैं।
बॉडी शेमिंग सुनने में एक मज़ाक या अनचाही सलाह जैसा लगता है, पर इसका असर हमारे मानसिक स्वास्थ पर बुरा होता है। आत्मविश्वास को चोट पहुँचाती है ऐसी बातें। जिसके कारण पीड़ित महिला लोगों से मिलने में कतराने लगती हैं। खुद में कमियां खोजना शुरू कर देती हैं, जो आगे चल कर डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है।
चलिए अब लोगों की बातें छोड़ कर बॉडी शेमिंग में कपड़ों के ब्रांड्स के दुखद योगदान की बातें करें।
बॉडी शेमिंग में क्लोथिंग ब्रांड्स का बहुत बड़ा हाथ है। क्या आप में से किसी के साथ ऐसा हुआ है कि कपड़े ख़रीदते समय किसी मनपसंद ब्रांड में आपका साइज ही न हो?
मुझे ऐसा क्यों लगता है कि आपमें से ज़्यादातर लोगों ने इस बात पर अपनी सहमति दी है। हम भारतीय महिलाओं की शारीरिक बनावट एक दूसरे से काफी भिन्न होती हैं, पर तब भी हमारे क्लोथिंग ब्रांड्स कपड़ों की बस 3-4 तरह की ही साइज़ रखते हैं। और वो भी कुछ काल्पनिक लड़कियों की जो हमारे आसपास नज़र नहीं आती हैं।
यहाँ मैं ये नहीं कह रही कि हर एक महिला को ध्यान में रख कर कपड़े बनाने चाहिए (वैसे अगर ऐसा होता तो बढ़िया होता) पर कम से कम कोई ऐसा मापदंड तो हो जो सामान्य भारतीय महिलाओं को ध्यान में रख कर तय किया गया हो। एक ही सांचे में आप हमें फिट करना कब छोड़ेंगे?
हम महिलाओं को हमेशा यह याद रखना चाहिए कि हर महिला ख़ूबसूरत होती है और ख़ूबसूरती उनकी ख़ुशी में झलकती है न की त्वचा के रंग, कपड़ों या किसी अन्य मापदंडों में।
मूल चित्र : dr_cuterus/Instagram
Ashlesha Thakur started her foray into the world of media at the age of 7 as a child artist on All India Radio. After finishing her education she joined a Television News channel as a read more...
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